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मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए प्रदर्शन, कहा- 'कई महीनों से काम बंद, खाने को हैं मोहताज'

मसौढ़ी में रोजगार के लिए मनरेगा मजदूरों का विरोध प्रदर्शन हो रहा (MNREGA Workers Protest for Employment in Masaurhi) है. लगातार गांव-गांव में मजदूर काम मांगने के लिए आवेदन देकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मनरेगा पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में अगले माह से मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा.

मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए विरोध प्रदर्शन
मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए विरोध प्रदर्शन
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Published : Jan 27, 2022, 6:41 PM IST

पटना: मसौढ़ी में रोजगार मांगने को लेकर मनरेगा मजदूरों का इन दिनो लगातार गांव-गांव में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. पिछले कई महीनों से बेरोजगार हो चुके मनरेगा मजदूरों (MNREGA Workers have Become Unemployed in Patna) को इन दिनों काम नहीं मिल रहा है. जिसको लेकर, मजदूरों के बीच रोजगार का संकट छा गया है. ऐसे में अब मजदूर सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) से पहले ही मनरेगा मजदूरों का काम बंद है. तकरीबन, छह महीनों से अधिक अंतराल पर सभी मनरेगा के विभिन्न योजनाओं का काम बंद रहने से मनरेगा मजदूरों के रोजगार पर आफत आ चुकी है.

ये भी पढ़ें- अररिया के मोहम्मद मेजर को फांसी की सजा, स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने पाया नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी

मनरेगा के अधिकांश मजदूरों के बीच रोजगार का संकट आ चुका है. और, अब सभी मजदूर सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. मसौढ़ी, धनरूआ और पुनपुन प्रखंड में कमोबेश हालात यही है. जहां, मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब एक बड़े आंदोलन की तैयारी में सभी मजदूर दिख रहे हैं. मसौढ़ी के सबसे अंतिम छोर पर बसे कररिया गांव मे तकरीबन 1,456 मनरेगा मजदूर हैं. जिन्हें, एक लंबे अरसे से काम नहीं मिलने से बेरोजगार हो गये हैं जिसको लेकर गांव-गांव में मजदूरों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है.

मसौढ़ी में मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए विरोध प्रदर्शन

कररिया गांव की सुमंती देवी, लखमीचंद, सरोजा देवी, कमलेश्वर प्रसाद समेत सैकड़ों लोगों ने बताया की छह महीने से अधिक हो गये हैं. अभी तक काम नहीं मिला है. रोजी रोजगार पर संकट छा गया है. खाने-पीने के लाले पड़ गये हैं. मनरेगा मजदूर संतोष कुमार का कहना है कि, भुखमरी की नौबत आ गई है. पिछले कई महीनों से सभी मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. घर में खाने के लिए नहीं है. लगातार आवेदन देकर मनरेगा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.


वहीं, पंचायत रोजगार सेवक बिट्टू कुमार का कहना है कि मनरेगा मजदूरों का आवेदन लिया जा रहा है. जिसका, जॉब कार्ड नहीं बना है उसका जॉब कार्ड बनाया जा रहा है. सब को 15 दिनों के अंदर काम देने की शुरुआत की जाएगी. मनरेगा पदाधिकारी शशि कुमार का कहना है कि, मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में अगले माह से मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा. पंचायत चुनाव के चलते कई तरह के कामों में बाधा आ गई थी. अब गांव में नए मुखिया आ चुके हैं और सभी योजनाओं पर सभी लोगों का काम मिलेगा.



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मनरेगा के अधिकांश मजदूरों के बीच रोजगार का संकट आ चुका है. और, अब सभी मजदूर सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. मसौढ़ी, धनरूआ और पुनपुन प्रखंड में कमोबेश हालात यही है. जहां, मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब एक बड़े आंदोलन की तैयारी में सभी मजदूर दिख रहे हैं. मसौढ़ी के सबसे अंतिम छोर पर बसे कररिया गांव मे तकरीबन 1,456 मनरेगा मजदूर हैं. जिन्हें, एक लंबे अरसे से काम नहीं मिलने से बेरोजगार हो गये हैं जिसको लेकर गांव-गांव में मजदूरों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है.

मसौढ़ी में मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए विरोध प्रदर्शन

कररिया गांव की सुमंती देवी, लखमीचंद, सरोजा देवी, कमलेश्वर प्रसाद समेत सैकड़ों लोगों ने बताया की छह महीने से अधिक हो गये हैं. अभी तक काम नहीं मिला है. रोजी रोजगार पर संकट छा गया है. खाने-पीने के लाले पड़ गये हैं. मनरेगा मजदूर संतोष कुमार का कहना है कि, भुखमरी की नौबत आ गई है. पिछले कई महीनों से सभी मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. घर में खाने के लिए नहीं है. लगातार आवेदन देकर मनरेगा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.


वहीं, पंचायत रोजगार सेवक बिट्टू कुमार का कहना है कि मनरेगा मजदूरों का आवेदन लिया जा रहा है. जिसका, जॉब कार्ड नहीं बना है उसका जॉब कार्ड बनाया जा रहा है. सब को 15 दिनों के अंदर काम देने की शुरुआत की जाएगी. मनरेगा पदाधिकारी शशि कुमार का कहना है कि, मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में अगले माह से मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा. पंचायत चुनाव के चलते कई तरह के कामों में बाधा आ गई थी. अब गांव में नए मुखिया आ चुके हैं और सभी योजनाओं पर सभी लोगों का काम मिलेगा.



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