जम्मू : जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए छुट्टियों की सूची आधिकारिक तौर पर घोषित कर दी है. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत पूरे केंद्र शासित प्रदेश में मनाई जाने वाली छुट्टियों के बारे में जानकारी दी गई है. इन छुट्टियों को क्षेत्र की विविध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को ध्यान में रखते हुए सामान्य, प्रांतीय, स्थानीय और प्रतिबंधित छुट्टियों में वर्गीकृत किया गया है.
सामान्य अवकाश
अवकाश सूची में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और धार्मिक अवसर शामिल हैं. गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और महात्मा गांधी का जन्मदिन (2 अक्टूबर) प्रमुख राष्ट्रीय अवकाशों में से हैं. ईद-उल-फितर (31 मार्च), ईद-उल-अजहा (7 और 8 जुलाई), दिवाली (21 अक्टूबर) और क्रिसमस दिवस (25 दिसंबर) जैसे प्रमुख धार्मिक उत्सव भी सूची में शामिल हैं. अन्य उल्लेखनीय छुट्टियों में महाशिवरात्रि (26 फरवरी) और जन्माष्टमी (16 अगस्त) शामिल हैं.
प्रांतीय अवकाश
क्षेत्रीय परंपराओं को पूरा करने के लिए प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर प्रांतों के लिए विशिष्ट प्रांतीय अवकाश शुरू किए हैं. कश्मीर प्रांत में उर्स शाह-ए-हमदान साहिब (3 जून) और मेला खीर भवानी (3 जून) जैसे त्यौहार शामिल हैं. जम्मू प्रांत में लोहड़ी (13 जनवरी), श्री गुरु रविदास का जन्मदिन (12 फरवरी), और होली (14 मार्च) जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रकाश डाला गया है.
स्थानीय अवकाश
स्थानीय अवकाश विशिष्ट जिलों की अनूठी सांस्कृतिक घटनाओं को दर्शाते हैं. उदाहरण के लिए मेला बहू किला (जम्मू जिला) 5 अप्रैल को मनाया जाएगा, जबकि सरथल देवी जी यात्रा (किश्तवाड़ जिला) 2 और 3 जुलाई को निर्धारित है. अन्य जिला-स्तरीय छुट्टियों में 10 अप्रैल को महावीर जयंती (जम्मू जिला) और 21 जून को उर्स शाह फरीद-उद-दीन साहिब (किश्तवाड़ जिला) शामिल हैं.
प्रतिबंधित छुट्टियां
प्रतिबंधित छुट्टियों की सूची में व्यक्तियों के लिए वैकल्पिक उत्सव शामिल हैं. इनमें परशुराम जयंती (29 अप्रैल), कबीर जयंती (11 जून), गुरु अर्जुन देव जी का शहीद दिवस (16 जून) और रक्षा बंधन (9 अगस्त) शामिल हैं. ये छुट्टियां लोगों को अपनी पसंद और परंपराओं के आधार पर मनाने की सुविधा देती हैं. सभी मुस्लिम छुट्टियां चांद के दिखने पर निर्भर है, जैसा कि अधिसूचना में बताया गया है. यह अधिसूचना सरकार के अतिरिक्त सचिव रोहित शर्मा द्वारा जारी की गई.