पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच के 100 सालों के इतिहास में पहली बार किसी मरीज की कमांडो सर्जरी करके जान बचाई गई है. माउथ कैंसर से पीड़ित मरीज की कमांडो विधि से सर्जरी कर उसके मुंह, जबड़े और गले के कैंसरग्रस्त बड़े हिस्से को अलग कर दिया गया है.
ऑपरेशन के बाद तैयार किया गया जबड़ा: कैंसरग्रस्त बड़े हिस्से को अलग करने के बाद छाती से मांस और चमड़े का हिस्सा लेकर जबड़े का ढांचा फिर से तैयार किया गया. यह ऑपरेशन इंदू भूषण के यूनिट में कैंसर सर्जन डॉक्टर अमित कुमार और सर्जरी विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर आलोक रंजन की टीम ने किया है. इस टीम में डॉक्टर अमित की भूमिका बेहद खास रही.
![COMMANDO SURGERY IN PMCH](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/23533102_camandosurgery.jpg)
मरीज को कैसे हुआ मुंह का कैंसर: कैंसर सर्जन डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि नालंदा जिला के जंगसारी गांव निवासी 43 वर्षीय मरीज को गुटखा और खैनी खाने के कारण मुंह का कैंसर हो गया था. नवंबर 2024 में इस बात का उसे पता चला, जिसके बाद कमांडो विधि से सफल इसका इलाज किया गया है. टीम में डॉ. अमित, डॉ आलोक के अलावा डॉ कुणाल कुमार, डॉ कुणाल आनंद, डॉ अभिषेक अंकुर व एनेस्थेटिक डॉ रवि रंजन शामिल रहे.
"मरीज को गुटखा और खैनी खाने के कारण मुंह का कैंसर हुआ था. यह सर्जरी साढ़े तीन घंटे तक चली. फिलहाल अब मरीज की स्थिति में काफी सुधार है. यह सफलता पीएमसीएच के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है."-डॉ. अमित कुमार, कैंसर सर्जन
क्या होता है कमांडो सर्जरी: डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि कमांडो सर्जरी मुंह के कैंसर के लिए की जाती है. इस सर्जरी को तीन चरण में पूरा किया जाता है. पहले चरण में कैंसरग्रस्त जबड़े, मुंह और गले के हिस्से को हड्डी सहित हटाया जाता है. इसके बाद दूसरे चरण में गर्दन से लिम्फ नोड्स (गिलटियां) हटाई जाती हैं, जिससे कैंसर के फैलाव को रोका जाता है.
ऐसे होता है मरीज कैंसर से मुक्त: अंत और तीसरे चरण में मरीज के छाती से मांस और चमड़े का टिशू लेकर जबड़े और मुंह की रिकंस्ट्रक्शन की जाती है. इससे मरीज का चेहरा और बोलने की क्षमता यथासंभव सामान्य बनी रहती है. इसके बाद मरीज कैंसर से मुक्त हो जाता है और सामान्य जीवन जीने की संभावना बढ़ जाती है.
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