पटना: प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School and Children Welfare Association) ने केंद्र एवं राज्य सरकार से देश और प्रदेश भर के सभी स्कूलों को अति शीघ्र खोलने की मांग (demand to open school in Bihar) की है. एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि उनके आह्वान पर आज पूरे देश के सभी राज्यों और बिहार के सभी 38 जिलों के मुख्यालय में एसोसिएशन की तरफ से प्रेस वार्ता का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा स्कूल संचालकों द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखकर सभी निजी विद्यालय अति शीघ्र खोलने की डिमांड की गई है.
शमायल अहमद ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करेंगे कि हिंदुस्तान के नौनिहालों के शिक्षा एवं भविष्य को सुरक्षित करने का काम किया जाए और कोरोना के नाम पर विद्यालयों को बंद रखना बच्चों के उज्जवल भविष्य को जानबूझकर अंधकार में झोंकने जैसा है. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक सावेद्र जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विद्यालय खोले जाने से वायरस के प्रसार का कोई संबंध नहीं है.
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ऐसे में विद्यालय को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है. शमायल अहमद ने कहा कि विगत 2 वर्षों से स्कूल बंद हैं और बीच में स्कूल कुछ समय के लिए खुले थे. ऐसे में लंबे समय तक स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की शिक्षा पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. शिक्षा में बच्चे काफी पिछड़ गए हैं. बच्चे मानसिक तौर पर कमजोर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो बच्चे 2016 में जन्मे हैं, उनके साथ ऐसी स्थिति है कि जन्म लिए 6 वर्ष होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसे बच्चों ने विद्यालय का मुंह तक नहीं देखा है.
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण अभियान चल रहा है. सरकार ने जनवरी तक इस उम्र के सभी बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है लेकिन यह लक्ष्य से काफी पीछे है. इसके पीछे वजह है यह है कि स्कूल बंद हैं. ऐसे में टीकाकरण के लिए स्पेशल बच्चों को बुलाया जा रहा है तो ऐसे में बच्चे नहीं आ पा रहे हैं. यही अगर विद्यालय सुचारू रूप से चल रहे होते तो टीकाकरण कार्य अब तक पूरा हो गया होता.
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उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों के टीकाकरण की बात चल रही है लेकिन बच्चों के टीकाकरण अभियान तभी तेजी आयेगी जब विद्यालय खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि एनुअल परीक्षा का समय आ रहा है. ऐसे में विद्यालय का सुचारू रूप से खुलना बच्चों के लिए अति आवश्यक है क्योंकि वर्चुअल माध्यम से पढ़ाई कभी भी क्लास रूम पढ़ाई का विकल्प नहीं हो सकती. जो बच्चे पढ़ाई में थोड़े कमजोर हैं, वह और कमजोर होते चले जा रहे हैं.
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