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टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी मिलने के बाद आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी की प्रसंगिकता पर उठे सवाल

काफी जद्दोजहद के बाद टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी (approval for formation of Technical University) मिल गई है. बदली परिस्थितियों में आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी की प्रसंगिकता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हालात पर शिक्षा जगत से जुड़े लोगों ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं. जब टेक्निकल विश्वविद्यालय गठन करना था तो फिर आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन के लिए करोड़ों रुपए क्यों खर्च किए गए. पढ़ें पूरी खबर.

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approval for formation of Technical University
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Published : Feb 18, 2022, 7:44 AM IST

Updated : Feb 18, 2022, 8:59 AM IST

पटना: बिहार में तकनीकी शिक्षा (Technical Education in Bihar) को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के गठन का फैसला लिया. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 (Bihar State University Act 2008) के तहत विश्वविद्यालय का गठन किया गया. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त भी है. बिहार सरकार ने राज्य में तकनीकी चिकित्सीय प्रबंध और व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन किया था. कुल मिलाकर 95 करोड़ की लागत से विश्वविद्यालय के लिए भवन का निर्माण हुआ.

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन को 10 साल भी नहीं बीते कि सरकार की नीति में परिवर्तन हो गया. सरकार ने नया टेक्निकल विश्वविद्यालय गठन का फैसला ले लिया. टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को स्वीकृति मिल चुकी है. आपको बता दें कि टेक्निकल विश्वविद्यालय के चांसलर मुख्यमंत्री होंगे. टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर बिहार में काफी विवाद भी हुआ था. विधेयक को मंजूरी मिलने में काफी समय लग गया. आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध और नए कोर्स को बिहार में लाने के लिए किया गया था.

ये भी पढ़ें: जमुई में बर्खास्त शिक्षक का वेतन रोकने में लगे 12 साल, अब विभाग पर उठ रहे कई सवाल

इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज को आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी से संलग्न किया गया था. इसके अलावा सेंटर ऑफ नैनो साइंस नैनो टेक्नोलॉजी, सेंटर और ज्योग्राफिकल स्टडीज सेंटर फॉर रिवर स्टडीज, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन स्थापित किए जाने थे लेकिन अब तक आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के लिए सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया नहीं कराया गया.

देखें वीडियो

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का भविष्य अधर में लटका है. पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी ने सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं. चौधरी ने कहा है कि मैं आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन का शुरू से विरोधी रहा हूं. विश्वविद्यालय के गठन के बाद बिहार में शिक्षा के स्तर में और गिरावट आई है. सरकार को जब टेक्निकल विश्वविद्यालय गठन करना था तो फिर आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन के लिए करोड़ों रुपए क्यों खर्च किए गए.

ये भी पढ़ें: बिहार शिक्षा विभाग की अजब गजब कहानी.. लड़कियों के सेंटर पर लड़का दे रहा परीक्षा

ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्राध्यापक डॉ. विद्यार्थी विकास का कहना है कि सरकार ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन तो सकारात्मक सोच के साथ किया था लेकिन विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों को हासिल नहीं कर सका. जरुरत इस बात की है कि आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जाए ताकि वह अपने उद्देश्यों को पूरा कर सके.

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पटना: बिहार में तकनीकी शिक्षा (Technical Education in Bihar) को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के गठन का फैसला लिया. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 (Bihar State University Act 2008) के तहत विश्वविद्यालय का गठन किया गया. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त भी है. बिहार सरकार ने राज्य में तकनीकी चिकित्सीय प्रबंध और व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन किया था. कुल मिलाकर 95 करोड़ की लागत से विश्वविद्यालय के लिए भवन का निर्माण हुआ.

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन को 10 साल भी नहीं बीते कि सरकार की नीति में परिवर्तन हो गया. सरकार ने नया टेक्निकल विश्वविद्यालय गठन का फैसला ले लिया. टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को स्वीकृति मिल चुकी है. आपको बता दें कि टेक्निकल विश्वविद्यालय के चांसलर मुख्यमंत्री होंगे. टेक्निकल विश्वविद्यालय के गठन को लेकर बिहार में काफी विवाद भी हुआ था. विधेयक को मंजूरी मिलने में काफी समय लग गया. आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध और नए कोर्स को बिहार में लाने के लिए किया गया था.

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इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज को आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी से संलग्न किया गया था. इसके अलावा सेंटर ऑफ नैनो साइंस नैनो टेक्नोलॉजी, सेंटर और ज्योग्राफिकल स्टडीज सेंटर फॉर रिवर स्टडीज, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन स्थापित किए जाने थे लेकिन अब तक आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के लिए सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया नहीं कराया गया.

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आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का भविष्य अधर में लटका है. पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी ने सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं. चौधरी ने कहा है कि मैं आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन का शुरू से विरोधी रहा हूं. विश्वविद्यालय के गठन के बाद बिहार में शिक्षा के स्तर में और गिरावट आई है. सरकार को जब टेक्निकल विश्वविद्यालय गठन करना था तो फिर आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन के लिए करोड़ों रुपए क्यों खर्च किए गए.

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ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्राध्यापक डॉ. विद्यार्थी विकास का कहना है कि सरकार ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का गठन तो सकारात्मक सोच के साथ किया था लेकिन विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों को हासिल नहीं कर सका. जरुरत इस बात की है कि आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जाए ताकि वह अपने उद्देश्यों को पूरा कर सके.

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Last Updated : Feb 18, 2022, 8:59 AM IST
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