पटना: बिहार में नई सरकार बनने के बाद बीजेपी के नेता सीएम नीतीश कुमार पर हमलावार (BJP Leaders attack Cm Nitish Kumar) है. बयानबाजी का एक भी मौका बीजेपी नहीं छोड़ना चाहती. बीजेपी जहां एक ओर नीतीश कुमार को घेरने में लगी है तो वहीं, जेडीयू भी चुप नहीं बैठी है. दोनों पार्टियों की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है. एक बार फिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार और जेडीयू पर हमला बोला है. साथ ही कहा है कि तीन वजहों से नीतीश कुमार बीजेपी से दूर हुए (Three reason Nitish got away from BJP).
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'इस वजह से से BJP से दूर हुए नीतीश कुमार': बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में एनडीए गठबंधन के टूटने के तीन कारण (Three reasons to break NDA in Bihar) हैं. इसमें से एक है कि नीतीश कुमार की महत्वकांक्षा. दूसरी की लालू परिवार के सदस्यों की सत्ता में वापस लौटने की बेचैनी और तीसरी सबसे बड़ी वजह है ललन सिंह को केंद्र सरकार में मंत्री न बनाए जाने का जलन. उन्होंने कहा कि इन तीन वजहों के अलावा और कोई कारण नहीं है कि गठबंधन टूट गया.
''जब मैंने सबको नीतीश कुमार के महत्वकांक्षा वाली बात बता दी तो जेडीयू परेशान हो रही है. जानबूझकर जदयू मेरे ऊपर बयान दे रही है. मगर उसका फायदा उसे नहीं होगा.'' - सुशील मोदी, नेता, बीजेपी (राज्यसभा सांसद)
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'नई सरकार में नीतीश कुमार मूकदर्शक की भूमिका में रहेंगे' : इसी के साथ सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शानदार सफलता मिलेगी. नीतीश कुमार इसके साक्षी बनेंगे. सूमो ने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव डिफैक्टो मुख्यमंत्री हैं. बिहार में उनकी सरकार है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर केवल बैठे रहेंगे. लेकिन सरकार के सारे फैसले लालू यादव और तेजस्वी यादव लेंगे. वर्तमान परिस्थिति में नीतीश कुमार सिर्फ मूकदर्शक बन कर देखने के सिवा कुछ नहीं कर पाएंगें.
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ललन सिंह ने सुशील मोदी को दिया करारा जवाब: इससे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सुशील मोदी को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी का बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ. जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तो के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कौन जाए, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है. नीतीश जी कभी ना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और ना ही उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति पद के. यदि ऐसे ही बयान देने से बीजेपी नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं उनके साथ है.
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