पटना: बिहार के पटना (Patna) के मसौढ़ी (Masaurhi) के पास राधेश्याम नगर (Radheshyam Nagar Masaurhi) में पिछले 5 महीने से लोगों के घरों से लेकर सड़क तक पर सीवर का गंदा पानी (Sewer Waterlogging In Patna) बह रहा है. इसकी वजह से हर रोज स्थानीय लोगों को इसी गंदे नाले के पानी में से गुजरना पड़ता है. सीएम के सात निश्चय योजना में से एक योजना नली गली भी है लेकिन ये सभी योजनाएं धरातल पर कितनी उतर रही है ये जानने के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत भी नहीं है. राजधानी में ही इसकी पोल खुल गई है. ईटीवी भारत (ETV Bharat Bihar) ने राधेश्याम नगर में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश की.
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मसौढ़ी के राधेश्याम नगर के लोग पिछले पांच महीनों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. लेकिन आज तक इन लोगों की सुध किसी ने नहीं ली. मोहल्ले की तस्वीर देखकर ऐसा लगता है कि यहां बाढ़ का पानी जमा है, लेकिन हकीकत तो ये है कि जमा पानी नाले का है. विडंबना ये है कि पूरे शहर की नाले का पानी इस मुहल्ले में आकर जमा हो चुका है.
"हमारे यहां नाले का गंदा पानी बह रहा है, जिसके कारण लोग बीमार भी हो रहे हैं. बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी हो रही है. बड़े बच्चे तो पानी से गुजरने के बाद आगे जाकर कपड़े बदल लेते हैं लेकिन छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है. छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. चार-पांच महीनों से यही हाल है,पानी आजतक कम ही नहीं हुआ है."- ज्योति कुमारी,राधेश्याम नगर निवासी,मसौढ़ी
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नाले के कमर तक पानी में किसी तरह लोग अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं. मुहल्ले मे जाने के लिए टायर के नाव का भी सहारा लिया जाता है. कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे राधेश्याम नगर के मुहल्ले वासियों की हालत बेहद खराब है. आलम यह है कि इस मुहल्ले मे रहने वाले लोगों के घरो मे मरीजों की स्थिति बहुत चितांजनक है.
"कमर भर पानी लगा हुआ है. आने जाने में बहुत कठिनाई हो रही है. गंदे पानी के कारण सांस लेना भी दूभर हो गया है. कई लोग तो अपना घर छोड़ दूसरे स्थानों में शरण लेने को मजबूर हैं."- कमला कुमारी,राधेश्याम नगर निवासी,मसौढ़ी
बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. रोजमर्रा की चीजों की खरीदारी के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. दिन मे तो किसी तरह से लोग पानी से निकल आते हैं, मगर रात मे इमरजेंसी होने पर बहुत परेशानी होती है. ऐसी विकट परिस्थित को देखते हुए कई लोग अपने घरों को छोड़कर कहीं और शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं.
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"हमलोग चार महीने से गंदे पानी में डूबे हुए हैं. बच्चों को आने जाने में बहुत कष्ट है. एमरजेंसी के समय तो और ज्यादा परेशानी होती है. किसी को अस्पताल लेकर जाना हमारे लिए आसान नहीं. एंबुलेंस कैसे आएगा बताइये. रात को तो परेशानी और बढ़ जाती है. हमारे लिए कुछ स्थायी उपाय करना चाहिए. ये नहीं कि पानी निकाल दिए और फिर लापता हो गए, इससे हमें कोई फायदा नहीं होगा."- संजीवन सिंह,राधेश्याम नगर निवासी,मसौढ़ी
मसौढ़ी का राधेश्याम नगर पईन के किनारे अवस्थित है, जहां शहरभर के नाले का पानी ओवर फ्लो होकर भर आया है और बाढ़ जैसे हालात पिछले पांच महीने से बने हुए हैं. जिसको लेकर लोगों का जीना मुहाल हो गया है. लोगों को अब महामारी फैलने से डर भी सता रहा है. पानी के दुर्गंध से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
"क्या हाल है हमारे मोहल्ले का बताने की जरुरत नहीं है, हकीकत सबके सामने है. इसका जल्द से जल्द निदान हो, नहीं तो अब हम सब सड़क जामकर अपनी मांगों से जनप्रतिनिधियों को रुबरु कराएंगे."- रविंद्र कुमार,राधेश्याम नगर निवासी,मसौढ़ी
"चार महीने से इतना जलजमाव हो गया है कि लोगों के बीमार पड़ने की संभावना बढ़ गई है. आवागमन के कारण बच्चों का स्कूल भी बाधित हो रहा है. सामान खरीदने जाना है, ड्यूटी पर जाना है या किसी अन्य काम से कहीं भी जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है."--सतिश कुमार,राधेश्याम नगर निवासी,मसौढ़ी
राधेश्याम नगर की समस्या की जानकारी मिलते ही ईटीवी भारत बिहार ने तुरंत नगर परिषद मसौढ़ी कार्यपालक पदाधिकारी जगन्नाथ यादव से बात की और पूछा कि कबतक लोगों को ऐसे हालात का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पानी निकासी करने को लेकर आदेश निर्गत कर दिया है. अब इस नाले के गंदे पानी को निकालने के लिए ह्यूम पाइप लगाया जायेगा. ऐसे में लोगों में भी अब उम्मीद जगी है कि जल्द से जल्द इस गंदे नाली के पानी से इन्हें छुटकारा मिलेगा.