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हत्या और दहेज हत्या में दूसरे, अपहरण और महिला अपराध में देश में तीसरे स्थान पर बिहार

बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपराध की जो रिपोर्ट बिहार के लिए दी है. वह निश्चित तौर पर मौजूदा सरकार के लिए परेशानी का कारण बनेगी. अपराध के आंकड़े आए हैं उसे लेकर बिहार में चल रही भाजपा और जदयू की सरकार जरूर विपक्ष के निशाने पर होगी.

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Published : Jan 9, 2020, 11:46 PM IST

पटना: 2018 के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि एनसीआरबी ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें बिहार के अपराध में बढ़ोतरी हुई है. हत्या और दहेज हत्या के मामले में बिहार पूरे भारत में दूसरे स्थान पर है. यहीं नहीं अपहरण और महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे स्थान पर है.

हत्या के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर
एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए 2018 के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश हत्या के मामले में सबसे ऊपर है, जबकि बिहार दूसरे स्थान पर है, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र और चौथे स्थान पर पश्चिम बंगाल है. 2016 से लेकर 2018 तक बिहार में हत्या के मामले को देखा जाए तो 2016 में कुल 2581 हत्याएं हुई थी, जबकि 2017 में 2803, 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर के 2934 पहुंच गया. 2016 से 2018 के बीच बिहार में हत्या के मामले में बढ़ोतरी हुई है.

इसे भी पढ़ें- कोहरे ने लगाई रफ्तार पर ब्रेक, बेतिया रेलवे स्टेशन की आय में 22 प्रतिशत की भारी कमी

फिरौती के लिए अपहरण में बिहार तीसरे स्थान पर
बात करें फिरौती के लिए अपहरण की तो उसमें बिहार तीसरे स्थान पर है. महाराष्ट्र सबसे ऊपर है. महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है. हालांकि, 2016 से 2018 के आंकड़ों की बात की जाए तो इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई है. बिहार में 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 13400 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2017 में 14711 मामले दर्ज हुए. वहीं 2018 में यह बढ़कर 16920 हो गया महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में उत्तरप्रदेश पहले और पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है जबकि झारखंड चौथे स्थान पर है.

इसे भी पढ़ें- 2019 बैच की आर्ट्स से 12वीं टॉपर रोहिणी रानी की मौत, दिल्ली में ट्रेन की चपेट में आने से हुआ हादसा

शेड्यूल कास्ट को लेकर होने वाले अपराध में बिहार दूसरे स्थान पर
शेड्यूल कास्ट को लेकर के देश में होने वाले अपराध के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर, जबकि मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. बात करें बिहार की तो 2016 में कुल 5701 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2017 में यह बढ़कर 6746 हो गया. वही 2018 की बात करें तो 7061 मामले शेड्यूल कास्ट के अपराध के मामले को लेकर दर्ज किए गए हैं.

भाजपा और जदयू की सरकार विपक्ष के निशाने पर
बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपराध की जो रिपोर्ट बिहार के लिए दी है. वह निश्चित तौर पर मौजूदा सरकार के लिए परेशानी का कारण बनेगी. सुशासन के नाम पर बिहार को जिस तरीके से अपराध मुक्त बनाने की बात होती रही और जिस तरीके से अपराध के आंकड़े आए हैं उसे लेकर बिहार में चल रही भाजपा और जदयू की सरकार जरूर विपक्ष के निशाने पर होगी.

पटना: 2018 के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि एनसीआरबी ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें बिहार के अपराध में बढ़ोतरी हुई है. हत्या और दहेज हत्या के मामले में बिहार पूरे भारत में दूसरे स्थान पर है. यहीं नहीं अपहरण और महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे स्थान पर है.

हत्या के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर
एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए 2018 के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश हत्या के मामले में सबसे ऊपर है, जबकि बिहार दूसरे स्थान पर है, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र और चौथे स्थान पर पश्चिम बंगाल है. 2016 से लेकर 2018 तक बिहार में हत्या के मामले को देखा जाए तो 2016 में कुल 2581 हत्याएं हुई थी, जबकि 2017 में 2803, 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर के 2934 पहुंच गया. 2016 से 2018 के बीच बिहार में हत्या के मामले में बढ़ोतरी हुई है.

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फिरौती के लिए अपहरण में बिहार तीसरे स्थान पर
बात करें फिरौती के लिए अपहरण की तो उसमें बिहार तीसरे स्थान पर है. महाराष्ट्र सबसे ऊपर है. महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है. हालांकि, 2016 से 2018 के आंकड़ों की बात की जाए तो इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई है. बिहार में 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 13400 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2017 में 14711 मामले दर्ज हुए. वहीं 2018 में यह बढ़कर 16920 हो गया महिलाओं पर होने वाले अपराध के मामले में उत्तरप्रदेश पहले और पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है जबकि झारखंड चौथे स्थान पर है.

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शेड्यूल कास्ट को लेकर होने वाले अपराध में बिहार दूसरे स्थान पर
शेड्यूल कास्ट को लेकर के देश में होने वाले अपराध के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर, जबकि मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. बात करें बिहार की तो 2016 में कुल 5701 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2017 में यह बढ़कर 6746 हो गया. वही 2018 की बात करें तो 7061 मामले शेड्यूल कास्ट के अपराध के मामले को लेकर दर्ज किए गए हैं.

भाजपा और जदयू की सरकार विपक्ष के निशाने पर
बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपराध की जो रिपोर्ट बिहार के लिए दी है. वह निश्चित तौर पर मौजूदा सरकार के लिए परेशानी का कारण बनेगी. सुशासन के नाम पर बिहार को जिस तरीके से अपराध मुक्त बनाने की बात होती रही और जिस तरीके से अपराध के आंकड़े आए हैं उसे लेकर बिहार में चल रही भाजपा और जदयू की सरकार जरूर विपक्ष के निशाने पर होगी.

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ncrb  issued unpleasant crime record for bihar




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