नई दिल्ली/पटना: लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान की अध्यक्षता में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक में फैसला हुआ है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसमें लोजपा-भाजपा सरकार का प्रस्ताव पारित हुआ है. लोजपा के सभी विधायक पीएम मोदी को और मजबूत करेंगे.
NEWS UPDATE:
- बैठक के बाद चाचा पशुपति कुमार पारस से मिलने गए हैं चिराग पासवान
- 143 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव- लोजपा सांसद चंदन सिंह
- नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में चुनाव नहीं लड़ेंगे- एलजेपी
- बैठक में जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला
- लोजपा एक साल से 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर पीछे हटने को तैयार नहीं
- बैठक में बिहार लोजपा अध्यक्ष और सांसद प्रिंस राज पासवान मौजूद
- सांसद वीणा देवी, सांसद चंदन सिंह समेत पार्टी के तमाम सांसद व नेता मौजूद
फैसले का दिन
लोजपा एनडीए में रहेगी या अलग होकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी इस बैठक में इसपर निर्णय हो सकता है. बीजेपी ने लोजपा को 27 विधानसभा सीट और विधान परिषद की 2 सीटों का ऑफर दिया था. इसके बाद चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी. उस दौरान चिराग को 30 विधानसभा सीट और दो विधान परिषद की सीटों का ऑफर दिया गया.
कई मुद्दों पर असहमति
चिराग ने बीजेपी के साथ हुई मीटिंग के दौरान बताया था कि उन्हें सीएम नीतीश या जेडीयू से कोई परेशानी नहीं है. चिराग पासवान ने कहा था कि लोकसभा की 6 सीटें और राज्यसभा की 1 सीट हमें मिली थी. इसलिए हमें 42 सीटें मिलनी चाहिए. वो अपने 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' विजन डॉक्यूमेंट को एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल कराना चाहते थे. लेकिन, जेडीयू के साथ इन मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई.
जेडीयू और लोजपा के बीच तनातनी बरकरार
जेडीयू और लोजपा के बीच तनातनी काफी बढ़ी हुई है. सीएम नीतीश के कामकाज पर चिराग कई बार सवाल उठा चुके हैं. बिहार एनडीए से अलग होने की सूरत में लोजपा 143 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जेडीयू के खिलाफ भी लोजपा उम्मीदवार उतार सकती हैं. हालांकि केंद्र में लोजपा एनडीए में बनी रहेगी