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मुखिया पंचायत समिति सदस्यों का प्रदर्शन, बैठक मे पदाधिकारियों की अनुपस्थिति बना गुस्सा का कारण

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Published : Feb 26, 2022, 11:07 PM IST

पटना के मसौढ़ी में मुखिया ने प्रदर्शन (Mukhiya Protest in Masaudhi of Patna) किया. प्रखंड मुख्यालय पर मुखिया और पंचायत समिति के सदस्यों ने हंगामा कर विरोध प्रदर्शन करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया. पढ़ें पूरी खबर..

पटना के मसौढ़ी में मुखिया ने प्रदर्शन
पटना के मसौढ़ी में मुखिया ने प्रदर्शन

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के सरकार के गठन होने के बाद लगातार नवनिर्वाचित मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. शनिवार के दिन दूसरी बार भी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक नहीं हो पाई. मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. इस बार बैठक में पदाधिकारियों की अनुपस्थिति गुस्सा का कारण बन गया. एक बार फिर से पंचायत समिति प्रतिनिधियों ने बैठक बहिष्कार कर दिया.

ये भी पढ़ें- नवनिर्वाचित मुखिया संघ के अध्यक्ष बोले- 'सरकार से करेंगे सभी मुखिया के लिए सुरक्षा गारंटी की मांग'

मिली जानकारी के अनुसार, मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य सदन से बाहर जाकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया. दरअसल मामला यह है कि दूसरी बार बैठक नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाया गया था जहां पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रोग्राम पदाधिकारी समेत कई पदाधिकारी बैठक में अनुपस्थित थे, जिससे गुस्साए सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए अफसरशाही के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया.


'प्रखंड मुख्यालय में अफसरशाही बढ़ गया है. नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में पदाधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं तो शिकायत किससे होगा. योजना कैसे लिया जाएगा. आम जनता का इस पर विकास कैसे होगा.' - पिंकू सिंह, मुखिया संघ अध्यक्ष. बैठक में शामिल होने पहुंचे स्थानीय विधायक ने भी स्थानीय प्रशासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगली बैठक में सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए.

गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की यह दूसरी बैठक भी नहीं हो पाई है. पहली बैठक आठ दिन पहले बुलाई गई थी. जहां पर मुखिया संघ ने अपनी मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था. शनिवार को दूसरा मौका था जहां पर सभी पंचायत प्रतिनिधि की बैठक शुरू हुई थी लेकिन पदाधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण बैठक का बहिष्कार कर दिया गया. 43 पंचायत प्रतिनिधियों में महज 17 पंचायत प्रतिनिधि ही बैठक में शामिल हुए. सभी लोगों ने बहिष्कार करते हुए सभी पदाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की. स्थानीय विधायक ने भी अधिकारियों को फटकार लगाई है.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में 72 घंटे से चल रहा आमरण अनशन खत्म, SDM ने जूस पिलाकर सभी मांगों को पूरा करने का दिया आश्वासन

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पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के सरकार के गठन होने के बाद लगातार नवनिर्वाचित मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. शनिवार के दिन दूसरी बार भी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक नहीं हो पाई. मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. इस बार बैठक में पदाधिकारियों की अनुपस्थिति गुस्सा का कारण बन गया. एक बार फिर से पंचायत समिति प्रतिनिधियों ने बैठक बहिष्कार कर दिया.

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मिली जानकारी के अनुसार, मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य सदन से बाहर जाकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया. दरअसल मामला यह है कि दूसरी बार बैठक नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाया गया था जहां पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रोग्राम पदाधिकारी समेत कई पदाधिकारी बैठक में अनुपस्थित थे, जिससे गुस्साए सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए अफसरशाही के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया.


'प्रखंड मुख्यालय में अफसरशाही बढ़ गया है. नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में पदाधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं तो शिकायत किससे होगा. योजना कैसे लिया जाएगा. आम जनता का इस पर विकास कैसे होगा.' - पिंकू सिंह, मुखिया संघ अध्यक्ष. बैठक में शामिल होने पहुंचे स्थानीय विधायक ने भी स्थानीय प्रशासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगली बैठक में सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए.

गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की यह दूसरी बैठक भी नहीं हो पाई है. पहली बैठक आठ दिन पहले बुलाई गई थी. जहां पर मुखिया संघ ने अपनी मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था. शनिवार को दूसरा मौका था जहां पर सभी पंचायत प्रतिनिधि की बैठक शुरू हुई थी लेकिन पदाधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण बैठक का बहिष्कार कर दिया गया. 43 पंचायत प्रतिनिधियों में महज 17 पंचायत प्रतिनिधि ही बैठक में शामिल हुए. सभी लोगों ने बहिष्कार करते हुए सभी पदाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की. स्थानीय विधायक ने भी अधिकारियों को फटकार लगाई है.

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