पटना: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President Jagdanand Singh) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि यह दो विचारधारा की लड़ाई है. हम लोगों को यूपीए के जो उम्मीदवार हैं, यशवंत सिन्हा उनका साथ देंगे. कार्यक्रम भी बनाया जा रहा है. बहुत जल्द वह बिहार आएंगे. बीजेपी की जो विचारधारा है. उसका हम लोग शुरू से विरोध करते रहे हैं और इस राष्ट्रपति चुनाव में भी हम लोग विरोध करेंगे. बड़ी बात है कि वो दिखावे के लिए किसी को भी उम्मीदवार बनाते हो लेकिन सच्चाई यही है कि उनकी नीति समाज को विखंडित करने वाली है.
ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव, दो विचारधाराओं की लड़ाई बन गई है: यशवंत सिन्हा
राष्ट्रपति चुनाव में NDA मजबूत : उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में हाल ही में वह सब कुछ दिखा है जो की उनकी नीति है. पहले लोग गुजरात में भी कहा करते थे कि यह मौत के सौदागर हैं. धीरे-धीरे यह सब चीज सामने आने लगी है. समाज को विखंडित करने की जो उनकी नीति है, वह लगातार जारी है. यही कारण है कि हम लोग इसका विरोध करते रहे हैं. यहां विचारधारा की लड़ाई है और हम कतई उनके विचारधारा पर विश्वास नहीं कर सकते हैं. भले ही वो उम्मीदवार किसी को बनायें.
'जल, जंगल और जमीन की लड़ाई राजद ने लड़ी है. लेकिन जिस तरह आदिवासी का मुखौटा बनाकर भारतीय जनता पार्टी अपनी नीति को पूरे देश में लागू करना चाह रही है. उसका हम विरोध कर रहे हैं. हमारे उम्मीदवार हैं यशवंत सिन्हा वह भी बिहार आएंगे. हम लोग कार्यक्रम बना रहे हैं. वह बिहार आएंगे और जो भी हमारे महागठबंधन के साथी हैं, उन्हें उनका साथ मिलेगा. पूरे विश्वास के साथ हम कहते हैं कि भाजपा के विचारधारा के विरोध में जो भी लोग हैं, सब यूपीए के उम्मीदवार का साथ देंगे.' - जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय जनता दल
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव: गौरतलब है कि राष्ट्रपति निर्वाचित करने के लिए चुनाव 18 जुलाई को वोटिंग होगी और मतगणना 21 जुलाई को होगी. इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे. लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य, विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संख्या बल को देखते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी आगामी चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत आसानी से सुनिश्चित करने की स्थिति में है.
ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा के प्रचार के लिए विपक्षी दलों ने बनाई 11 सदस्यीय समिति
ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव 2022: आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है बीजेपी!