पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पहले चरण की 71 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हो रही है. लेकिन मजे की बात है कि बुधवार तक बिहार के किसी भी बड़े दल ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. यहां तक कि गठबंधन की रूपरेखा तक तय नहीं हो पाई है.
कांग्रेस-आरजेडी के बीच घमासान
महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच दरार पड़ी हुई है. राजद ने 58 प्लस 1 का फार्मूला तय करके दो टूक कांग्रेस को जवाब दे दिया. अब कांग्रेस की बेचैनी है कि वह किसी तरह तालमेल बैठाए है या अकेले लड़ने का निर्णय ले. इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सुबह सवेरे दिल्ली रवाना हो गए है.
एनडीए में भी कुछ साफ नहीं
इधर एनडीए की हालत भी वैसी ही है. लोजपा और जदयू के बीच छिड़े शीत युद्ध ने एनडीए की रूपरेखा पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं. अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि लोजपा एनडीए में रहेगी या अकेले 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. एनडीए की रूपरेखा तय करने और सीट शेयरिंग को फाइनल टच देने के लिए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और भाजपा नेता मंगल पांडे भी सुबह सवेरे दिल्ली के लिए निकल चुके हैं.
थर्ड फ्रंट की अलग तैयारी
इधर चाहे पप्पू यादव हों या उपेंद्र कुशवाहा, किसी ने भी अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. पहले चरण का नामांकन 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक होना है. इसमें भी महज चार दिनों का वक्त प्रत्याशियों को मिल पाएगा क्योंकि बाकी दिन छुट्टी है. ऐसे में सभी पार्टियों पर यह दबाव है कि वे जल्द से जल्द फॉर्मूला तय कर अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करें ताकि प्रत्याशियों को नामांकन के लिए पर्याप्त समय मिल सके. बता दें कि पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को होना है.