पटना: बिहार में पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल (Gardanibagh Protest Place) पर लगातार 11वें दिन पंचायत वार्ड सचिव का धरना जारी रहा. ऐसे में रविवार को आम आदमी पार्टी के नेता धरना पर बैठे वार्ड सचिव (Aam Aadmi Party Leader Met Ward Sachiv) से मिलने पहुंचे. उन्होंने उनके आंदोलन का समर्थन किया. धरना पर बैठे वार्ड सचिवों ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को उनके आंदोलन को समर्थन देने की अपील करते हुए पत्र पार्टी नेताओं को सौंपा. वार्ड सचिवों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके साथ बहुत बड़ा धोखा किया है. अचानक 13 दिसंबर को एक तुगलकी फरमान निकाल कर 1,14,691 वार्ड सचिवों को पद मुक्त कर दिया गया है.
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गर्दनीबाग धरना स्थल पर बैठे दनियामा के पंचायत वार्ड सचिव मोनू कुमार ने बताया कि सरकार ने उन लोगों के साथ बहुत बड़ा छल किया है. 4 वर्ष पहले जब प्रदेश में पंचायत सचिव की बहाली की गई थी, तो मैट्रिक का क्वालिफिकेशन अहर्ता था. उसके बावजूद मेरिट के आधार पर पंचायत वार्ड सचिव की नियुक्ति की गई थी. मानदेय के नाम पर सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पंचायत वार्ड सचिव से चुनाव ड्यूटी ली गई.
इसके अलावा सरकार की सात निश्चय योजना को सफल बनाने में पंचायत वार्ड सचिवों ने पूरी निष्ठा से काम किया. जिसकी वजह से आज देश और दुनिया भर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सात निश्चय योजना की डुगडुगी पीट रहे हैं. पंचायत वार्ड सचिव मोनू ने बताया कि कोरोना काल में भी उन लोगों ने मास्क बांटने और घर-घर सैनिटाइज करने का काम किया है. इसके लिए सरकार की तरफ से कुछ भी सहायता राशि नहीं दी गई.
उन्होंने कहा कि जहां वे उम्मीद लगाए हुए थे कि सरकार 4 साल से उनके काम में निष्ठा को देखते हुए उनके लिए मासिक भत्ता निर्धारित करेगी. क्योंकि पूर्व पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने 4000 रुपए मासिक पंचायत वार्ड सचिव के लिए करने की घोषणा की थी. ऐसे में इसी बीच 13 दिसंबर को पंचायती राज विभाग के निदेशक डॉ. रंजीत कुमार के माध्यम से पत्र निकाल दिया गया कि सभी 1,14,691 वार्ड सचिवों को पद मुक्त किया जाता है. जिला अधिकारी 15 जनवरी तक फिर से वार्ड सचिव का पुनर्गठन करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है.
मोनू कुमार ने कहा कि उनकी मांग है कि 13 दिसंबर को सरकार ने जो उन लोगों को बर्खास्त करने का फैसला लिया है, वह अविलंब निरस्त करें. पंचायत वार्ड सचिवों को सरकार सरकारीकर्मी का दर्जा दे, इसके साथ ही एक सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि वह 26 दिसंबर रविवार तक सरकार को समय दिए हुए हैं कि उन लोगों के हित में सरकार फैसला ले, अन्यथा 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश भर के एक लाख से अधिक वार्ड सचिव पटना में जुटेंगे. पटना की प्रमुख इलाकों में चक्का जाम करेंगे. इसके बाद भी अगर सरकार फैसला नहीं लेती है तो वह लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे, लेकिन अब धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से नहीं होगा.
वहीं वार्ड सचिवों से मिले आम आदमी पार्टी के नेता और प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सरकार लाखों रोजगार देने की बात कर रही है, वहीं एक झटके में एक लाख से अधिक वार्ड सचिवों को बर्खास्त कर देती है. उन्होंने कहा कि इससे भी बड़ी हैरानी की बात है कि बिना किसी मानदेय और भत्ता के सरकार ने 4 साल इन लोगों से काम लिया है और जब मेहनताना देने की बारी आई, तो एक झटके से सभी को बर्खास्त कर दिया. जबकि जिस प्रकार प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी हुई है. न्यायोचित यह था कि सभी वार्ड सचिवों को अस्थाई करते हुए इन सभी के लिए एक सम्मानजनक वेतनमान का प्रावधान करें. उन्होंने कहा कि वार्ड सचिव के प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी का पूरा समर्थन है.
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