पटना : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को रोके जाने को उनकी हत्या की साजिश (Sanjay Jaiswal On pm modi security breach) बताया. घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई यह चूक (PM Modi Security Breach) कोई मामूली और अंजाने में हुई घटना नहीं थी, बल्कि यह पूरे सुनियोजित तरीके से भीड़ की आड़ में उनकी हत्या की साजिश थी.
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संजय जायसवाल ने कहा कि एक रैली के लिए पंजाब पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को एक फ्लाईओवर पर इस तरह से बीच में फंसा देना जिससे कि वे आगे या पीछे नहीं जा सके और सामने हंगामा करने वालों की भीड़ खड़ी कर देना अनायास नहीं बल्कि सोच समझ कर किया गया प्रयास था. राज्य के सीएस और डीजीपी ने प्रधानमंत्री के काफिले को रास्ता क्लियर होने की झूठी जानकारी दी थी. इससे साजिश का संदेह और गहरा हो जाता है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे जवानों को धन्यवाद देते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एक भीषण संकट से बच सके, उसका पूरा श्रेय उनकी सुरक्षा में लगे एसपीजी जवानों को जाता है. उन्हीं की सूझबूझ, कर्मठता और त्वरित निर्णय लेने के कारण पीएम की हत्या की साजिश रचने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया. जिस कौशल से एसपीजी सुरक्षाकर्मियों ने प्रधानमंत्री मोदी को सुनियोजित तरीके से लगाये गये जाम से निकाल कर सुरक्षित बठिंडा हवाई अड्डे तक पहुंचा दिया, उसके लिए देश उनका सदैव ऋणी रहेगा.
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कांग्रेस पर बिफरते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि पंजाब की यह निंदनीय घटना दर्शाती है कि कांग्रेस अब नीचता की सारी हदें पार कर चुकी है. यूं ही नहीं कहा जाता कि सत्ता से बाहर रहने वाली कांग्रेस सत्ता में रहने वाली कांग्रेस से ज्यादा खतरनाक होती है. यह लोग मोदी को हरा नहीं सकते तो अब उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रचने लगे हैं. वास्तव में अब इस पार्टी में न तो राजनीतिक शुचिता बची है और न ही शर्म और लिहाज.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस घटना पर शर्मिंदा होने की बजाए जिस ढीठता और निर्लज्जता से कांग्रेस नेता, इस प्रकरण से पल्ला झाड़ रहे हैं वह उनके मानसिक दिवालियेपन का जीवंत प्रमाण है. देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ऐसी चूक बिना शासन-प्रशासन के रजामंदी के हो ही नहीं सकती. इसीलिए हमारी मांग है कि इस घटना की स्वतंत्र एजेंसी द्वारा गहन जांच करवाई जाए और दोषियों को, चाहे वह कितने भी बड़े हो अविलंब सलाखों के पीछे किया जाए.
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