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अब ब्रांडेड दवाईयां नहीं लिख पाएंगे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर

जेनेरिक दवाईयों के प्रचलन को लेकर सरकार पूरी तैयारी में है. सरकार ने 357 दवाईयों की सूची बनाई है, जो सरकारी अस्पतालों सहित एचएलएल के माध्यम से आम लोगों को मुहैया कराई जाएगी. साथ ही ब्रांडेड दवाईयां लिखने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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Published : Nov 8, 2019, 12:04 AM IST

मेडिकल

पटना: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां नहीं लिख पाएंगे. सरकार जेनेरिक दवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. अमृत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में 357 जेनेरिक दवाएं मुहैया कराई जाएगी. सरकार ब्रांडेड दवाई लिखने वाले डॉक्टरों पर भी लगाम लगाने की तैयारी कर रही है.

patna
संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ विभाग

जेनेरिक दवाओं के प्रचलन की तैयारी
प्रदेश में आम लोगों को अब सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान महंगी दवाईयां नहीं खरीदनी पड़ेगी. आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार जेनेरिक दवाईयों को प्रचलन में लाने की तैयारी कर चुकी है. अस्पतालों में जेनेरिक दवाई मुहैया कराई जा रही है. साथ ही एचएलएल के माध्यम से पूरे बिहार में दुकानें भी खोली जा रही है.

patna
गुड्डू बाबा, स्वास्थ समाजसेवी

'जेनेरिक दवाईयां उपलब्ध कराने में सरकार असक्षम'
सरकार की इस योजना को स्वास्थ्य जगत के समाजसेवी गुड्डू बाबा लोगों के लिए परेशानी मानते हैं. उनका कहना है कि जेनेरिक दवाओं को लेकर सरकार के सारे दावे झूठे हैं. सरकार जेनेरिक दवाईयों की रेंज उपलब्ध नहीं करा पाएगी. उन्होंने बताया कि बीएमएसआईसीएल की ओर से 234 दवाईयां दी जानी थी, लेकिन सिर्फ 77 दवाईयां ही उपलब्ध थी.

पेश है रिपोर्ट

'जेनेरिक दवाईयों के लिए सरकार प्रतिबद्ध'
वहीं, स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि सरकार जेनेरिक दवाईयों के प्रचलन के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने 357 दवाईयों की सूची बनाई है, जो सरकारी अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही जेनेरिक दवाईयां नहीं लिखने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी. सरकार समय-समय पर इसका ऑडिट भी कराएगी.

पटना: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां नहीं लिख पाएंगे. सरकार जेनेरिक दवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. अमृत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में 357 जेनेरिक दवाएं मुहैया कराई जाएगी. सरकार ब्रांडेड दवाई लिखने वाले डॉक्टरों पर भी लगाम लगाने की तैयारी कर रही है.

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संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ विभाग

जेनेरिक दवाओं के प्रचलन की तैयारी
प्रदेश में आम लोगों को अब सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान महंगी दवाईयां नहीं खरीदनी पड़ेगी. आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार जेनेरिक दवाईयों को प्रचलन में लाने की तैयारी कर चुकी है. अस्पतालों में जेनेरिक दवाई मुहैया कराई जा रही है. साथ ही एचएलएल के माध्यम से पूरे बिहार में दुकानें भी खोली जा रही है.

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गुड्डू बाबा, स्वास्थ समाजसेवी

'जेनेरिक दवाईयां उपलब्ध कराने में सरकार असक्षम'
सरकार की इस योजना को स्वास्थ्य जगत के समाजसेवी गुड्डू बाबा लोगों के लिए परेशानी मानते हैं. उनका कहना है कि जेनेरिक दवाओं को लेकर सरकार के सारे दावे झूठे हैं. सरकार जेनेरिक दवाईयों की रेंज उपलब्ध नहीं करा पाएगी. उन्होंने बताया कि बीएमएसआईसीएल की ओर से 234 दवाईयां दी जानी थी, लेकिन सिर्फ 77 दवाईयां ही उपलब्ध थी.

पेश है रिपोर्ट

'जेनेरिक दवाईयों के लिए सरकार प्रतिबद्ध'
वहीं, स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि सरकार जेनेरिक दवाईयों के प्रचलन के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने 357 दवाईयों की सूची बनाई है, जो सरकारी अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही जेनेरिक दवाईयां नहीं लिखने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी. सरकार समय-समय पर इसका ऑडिट भी कराएगी.

Intro:बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब चिकित्सक ब्रांडेड दवाई नहीं लिख पाएंगे सरकार जेनेरिक दवाओं को आम लोगों तक सर्व सुलभ करने के लिए प्रयासरत है अमृत योजना के तहत 357 जेनेरिक दवाओं को सरकारी अस्पतालों को मुहैया कराया जा रहा है सरकार चिकित्सकों पर भी लगाम कसने की तैयारी में हैl


Body:बिहार में आम लोगों को अब सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान महंगी दवाइयां नहीं खरीदनी पड़ेगी आम लोगों के सहूलियत के लिए सरकार जेनेरिक दवाइयों को प्रचलन में लाने की तैयारी कर चुकी है कुल 357 जेनेरिक दवाएं अमृत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाएगा एच एल एल के माध्यम से दुकानें भी पूरे बिहार में खोले जा रहे हैं


Conclusion: सरकार की योजना तो आम लोगों के शरीयत के लिए है लेकिन स्वास्थ्य जगत में काम करने वाले स्वयंसेवी मानते हैं कि सरकार के इस फैसले से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा समाजसेवी गुड्डू बाबा का कहना है कि सरकार जेनेरिक दवाइयों की रेंज उपलब्ध नहीं करा पाएगी व्यवहारिक रूप से यह संभव नहीं है और अगर सिर्फ जेनेरिक दवाइयों पर चिकित्सक और रोगी निर्भर होंगे तो वैसी स्थिति में इलाज प्रभावित होगा गुड्डू बाबा ने कहा कि बीएमएसआईसीएल को 234 दवाइयां देनी थी जिसमें कि 77 ही कुछ महीने पहले तक उपलब्ध थे सही में अगर सरकार चाहती है कि हम लोगों को कम कीमत पर दवाई मिले तो संसद को दवाइयों के कीमत में कमी करनी होगी l
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि सरकार हर कीमत पर जेनेरिक दवाइयों को प्रचलन में लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए तमाम तरह की कोशिशें की जा रही हैं सरकार ने 357 दवाइयों की सूची बनाई है जो सरकारी अस्पताल में है चैनल के माध्यम से सस्ती कीमत पर लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे और जो चिकित्सक जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी सरकार समय-समय पर इसका ऑडिट भी करा रही हैl
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