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विधानसभा में सुमो ने की चारा घोटाले की चर्चा, RJD ने किया विरोध तो BJP ने कसा तंज

बिहार विधानसभा में सुशील मोदी ने चारा घोटाले का जिक्र किया जिसपर आरजेडी ने अपनी आपत्ति दर्ज की. वहीं बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा.

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Published : Jul 24, 2019, 10:08 PM IST

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पटना: बिहार विधानसभा में विनियोग अधिकाई व्यय पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चारा घोटाले पर चर्चा छेड़ी. वहीं उनके इस बयान पर आरजेडी के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को हटाने की मांग की.

चारा घोटाले का जिक्र
दरअसल 1977 से लेकर 2015 तक 140 अधिकाई व्यय के समायोजन को लेकर विधानसभा से अनुमति लेनी थी, लेकिन चारा घोटाला की वजह से विभाग के 650 से अधिक करोड़ अभी भी फंसे हैं, क्योंकि कोर्ट ने रोक लगा रखी है. 650 करोड़ किन किन मदों में निकासी की गई उसी का सुशील मोदी ने जिक्र कर दिया जिस पर आरजेडी ने विरोध किया.

विधानसभा में सुमो ने की चारा घोटाले की चर्चा

इस तरह किया गया घोटाला
सुशील मोदी ने कहा कि पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान में कई गड़बड़ी की गई.1990-91 में पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान के मुताबिक 54 करोड़ की निकासी की जा सकती थी लेकिन नियमों के विपरित 84 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई.

  • दूसरे साल 1991-92 में 59 करोड़ के बजाए 129 करोड़
  • तीसरे वर्ष 1992-93 में 66 करोड़ की जगह 154 करोड़ से ज्यादा
  • चौथे साल 1993-94 में 74 करोड़ की जगह 199 करोड़ की निकासी
  • पांचवें साल 1994-95 में 74 करोड़ की जगह 245 करोड़ निकासी
  • छठे साल 1995-96 में 82 करोड़ की जगह 205 करोड़ से अधिक की निकासी

RJD का विरोध
सुमो के इस बयान पर भोला यादव ने कहा कि सुशील मोदी ने जानबूझकर इस तरह की बात की है. इस पर मुख्यमंत्री जब मौजूद थे तो उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए था. आरजेडी नेता ने विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को कार्यवाही से हटाने की मांग की.
BJP का तंज
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उपमुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा. चारा घोटाले में लालू यादव जेल में बंद है. यही कारण है कि उस घोटाले का जब भी जिक्र होता है तो इन्हें मिर्ची लगती है.

पटना: बिहार विधानसभा में विनियोग अधिकाई व्यय पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चारा घोटाले पर चर्चा छेड़ी. वहीं उनके इस बयान पर आरजेडी के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को हटाने की मांग की.

चारा घोटाले का जिक्र
दरअसल 1977 से लेकर 2015 तक 140 अधिकाई व्यय के समायोजन को लेकर विधानसभा से अनुमति लेनी थी, लेकिन चारा घोटाला की वजह से विभाग के 650 से अधिक करोड़ अभी भी फंसे हैं, क्योंकि कोर्ट ने रोक लगा रखी है. 650 करोड़ किन किन मदों में निकासी की गई उसी का सुशील मोदी ने जिक्र कर दिया जिस पर आरजेडी ने विरोध किया.

विधानसभा में सुमो ने की चारा घोटाले की चर्चा

इस तरह किया गया घोटाला
सुशील मोदी ने कहा कि पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान में कई गड़बड़ी की गई.1990-91 में पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान के मुताबिक 54 करोड़ की निकासी की जा सकती थी लेकिन नियमों के विपरित 84 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई.

  • दूसरे साल 1991-92 में 59 करोड़ के बजाए 129 करोड़
  • तीसरे वर्ष 1992-93 में 66 करोड़ की जगह 154 करोड़ से ज्यादा
  • चौथे साल 1993-94 में 74 करोड़ की जगह 199 करोड़ की निकासी
  • पांचवें साल 1994-95 में 74 करोड़ की जगह 245 करोड़ निकासी
  • छठे साल 1995-96 में 82 करोड़ की जगह 205 करोड़ से अधिक की निकासी

RJD का विरोध
सुमो के इस बयान पर भोला यादव ने कहा कि सुशील मोदी ने जानबूझकर इस तरह की बात की है. इस पर मुख्यमंत्री जब मौजूद थे तो उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए था. आरजेडी नेता ने विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को कार्यवाही से हटाने की मांग की.
BJP का तंज
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उपमुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा. चारा घोटाले में लालू यादव जेल में बंद है. यही कारण है कि उस घोटाले का जब भी जिक्र होता है तो इन्हें मिर्ची लगती है.

Intro:पटना-- बिहार विधानसभा में विनियोग अधिकाई व्यय पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार में चारा घोटाला कैसे हुआ उसका भी जिक्र कर दिया असल में 1977 से लेकर 2015 तक 140अधिकाई व्यय के समायोजन को लेकर विधानसभा से अनुमति लेना था लेकिन पशुपालन चारा घोटाला के कारण पशुपालन विभाग के 650 से अधिक करोड़ का मामला अभी भी फंसा हुआ है क्योंकि कोर्ट ने रोक लगा रखा है 650 करोड़ किन किन मदों में निकासी की गई उसी का सुशील मोदी ने जिक्र कर दिया जिस पर आरजेडी के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को हटाने की मांग की।


Body:सुशील मोदी ने कहा कि 1990 91 में पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान 54 करोड़ के विधि विरुद्ध 84 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई दूसरे साल 1991 92 में 59 करोड़ के प्रावधान के विरुद्ध 129 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई तो वही तीसरे वर्ष 1992 93 में 66 करोड़ के स्थान पर 154 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई चौथे साल में 1993 94 में 74 करोड़ की जगह 199 करोड़ की निकासी कर ली गई 5 वें साल 1994 95 में 74 करोड़ की जगह 245 करोड की राशि की निकासी कर ली गई वर्ष 1995 96 में 82 करोड़ की जगह 205 करोड़ से अधिक की राशि की निकासी कर ली गई।
इसके साथ सुशील मोदी ने कहा कि 959 भेड़, 5664 सूअर, 40504 मुर्गी, 1577 बकरी के लिए रांची, चाईबासा दुमका, जमशेदपुर, गुमला और पटना में 10.30 करोड़ के चारे की आवश्यकता थी जिसके विरुद्ध 253 करोड़ से अधिक की फर्जी खरीदारी की गई पशु चारा में पीला मक्का केवल 10% होता है परंतु 3 वर्षों में केवल उपरोक्त 6 जिलों में आवश्यकता का 115 गुना अधिक 154. 72 करोड़ रुपए का पीला मक्का की फर्जी खरीदारी दिखा दी गई। बादाम की खल्ली संयुक्त आहार में 15% होती है परंतु 33 गुना अधिक जिसकी कीमत 72.69 करोड़ होता है खरीदी गई ।
सुशील मोदी ने कहा भैंस के सींग में तेल लगाने के लिए ₹15 लाख का 49950 किलो सरसों का तेल होटवार दुग्ध आपूर्ति सह डेयरी फार्म के महाप्रबंधक डॉ जेनुअल भेंगराज ने खरीदा। सुशील मोदी ने कहा पशुपालन विभाग का अधिकाई व्यय 650 करोड़ से भी अधिक का है इस पर कोर्ट ने रोक लगा रखा है सुशील मोदी के इस बयान पर आरजेडी सदस्यों ने आपत्ति जताई भोला यादव ने कहा कि सुशील मोदी ने जानबूझकर इस तरह की बात की है और मुख्यमंत्री जब मौजूद थे तो हस्तक्षेप करना चाहिए था भोला यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को कार्यवाही से हटाने की मांग की वहीं बीजेपी के विधायक संजय सरावगी ने कहा कि सुशील मोदी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है कि चारा घोटाले में लालू यादव जेल में बंद है कि नहीं चारा घोटाला का जब भी जिक्र होता है तो इनको मिर्ची लगने लगता है।
बाइट्स-- भोला यादव विधायक आरजेडी
संजय सरावगी, विधायक बीजेपी


Conclusion:जब सुशील मोदी सदन के अंदर बोल रहे थे तो मुख्यमंत्री भी मौजूद थे और मंद मंद मुस्कुरा रहे थे विधानसभा अध्यक्ष को पूछना पड़ा कि क्या यह भी अधिकाई व्यय से संबंधित है।
अविनाश, पटना।
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