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पटना: एनसीआरबी के आंकड़ों के बाद उठ रहे सवाल, बिहार में शराबबंदी फेल है क्या?

एनसीआरबी ने 2017 के अपराध से जुड़े आंकड़े जारी कर दिये हैं. इस रिपोर्ट की मानें तो बिहार में कानून व्यवस्था की हालत खराब है. क्राइम ग्राफ को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया है.

बयानबाजी
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Published : Oct 24, 2019, 9:39 PM IST

पटना: एनसीआरबी के क्राइम के आंकड़े आने के बाद बिहार में क्राइम ग्राफ और शराबबंदी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. विपक्ष ने सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया है और इसे पूरी तरह फेल बताया है. वहीं, एनडीए नेताओं ने एनसीआरबी की रिपोर्ट को नकारते हुए कहा है कि बिहार में क्राइम पहले के मुकाबले कम हुआ है.

विपक्ष ने शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताया
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच अपराध के मामलों में बिहार टॉप 5 राज्यों में है. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी. सरकार ने शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध की संख्या में कमी आने का दावा किया था. लेकिन, एनसीआरबी की 2017 की रिपोर्ट में भी बिहार क्राइम ग्राफ में ऊपर ही रहा.
इस बात को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया. आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र ने शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताते हुए कहा कि अब शराब की होम डिलीवरी ही नहीं, बल्कि बेड डिलीवरी भी हो रही है. इसी वजह से बिहार में क्राइम के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते नजर आ रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

'शराबबंदी के बाद महिलाओं से संबंधित क्राइम में कमी'
इसपर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एनसीआरबी के ये आंकड़े पुराने हैं. शराबबंदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. उन्होंने दावा किया कि शराबबंदी के बाद महिलाओें से संबंधित क्राइम के मामले में कमी आई है.

'आंकड़े जमीनी हकीकत नहीं बताते'
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने एनसीआरबी के रिपोर्ट को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि आंकड़े जमीनी हकीकत नहीं बताते हैं. जब जमीनी स्तर पर देखा जाएगा, तब जमीनी हकीकत और आंकड़े में अंतर देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिला है. वर्तमान समय में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है.

पटना: एनसीआरबी के क्राइम के आंकड़े आने के बाद बिहार में क्राइम ग्राफ और शराबबंदी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. विपक्ष ने सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया है और इसे पूरी तरह फेल बताया है. वहीं, एनडीए नेताओं ने एनसीआरबी की रिपोर्ट को नकारते हुए कहा है कि बिहार में क्राइम पहले के मुकाबले कम हुआ है.

विपक्ष ने शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताया
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच अपराध के मामलों में बिहार टॉप 5 राज्यों में है. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी. सरकार ने शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध की संख्या में कमी आने का दावा किया था. लेकिन, एनसीआरबी की 2017 की रिपोर्ट में भी बिहार क्राइम ग्राफ में ऊपर ही रहा.
इस बात को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया. आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र ने शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताते हुए कहा कि अब शराब की होम डिलीवरी ही नहीं, बल्कि बेड डिलीवरी भी हो रही है. इसी वजह से बिहार में क्राइम के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते नजर आ रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

'शराबबंदी के बाद महिलाओं से संबंधित क्राइम में कमी'
इसपर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एनसीआरबी के ये आंकड़े पुराने हैं. शराबबंदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. उन्होंने दावा किया कि शराबबंदी के बाद महिलाओें से संबंधित क्राइम के मामले में कमी आई है.

'आंकड़े जमीनी हकीकत नहीं बताते'
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने एनसीआरबी के रिपोर्ट को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि आंकड़े जमीनी हकीकत नहीं बताते हैं. जब जमीनी स्तर पर देखा जाएगा, तब जमीनी हकीकत और आंकड़े में अंतर देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिला है. वर्तमान समय में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है.

Intro:2 दिन पहले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आने के बाद बिहार में क्राइम ग्राफ और शराबबंदी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। यह आरोप पहले से लगते रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है और यही वजह है कि क्राइम का ग्राफ कम होने की बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पेश है एक खास रिपोर्ट


Body:एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच विभिन्न अपराधों के मामले में बिहार टॉप 5 राज्यों में है। बिहार में 2016 में अप्रैल के महीने में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी। इसके बाद लगातार यह दावा किया जा रहा था कि शराबबंदी से बिहार को फायदा होगा और बिहार में अपराध का ग्राफ कम होगा लेकिन क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़ों ने इसके उलट बिहार की पोल पट्टी खोल दी है। इससे विपक्ष को भी बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में शराबबंदी पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह पूरी तरह फेल है। अब होम डिलीवरी की क्या कहें, बेड डिलीवरी हो रही है शराब की। यही वजह है कि बिहार में अपराध के आंकड़े दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं।
वहीं एनडीए ने एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर कहा है कि शराबबंदी से इसे ना दिखा जाए यह पुराने आंकड़े हैं शराबबंदी से बिहार को कई फायदे हुए हैं इसमें सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को व है और साथ ही स्वास्थ्य के मामले में बिहार के लोग अब बेहतर महसूस कर रहे हैं जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कितने फायदे शराबबंदी से हुए हैं उसके मुकाबले ऐसे आंकड़ों कीचड़ से कोई मतलब नहीं है वहीं बीजेपी नेता प्रेम इंजन पटेल ने कहा कि शराबबंदी ने बिहार के हर घर को फायदा पहुंचाया है।


Conclusion:राजीव रंजन जदयू प्रवक्ता
प्रेम रंजन पटेल बीजेपी प्रवक्ता
भाई वीरेन्द्र राजद विधायक
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