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बिहार NDA में बीजेपी-जेडीयू की डील पक्की! चिराग पासवान का क्या होगा? - बिहार विधानसभा चुनाव 2020

बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अब एक महीने से भी कम समय बचा है. पहले चरण के लिए 28 अक्तूबर को वोटिंग होगी. लेकिन सियासी पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब भी उठापटक जारी है.

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Published : Oct 2, 2020, 12:55 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों के बंटवारे के लिए आज अहम दिन है. अब एनडीए में गठबंधन को बचाने की जिम्मेदारी खुद बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. इसी सिलसिले में आज दोपहर बाद जेपी नड्डा के आवास पर बैठक संभावित है. इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद रह सकते है.

नड्डा और चिराग पासवान की बैठक पर टिकी निगाहें

बता दें कि गुरुवार को बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. बैठक में तीनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इसका पता नहीं चल पाया है. हालांकि, सूत्रों की माने तो बैठक में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया.

चिराग पासवान का क्या होगा?

सूत्रों की माने तो इस बैठक में एनडीए के प्रमुख घटक दल जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश को लेकर पार्टी की शिकायतों से अवगत कराया गया. इस दौरान उन्होंने 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के पार्टी के अंदरूनी दबाव के बारे में भी बीजेपी नेताओं को बताया.

क्या 143 सीटों पर लड़ेंगी LJP?

दरअसल, एलजेपी ने संकेत दिए हैं कि यदि सीटों का 'सम्मानजनक' बंटवारा नहीं हुआ तो वह राज्य की 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. वर्ष 2015 के चुनाव में लोजपा 42 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे महज दो ही सीटों पर जीत मिल सकी थी. उस चुनाव में जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा था. आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर उसने राजग को पटखनी दी थी.

तीन या चार अक्टूबर को सीटों का औपचारिक ऐलान संभव

हालांकि, सीट शेयरिंग में अमित शाह की एंट्री के बाद कयास लगाए जा रहे है कि, एलजेपी को एनडीए में ही बनाए रखने की पूरी कोशिश की जाएगी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एनडीए के सभी घटक दल के नेता दिल्ली में ही मिल-बैठकर तीन या चार अक्टूबर को सीटों का औपचारिक ऐलान कर सकते है.

कितनी सीटों पर लड़ेगी BJP-JDU?

बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 50-50 फीसदी सीटों पर बीजेपी-जेडीयू लड़ सकती हैं, ऐसी सूरत में 121 सीटों पर बीजेपी और 122 विधानसभा सीटों पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी. बीजेपी अपने कोटे से एलजेपी को सीटें देगी. जबकि जेडीयू अपने कोटे से जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को सीटें देगी.

NDA एकजुट, बीजेपी का दावा

इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने दावा किया था कि एनडीए एकजूट है और जेडीयू, बीजेपी, एलजेपी और और जीतन राम मांझी की पार्टी मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी के काम और नीतीश कुमार के चेहरे पर एनडीए चुनाव मैदान में जायेगी.

NDA में तय हुआ सीटों का बंटवारा?

इस बीच, सूत्रों की माने तो एनडीए ने अपना फॉर्मूला तैयार कर लिया है. सूत्रों की माने तो जेडीयू ने ज्यादा सीटों की मांग जरूर की है, लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2010 की तरह ही करने की बात भी कही गई है. 2010 में जेडीयू 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल कर लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 22 सीट पर ही समेट दिया था. लेकिन इस बार एनडीए में एलजेपी और जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' भी एनडीए में शामिल है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों के बंटवारे के लिए आज अहम दिन है. अब एनडीए में गठबंधन को बचाने की जिम्मेदारी खुद बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. इसी सिलसिले में आज दोपहर बाद जेपी नड्डा के आवास पर बैठक संभावित है. इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद रह सकते है.

नड्डा और चिराग पासवान की बैठक पर टिकी निगाहें

बता दें कि गुरुवार को बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. बैठक में तीनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इसका पता नहीं चल पाया है. हालांकि, सूत्रों की माने तो बैठक में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया.

चिराग पासवान का क्या होगा?

सूत्रों की माने तो इस बैठक में एनडीए के प्रमुख घटक दल जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश को लेकर पार्टी की शिकायतों से अवगत कराया गया. इस दौरान उन्होंने 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के पार्टी के अंदरूनी दबाव के बारे में भी बीजेपी नेताओं को बताया.

क्या 143 सीटों पर लड़ेंगी LJP?

दरअसल, एलजेपी ने संकेत दिए हैं कि यदि सीटों का 'सम्मानजनक' बंटवारा नहीं हुआ तो वह राज्य की 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. वर्ष 2015 के चुनाव में लोजपा 42 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे महज दो ही सीटों पर जीत मिल सकी थी. उस चुनाव में जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा था. आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर उसने राजग को पटखनी दी थी.

तीन या चार अक्टूबर को सीटों का औपचारिक ऐलान संभव

हालांकि, सीट शेयरिंग में अमित शाह की एंट्री के बाद कयास लगाए जा रहे है कि, एलजेपी को एनडीए में ही बनाए रखने की पूरी कोशिश की जाएगी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एनडीए के सभी घटक दल के नेता दिल्ली में ही मिल-बैठकर तीन या चार अक्टूबर को सीटों का औपचारिक ऐलान कर सकते है.

कितनी सीटों पर लड़ेगी BJP-JDU?

बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 50-50 फीसदी सीटों पर बीजेपी-जेडीयू लड़ सकती हैं, ऐसी सूरत में 121 सीटों पर बीजेपी और 122 विधानसभा सीटों पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी. बीजेपी अपने कोटे से एलजेपी को सीटें देगी. जबकि जेडीयू अपने कोटे से जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को सीटें देगी.

NDA एकजुट, बीजेपी का दावा

इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने दावा किया था कि एनडीए एकजूट है और जेडीयू, बीजेपी, एलजेपी और और जीतन राम मांझी की पार्टी मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी के काम और नीतीश कुमार के चेहरे पर एनडीए चुनाव मैदान में जायेगी.

NDA में तय हुआ सीटों का बंटवारा?

इस बीच, सूत्रों की माने तो एनडीए ने अपना फॉर्मूला तैयार कर लिया है. सूत्रों की माने तो जेडीयू ने ज्यादा सीटों की मांग जरूर की है, लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2010 की तरह ही करने की बात भी कही गई है. 2010 में जेडीयू 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल कर लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 22 सीट पर ही समेट दिया था. लेकिन इस बार एनडीए में एलजेपी और जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' भी एनडीए में शामिल है.

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