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शराबबंदी कानून में संशोधन: BJP ने किया स्वागत तो बोले मांझी- आखिरकार सरकार ने खामियों को महसूस किया

नीतीश सरकार ने आखिरकार अप्रैल 2016 से बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) कर दिया है. एनडीए के घटक दलों ने फैसले का स्वागत किया है. जीतनराम मांझी ने कहा कि हमलोग लगातार संशोधन की मांग कर रहे थे, खुशी है कि सरकार ने भी खामियों को महसूस कर उसे दूर करने की कोशिश की है.

शराबबंदी कानून में संशोधन
शराबबंदी कानून में संशोधन
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Published : Mar 30, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 7:18 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) किया है. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. सरकार के इस फैसले का सहयोगी दलों ने तारीफ की है. बीजेपी ने कहा कि इससे न्यायालयों और जेलों पर दबाव कम होगा. वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कानून में खामियों को महसूस कर सरकार ने संशोधन का सही निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: आंकड़े गवाह हैं! बिहार में ना क्राइम घटा, ना ही शराबबंदी कानून लागू हो पाया

न्यायालय पर बोझ कम होगा: सरकार की अहम सहयोगी बीजेपी ने सधे अंदाज में इस फैसले का स्वागत किया है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह (BJP MLA Rana Randhir Singh) ने कहा कि लंबे समय से संशोधन की मांग उठ रही थी. अब इस दिशा में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसका हम लोग स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन होने से न्यायालयों और जेलों पर भी दबाव कम होगा.

सरकार ने खामियों को महसूस किया: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस कदम की सराहना की. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन की पहले से ही उम्मीद की जा रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना है कि शराबबंदी कानून में खामियां थीं. इन खामियों को महसूस करते हुए संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर आगे भी संशोधन जरूरी होगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा. हम लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत करेत हैं.

शराबबंदी कानून में संशोधन: दरअसल, शराबबंदी को लेकर आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस MLA ने शराबबंदी पर उठाए सवाल, कहा- 'शराब की दुकान खुलवाई जाए, रेवेन्यू आने से बिहार का विकास होगा'

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पटना: बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) किया है. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. सरकार के इस फैसले का सहयोगी दलों ने तारीफ की है. बीजेपी ने कहा कि इससे न्यायालयों और जेलों पर दबाव कम होगा. वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कानून में खामियों को महसूस कर सरकार ने संशोधन का सही निर्णय लिया है.

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न्यायालय पर बोझ कम होगा: सरकार की अहम सहयोगी बीजेपी ने सधे अंदाज में इस फैसले का स्वागत किया है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह (BJP MLA Rana Randhir Singh) ने कहा कि लंबे समय से संशोधन की मांग उठ रही थी. अब इस दिशा में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसका हम लोग स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन होने से न्यायालयों और जेलों पर भी दबाव कम होगा.

सरकार ने खामियों को महसूस किया: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस कदम की सराहना की. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन की पहले से ही उम्मीद की जा रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना है कि शराबबंदी कानून में खामियां थीं. इन खामियों को महसूस करते हुए संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर आगे भी संशोधन जरूरी होगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा. हम लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत करेत हैं.

शराबबंदी कानून में संशोधन: दरअसल, शराबबंदी को लेकर आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस MLA ने शराबबंदी पर उठाए सवाल, कहा- 'शराब की दुकान खुलवाई जाए, रेवेन्यू आने से बिहार का विकास होगा'

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Last Updated : Mar 30, 2022, 7:18 PM IST
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