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बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग पर नीतीश को मिला निजी स्कूलों का साथ, PM को भेजेंगे 1 करोड़ पत्र - ईटीवी भारत बिहार

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (special status for Bihar) देने की मांग में अब सूबे के निजी स्कूल भी शामिल हो गये हैं. यहां के प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े 25,000 से अधिक स्कूल के छात्र, अभिभावक और शिक्षक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 करोड़ से अधिक पत्र भेजेंगे.

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Private School And Children Welfare Association
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Published : Dec 27, 2021, 8:53 PM IST

पटना: बिहार में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School And Children Welfare Association) से जुड़े 25,000 से अधिक स्कूल के छात्र, अभिभावक और शिक्षक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 करोड़ से अधिक पत्र (1 crore letters to PM Narendra Modi) भेजेंगे. इस बात की जानकारी सोमवार को प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने दी. उन्होंने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत नए साल में 2 जनवरी से किशनगंज से जिला सम्मेलन के माध्यम से की जाएगी. इसको लेकर वह प्रदेश के सभी 38 जिलों का दौरा करेंगे. प्राइवेट स्कूल संचालकों से मुलाकात करेंगे.

ये भी पढ़ें: 'राष्ट्रीय दर्जा' हासिल करने के लिए 5 राज्यों के चुनाव पर JDU की नजर, जानें पूरी रणनीति..

उन्होंने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार फिसड्डी रहा है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा देने की जो मांग कर रहे हैं, उनकी मांग को प्राइवेट स्कूल मजबूती देगा. शमायल अहमद ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार शिक्षा के मामले में काफी पीछे हैं. कोरोना काल के दौरान प्राइवेट स्कूलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई प्राइवेट स्कूल आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गए. हजारों शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं.

देखें विशेष रिपोर्ट

वहींं, कई स्कूल संचालक कर्ज में डूब गए हैं. प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों पर टैक्स का बोझ बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिले ताकि स्कूल संचालक अपना टैक्स माफ करा सकें. 0% के ब्याज दर पर लोन लेकर स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को फिर से मजबूत कर सकें. जो स्कूल आर्थिक तंगी से बंद हुए हैं, वह फिर से शुरू हो सके.

शमायल अहमद ने कहा कि स्पेशल पैकेज से अब बिहार का कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि तमाम स्पेशल पैकेज के बावजूद नीति आयोग ने बिहार को विकास के विभिन्न आयामों में फिसड्डी पाया है. ऐसे में वह सब स्पेशल राज्य का दर्जा से कम पर मानने वाले नहीं हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी इस मुहिम को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे और उनके अभिभावक समेत प्रदेश के तमाम नागरिक साथ देंगे. प्रधानमंत्री से बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक करोड़ से अधिक पत्र भेजेंगे.

ये भी पढ़ें: नीतीश कुमार ने फिर दिलायी 'लालू राज' की याद, कहा- भूल गए.. शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे

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पटना: बिहार में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School And Children Welfare Association) से जुड़े 25,000 से अधिक स्कूल के छात्र, अभिभावक और शिक्षक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 करोड़ से अधिक पत्र (1 crore letters to PM Narendra Modi) भेजेंगे. इस बात की जानकारी सोमवार को प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने दी. उन्होंने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत नए साल में 2 जनवरी से किशनगंज से जिला सम्मेलन के माध्यम से की जाएगी. इसको लेकर वह प्रदेश के सभी 38 जिलों का दौरा करेंगे. प्राइवेट स्कूल संचालकों से मुलाकात करेंगे.

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उन्होंने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार फिसड्डी रहा है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा देने की जो मांग कर रहे हैं, उनकी मांग को प्राइवेट स्कूल मजबूती देगा. शमायल अहमद ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार शिक्षा के मामले में काफी पीछे हैं. कोरोना काल के दौरान प्राइवेट स्कूलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई प्राइवेट स्कूल आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गए. हजारों शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं.

देखें विशेष रिपोर्ट

वहींं, कई स्कूल संचालक कर्ज में डूब गए हैं. प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों पर टैक्स का बोझ बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिले ताकि स्कूल संचालक अपना टैक्स माफ करा सकें. 0% के ब्याज दर पर लोन लेकर स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को फिर से मजबूत कर सकें. जो स्कूल आर्थिक तंगी से बंद हुए हैं, वह फिर से शुरू हो सके.

शमायल अहमद ने कहा कि स्पेशल पैकेज से अब बिहार का कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि तमाम स्पेशल पैकेज के बावजूद नीति आयोग ने बिहार को विकास के विभिन्न आयामों में फिसड्डी पाया है. ऐसे में वह सब स्पेशल राज्य का दर्जा से कम पर मानने वाले नहीं हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी इस मुहिम को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे और उनके अभिभावक समेत प्रदेश के तमाम नागरिक साथ देंगे. प्रधानमंत्री से बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक करोड़ से अधिक पत्र भेजेंगे.

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