पटना: बिहार में कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है. कोरोना संक्रमण को लेकर किये गए सरकारी इंतजामों पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार अभी तक कोरोना जैसी महामारी को लेकर गंभीर नहीं हैं. बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के कई विधायकों ने कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार से गंभीर होने का कहा था, लेकिन तब सीएम नीतीश कुमार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था. इसका परिणाम है कि आज अस्पताल में बेड खाली नहीं है. इलाज के अभाव में मौतें हो रही हैं. लेकिन सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है.
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'यही हाल पिछले साल भी था. राहुल गांधी ने कोरोना को लेकर पहले ही मोदी सरकार को आगाह किया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने अनसुना कर दिया था. जिसका परिणाम देश के लोगों को भुगतना पड़ा. आज भी कुछ वैसे ही हालात हैं, गरीब जनता असहाय है और सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में विफल साबित हो रही है.' - राजेश राठौड़, कांग्रेस प्रवक्ता
राजेश राठौड़ ने कहा कि पिछले साल जब कोरोना चरम पर था. मुख्यमंत्री 140 दिनों तक घर में बंद होकर जनता को अपने हाल पर छोड़ दिये थे. इस बार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे बंगाल चुनाव में प्रचार में व्यस्त हैं. बिहार में स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे है. 17 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. उससे पहले ही बिहार के अस्पतालों की व्यवस्था की पोल खुल चुकी है.
उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव पर भी केंद्र सरकार को घेरा और कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहां कोरोना संक्रमण नहीं फैल रहा है. यदि यह सच है को बिहार में मध्यावधि चुनाव करा दिया जाए, ताकि जनता को कोरोना से मुक्ति मिल जाए.