ETV Bharat / city

बलात्कार मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की याचिका पर 23 सितंबर को हाेगी सुनवाई - सुप्रीम काेर्ट में शाहनवाज हुसैन रेप मामला

उच्चतम न्यायालय दुष्कर्म मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध दायर याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई करेगा.

शाहनवाज हुसैन
शाहनवाज हुसैन
author img

By

Published : Sep 19, 2022, 10:09 PM IST

पटना/नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय दुष्कर्म मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध दायर याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ ने सोमवार को शिकायतकर्ता महिला के वकील के अनुरोध पर संज्ञान लिया. शुक्रवार को हुसैन की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया.

इसे भी पढ़ेंः दरभंगा पहुंचकर बोले शाहनवाज हुसैन- अमित शाह के दौरे पर विरोधी कर रहे हैं दुष्प्रचार

उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़े दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी. भाजपा नेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि झूठा आरोप लगाया गया है. महिला के वकील द्वारा स्थगन के अनुरोध के बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी.
उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को हुसैन की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में गर्भाशय घोटाला पर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव से पूछा- 'कार्रवाई की क्या योजना है?'

उच्च न्यायालय ने कहा था कि निचली अदालत के 2018 के आदेश में कोई गड़बड़ी नहीं है, और उसने आदेश पर अमल पर रोक को लेकर अपने पूर्व के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने हुसैन की याचिका पर दिल्ली पुलिस और शिकायकर्ता महिला को नोटिस जारी किये थे और कहा था कि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद प्रथमदृष्टया यह माना जाता है कि इस मामले पर विचार करने की जरूरत है. पीठ ने कहा था कि मामले पर आगे विचार किए जाने तक (उच्च न्यायालय के) आदेश के अमल पर रोक रहेगी.

गौरतलब है कि दिल्ली की एक महिला ने 2018 में निचली अदालत का रुख करते हुए दुष्कर्म के आरोप में हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था.
हुसैन ने आरोपों से इनकार किया है. एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सात जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि महिला की शिकायत से एक संज्ञेय अपराध का मामला बनता है. भाजपा नेता ने एक सत्र अदालत में इसे चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. (भाषा)

पटना/नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय दुष्कर्म मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध दायर याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ ने सोमवार को शिकायतकर्ता महिला के वकील के अनुरोध पर संज्ञान लिया. शुक्रवार को हुसैन की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया.

इसे भी पढ़ेंः दरभंगा पहुंचकर बोले शाहनवाज हुसैन- अमित शाह के दौरे पर विरोधी कर रहे हैं दुष्प्रचार

उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़े दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी. भाजपा नेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि झूठा आरोप लगाया गया है. महिला के वकील द्वारा स्थगन के अनुरोध के बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी.
उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को हुसैन की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में गर्भाशय घोटाला पर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव से पूछा- 'कार्रवाई की क्या योजना है?'

उच्च न्यायालय ने कहा था कि निचली अदालत के 2018 के आदेश में कोई गड़बड़ी नहीं है, और उसने आदेश पर अमल पर रोक को लेकर अपने पूर्व के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने हुसैन की याचिका पर दिल्ली पुलिस और शिकायकर्ता महिला को नोटिस जारी किये थे और कहा था कि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद प्रथमदृष्टया यह माना जाता है कि इस मामले पर विचार करने की जरूरत है. पीठ ने कहा था कि मामले पर आगे विचार किए जाने तक (उच्च न्यायालय के) आदेश के अमल पर रोक रहेगी.

गौरतलब है कि दिल्ली की एक महिला ने 2018 में निचली अदालत का रुख करते हुए दुष्कर्म के आरोप में हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था.
हुसैन ने आरोपों से इनकार किया है. एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सात जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि महिला की शिकायत से एक संज्ञेय अपराध का मामला बनता है. भाजपा नेता ने एक सत्र अदालत में इसे चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. (भाषा)

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.