पटना: बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिक्षकों के सर्टिफिकेट सत्यापन के आंकड़ों को सार्वजनिक (Teachers union demand data of Verifiy teachers certificates In Bihar) किया जाए. बताया जाए कितने शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच हुई है. कितने की लंबित है. संघ के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने बताया कि हमारे यहां ज्यादातर शिक्षकों का सर्टिफिकेट कई प्रमाणपत्र दूसरे राज्यों से है. ऐसे में डाटा जारी नहीं होने से नवनियोजित शिक्षकों में दुविधा है.
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40 हजार का हो चुका है नियोजनः सौरभ ने बताया कि सूबे में छठे दौर के शिक्षक नियोजन में चार चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया में लगभग 43 हजार शिक्षकों को नियुक्त किया जा चुका है. शिक्षा विभाग अब ऐसे शिक्षकों को वेतन देने की कवायद में जुट गया है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को लेटर के माध्यम से सूचित किया है कि छठे दौर में नियुक्त वैसे शिक्षक जिनका सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूर्ण हो चुका है. उनका वेतन भुगतान किया जाए.
30 सितम्बर तक ही होना था सत्यापनः 2019-20 में नियुक्त शिक्षकों का वेतन जल्द ही मिलने की उम्मीद है. शिक्षा विभाग ने सभी तरह के प्रमाण पत्रों की जांच की अंतिम तारीख 30 सितंबर तय कर रखी है. विभाग के सूत्रों के अनुसार के जिन शिक्षकों के सभी प्रमाणपत्र बिहार के बाहर का है, उनका सत्यापन लगभग पूर्ण हो गया और उनके वेतन की कारवाई जल्द शुरू हो जाएगी, लेकिन जिन नवनियुक्त शिक्षकों का प्रमाणपत्र दूसरे राज्य के हैं, उनको अभी और इंतजार करना होगा.
बोले शिक्षक नेताः सौरभ ने कहा कि इस बार के नियोजन प्रक्रिया में चार चरण होने के कारण ज्यादातर शिक्षकों का नियोजन अपने घर से दूर हुआ है. ऐसे में उनका बिना वेतन का गुजारा मुश्किल हो रहा है. डॉक्यूमेंट जांच का दूसरा विकल्प तलाश करते हुए शिक्षा विभाग सभी नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन अविलंब जारी करने की पहल करने की मांग की है.
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