पटना: बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ आज से शुरू हो रहा है. सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती शुद्धि के लिए नहाय खाय के संकल्प के साथ नदियों-तालाबों में स्नान करेंगे. इसके बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे. श्रद्धालुओं ने पर्व के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. पटना सहित पूरे बिहार में चैती छठ के लिए घाटों पर साफ-सफाई का काम लगभग पूरा (Preparation Of Chaiti Chhath In Patna) हो चुका है.
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मसौढ़ी के मणिचक सूर्य मंदिर तालाब घाट को लेकर है कई धार्मिक मान्यताएंः लोक आस्था का महापर्व चैती छठ को लेकर पटना से सटे मसौढ़ी के मणिचक सूर्य मंदिर घाट (Manichak Sun Temple Ghat of Masaudhi) पर विशेष रूप से साफ-सफाई की गई है. मणिचक सूर्य मंदिर घाट को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं, जिस कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर छठ व्रत करने के लिए हर साल आते हैं. मान्यता है कि यहा व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ट निवारण से मुक्ति मिलती है.
मनोकामना पूरी होने पूरी होने पर कर दी थी 5 एकड़ जमीन दानः पौराणिक कथाओं के अनुसार सन् 1949 में तारेगना निवासी रामखेलावन सिंह की खेत में जुदागी गोप खुदाई कर रहे थे. उसी दौरान जमीन के अंदर से काले रंग की विष्णु भगवान की एक मूर्ति मिली थी, जिसे लाकर एक झोपड़ीनुमा मंदिर में स्थापित किया गया था. उस समय मंदिर के पहले महंत प्रयाग राउत थे, जिन्होंने यहां पूजा-अर्चना शुरू की थी. उसके बाद धीरे-धीरे मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. विश्राम सिंह नामक व्यक्ति को संतान नहीं हो रहा था. उन्होंने मनोकामना मांगी कि संतान हो जाए तो तालाब के लिए जमीन को दान देंगे. मनोकामना पूरी हुई और उन्होंने 5 एकड़ की जमीन तालाब के लिए दान दी. उसके बाद विश्राम सिंह सरोवर के नाम से प्रसिद्ध हुआ और आज बड़ी संख्या में लोग प्रत्येक वर्ष यहां पर छठ व्रत करने आते हैं.
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