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HAM का हमला: 'दलित हैं राष्ट्रपति इसलिए दबाना चाहते हैं पीएम मोदी' - PM Modi photo on vaccination certificate

कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. भाजपा के द्वारा पीएम मोदी की महिमामंडन करने वाले बयान पर हम पार्टी ने फिर से करारा हमला बोला है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

विजय यादव, प्रवक्ता हम
जीतन राम मांझी
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Published : May 24, 2021, 6:15 PM IST

पटनाः कोरोना टीका लेने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. मांझी के ट्वीट का जवाब देते हुए भाजपा नेता ने जब पीएम मोदी के तारीफों के पुल बांधे तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है.

इसे भी पढ़ेंः मांझी का तंज- 'वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है, तो डेथ सर्टिफिकेट पर भी लगाएं'

"पीएम मोदी की तस्वीर की हम भी तारीफ करते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अकेले ही वाहवाही लूट लें. जिस तरह से कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मौतें हुई है, उन मौतों की जिम्मेदारी पीएम को लेनी चाहिए. साथ ही देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर भी पीएम मोदी को अपनी तस्वीर लगानी चाहिए. पीएम मोदी को अब देश की जनता को जवाब देना चाहिए. उन्हें अकेले छपास की आदत हो गई है. राष्ट्रपति दलित हैं, इसलिए उनके चेहरे को दबाया जा रहा है. तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर होनी चाहिए."-विजय यादव, प्रवक्ता हम

इसे भी पढ़ेंः मांझी के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: हेल्थ सिस्टम खस्ताहाल, एक एंबुलेंस के भरोसे मरीज

पूर्व सीएम ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि कोरोना टीका का दूसरा डोज लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिलने के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि "'को-वैक्सीन का दूसरा डोज के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं. इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो.'

पटनाः कोरोना टीका लेने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. मांझी के ट्वीट का जवाब देते हुए भाजपा नेता ने जब पीएम मोदी के तारीफों के पुल बांधे तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है.

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"पीएम मोदी की तस्वीर की हम भी तारीफ करते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अकेले ही वाहवाही लूट लें. जिस तरह से कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मौतें हुई है, उन मौतों की जिम्मेदारी पीएम को लेनी चाहिए. साथ ही देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर भी पीएम मोदी को अपनी तस्वीर लगानी चाहिए. पीएम मोदी को अब देश की जनता को जवाब देना चाहिए. उन्हें अकेले छपास की आदत हो गई है. राष्ट्रपति दलित हैं, इसलिए उनके चेहरे को दबाया जा रहा है. तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर होनी चाहिए."-विजय यादव, प्रवक्ता हम

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पूर्व सीएम ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि कोरोना टीका का दूसरा डोज लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिलने के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि "'को-वैक्सीन का दूसरा डोज के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं. इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो.'

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