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RJD के लिए अनगाइडेड मिसाइल साबित हो रहे हैं लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप!

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Former Chief Minister Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. कई बार तो उनके बयान पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण भी बन जाते हैं. जानकार तो उनको पार्टी के लिए अनगाइडेड मिसाइल तक बता रहे हैं. राजनीति विश्लेषकों ने तेज प्रताप (RJD MLA Tej Pratap Yadav) के बयानों को तेजस्वी की तरह पार्टी में शीर्ष पद नहीं दिए जाने का गुस्सा करार दिया है. पढ़ें ये खास रिपोर्ट..

लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप
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Published : Apr 14, 2022, 5:42 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 6:47 PM IST

पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप (Lalu Yadav Son Tej Pratap) पार्टी के लिए अनगाइडेड मिसाइल बन गए हैं. पश्चिम चंपारण से अपने ही एमएलसी सौरभ कुमार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर राजद में उनके द्वारा पैदा किए गए उपद्रव से यह स्पष्ट है. अपने ताजा आरोप में तेज प्रताप ने कहा कि राजद एमएलसी सौरभ कुमार ने 50 लाख रुपये का बाथरूम बनाया (Tej Pratap Yadav Attacked RJD MLC) है. हालांकि, उन्होंने उस नाम का खुलासा नहीं किया जिसका बाथरूम सौरभ ने बनवाया है, लेकिन उन पर भ्रष्ट व्यक्ति होने और गरीबों को लूटने का आरोप लगाया है.


ये भी पढ़ें- तेज प्रताप का बड़ा खुलासा: अपनी ही पार्टी के MLC पर लगाये गंभीर आरोप, CBI जांच की मांग


तेज प्रताप ने कई बार किया शर्मसार: यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने अपना और पार्टी का मजाक उड़ाया है. बल्कि, इससे पहले भी उन्होंने पार्टी को शर्मसार करने के लिए कई बयान जारी किए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव का कद ऊंचा होने के कारण असुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि लालू की अनुपस्थिति में सारे निर्णय तेजस्वी लेते हैं. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में सलाखों के पीछे हैं.

ये भी पढ़ें- 'वो अय्याश.. घर में 50 लाख का बाथरूम बनवाया'.. तेजप्रताप के आरोपों पर बोले सौरभ- वो शायद नाराज हैं

तेजस्वी के कारण तेज प्रताप असहज: जब से लालू जेल गए हैं, उन्होंने तेजस्वी को पार्टी सौंप दी है और वो ही सभी महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं, जिससे तेज प्रताप असहज महसूस (Tej Pratap uncomfortable because of Tejashwi) करते हैं. भले ही तेज प्रताप सबसे बड़े हैं, लेकिन छोटा भाई पार्टी में शीर्ष पर है और वह लालू के उत्तराधिकारी भी हैं. ये सब बातें तेज प्रताप को अपना नियंत्रण खोने के लिए प्रेरित करती हैं और बार-बार वह पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ विवादित बयान देते रहते हैं. पिछले साल तेज प्रताप ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और उन्हें आरएसएस का सहयोगी बताया था.

ये भी पढ़ें- 'नासमझ समझने की भूल करने वालों' पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जल्द करेंगे बड़ा खुलासा

RJD के दिग्गजों पर 'तेज' प्रहार: इससे पहले तेज प्रताप ने जगदा बाबू पर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो उनको और ना ही राजद कार्यकर्ताओं और विधायकों को कोई वैल्यू देते हैं. तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया था कि जगदा बाबू ही लालू यादव के खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार थे. तेज प्रताप का ट्रैक रिकॉर्ड अगर देखा जाये तो ये प्रतीत होगा कि उन्होंने बार-बार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया है. वरिष्ठ नेता स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए उनकी 'लोटा' टिप्पणी अभी भी पार्टी नेताओं को परेशान करती है.जब पार्टी में रघुवंश के राजद से बाहर होने की अटकलें चल रही थी तो तेज प्रताप ने कहा था कि अगर कोई समुद्र से पानी का एक लोटा निकालेगा तो इससे ज्यादा असर नहीं होगा.

रामचंद्र पूर्वे को लगाई थी फटकार: 2018 में तेज प्रताप ने तत्कालीन राजद राज्य इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को फटकार लगाई थी और अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्वे ने उनके साथ काम करने वाले लोगों की अनदेखी करना शुरू कर दिया था. कई बार लालू और राबड़ी दोनों ने अपने स्तर पर तेज प्रताप को समझाने की पूरी कोशिश की कि वे ऐसे बयान न दें जो पार्टी के खिलाफ हो, लेकिन उनकी सारी कोशिशें बेकार गई.

तेज प्रताप पर कार्रवाई से परहेज: नाम ना छापने का अनुरोध करते हुए राजद के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि तेज प्रताप पर एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं है, भले ही उनके बयानों से पार्टी की छवि खराब होती है तो हो. राजद नेता ने कहा कि "अगर कोई अन्य कार्यकर्ता या पार्टी का नेता पार्टी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करता तो शीर्ष नेतृत्व उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता. तेज प्रताप के मामले में लालू जी भी ज्यादा नहीं बोलते हैं, यह जानते हुए कि तेज प्रताप का बयान पार्टी लाइन के खिलाफ है.''

ये भी पढ़ें- तेज प्रताप ने तेजस्वी के RJD अध्यक्ष बनने की संभावना को नकारा, बोले- 'लालू ही सबसे बेहतर'

तेज प्रताप ने किसी को नहीं बख्शा: सच तो यह है कि तेज प्रताप किसी को नहीं बख्शते हैं. पार्टी एमएलसी की बात तो छोड़िए उन्होंने तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव पर भी हमला बोला था. उस कड़ी में भी सभी ने चुप्पी साधे रखी और इस मुद्दे पर सभी लोग चुप्पी साधे हुए हैं. तेज प्रताप मानते हैं कि परिवार में सबसे बड़ा बेटा होने के नाते उन्हें नेचुरल उत्तराधिकार मिलना चाहिए, लेकिन तेजस्वी ही पार्टी को नियंत्रित करते हैं जो तेज प्रताप को नागवार गुजरता है.

तेज प्रताप की RJD में शीर्ष पद की चाह: राजनीति विश्लेषकों डॉक्टर संजय कुमार ने तेज प्रताप के बयान को तेजस्वी की तरह पार्टी में शीर्ष पद न दिए जाने का गुस्सा करार दिया. उन्होंने कहा कि ''तेजस्वी की तरह, लालू के सबसे बड़े बेटे तेज प्रताप राजद नेताओं से सम्मान चाहते हैं, लेकिन वे लालू जी और तेजस्वी को सम्मान देते हैं. तेज प्रताप को तभी सम्मान मिलेगा जब वो पार्टी के लिए असहज वातावरण पैदा करने के बजाय खुद को एक परिपक्व और गंभीर नेता बना लें. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने से कार्यकर्ताओं में भी गलत संदेश जाता है क्योंकि तेज प्रताप लालू के बेटे होने का फायदा उठाते हैं.''

डॉक्टर संजय कुमार ने आगे कहा कि ''तेज प्रताप के दिल में दर्द है कि बड़ा बेटा होते हुए भी वह राजद के उत्तराधिकारी नहीं हैं. यही कारण है कि मीडिया में बने रहने के लिए वो इस तरह का बयान देते रहते हैं, लेकिन वह यह समझने में विफल रहते हैं कि मीडिया भी राजद के नेताओं की तरह उनको सीरियसली नहीं लेती है.

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पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप (Lalu Yadav Son Tej Pratap) पार्टी के लिए अनगाइडेड मिसाइल बन गए हैं. पश्चिम चंपारण से अपने ही एमएलसी सौरभ कुमार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर राजद में उनके द्वारा पैदा किए गए उपद्रव से यह स्पष्ट है. अपने ताजा आरोप में तेज प्रताप ने कहा कि राजद एमएलसी सौरभ कुमार ने 50 लाख रुपये का बाथरूम बनाया (Tej Pratap Yadav Attacked RJD MLC) है. हालांकि, उन्होंने उस नाम का खुलासा नहीं किया जिसका बाथरूम सौरभ ने बनवाया है, लेकिन उन पर भ्रष्ट व्यक्ति होने और गरीबों को लूटने का आरोप लगाया है.


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तेज प्रताप ने कई बार किया शर्मसार: यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने अपना और पार्टी का मजाक उड़ाया है. बल्कि, इससे पहले भी उन्होंने पार्टी को शर्मसार करने के लिए कई बयान जारी किए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव का कद ऊंचा होने के कारण असुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि लालू की अनुपस्थिति में सारे निर्णय तेजस्वी लेते हैं. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में सलाखों के पीछे हैं.

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तेजस्वी के कारण तेज प्रताप असहज: जब से लालू जेल गए हैं, उन्होंने तेजस्वी को पार्टी सौंप दी है और वो ही सभी महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं, जिससे तेज प्रताप असहज महसूस (Tej Pratap uncomfortable because of Tejashwi) करते हैं. भले ही तेज प्रताप सबसे बड़े हैं, लेकिन छोटा भाई पार्टी में शीर्ष पर है और वह लालू के उत्तराधिकारी भी हैं. ये सब बातें तेज प्रताप को अपना नियंत्रण खोने के लिए प्रेरित करती हैं और बार-बार वह पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ विवादित बयान देते रहते हैं. पिछले साल तेज प्रताप ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और उन्हें आरएसएस का सहयोगी बताया था.

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RJD के दिग्गजों पर 'तेज' प्रहार: इससे पहले तेज प्रताप ने जगदा बाबू पर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो उनको और ना ही राजद कार्यकर्ताओं और विधायकों को कोई वैल्यू देते हैं. तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया था कि जगदा बाबू ही लालू यादव के खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार थे. तेज प्रताप का ट्रैक रिकॉर्ड अगर देखा जाये तो ये प्रतीत होगा कि उन्होंने बार-बार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया है. वरिष्ठ नेता स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए उनकी 'लोटा' टिप्पणी अभी भी पार्टी नेताओं को परेशान करती है.जब पार्टी में रघुवंश के राजद से बाहर होने की अटकलें चल रही थी तो तेज प्रताप ने कहा था कि अगर कोई समुद्र से पानी का एक लोटा निकालेगा तो इससे ज्यादा असर नहीं होगा.

रामचंद्र पूर्वे को लगाई थी फटकार: 2018 में तेज प्रताप ने तत्कालीन राजद राज्य इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को फटकार लगाई थी और अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्वे ने उनके साथ काम करने वाले लोगों की अनदेखी करना शुरू कर दिया था. कई बार लालू और राबड़ी दोनों ने अपने स्तर पर तेज प्रताप को समझाने की पूरी कोशिश की कि वे ऐसे बयान न दें जो पार्टी के खिलाफ हो, लेकिन उनकी सारी कोशिशें बेकार गई.

तेज प्रताप पर कार्रवाई से परहेज: नाम ना छापने का अनुरोध करते हुए राजद के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि तेज प्रताप पर एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं है, भले ही उनके बयानों से पार्टी की छवि खराब होती है तो हो. राजद नेता ने कहा कि "अगर कोई अन्य कार्यकर्ता या पार्टी का नेता पार्टी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करता तो शीर्ष नेतृत्व उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता. तेज प्रताप के मामले में लालू जी भी ज्यादा नहीं बोलते हैं, यह जानते हुए कि तेज प्रताप का बयान पार्टी लाइन के खिलाफ है.''

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तेज प्रताप ने किसी को नहीं बख्शा: सच तो यह है कि तेज प्रताप किसी को नहीं बख्शते हैं. पार्टी एमएलसी की बात तो छोड़िए उन्होंने तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव पर भी हमला बोला था. उस कड़ी में भी सभी ने चुप्पी साधे रखी और इस मुद्दे पर सभी लोग चुप्पी साधे हुए हैं. तेज प्रताप मानते हैं कि परिवार में सबसे बड़ा बेटा होने के नाते उन्हें नेचुरल उत्तराधिकार मिलना चाहिए, लेकिन तेजस्वी ही पार्टी को नियंत्रित करते हैं जो तेज प्रताप को नागवार गुजरता है.

तेज प्रताप की RJD में शीर्ष पद की चाह: राजनीति विश्लेषकों डॉक्टर संजय कुमार ने तेज प्रताप के बयान को तेजस्वी की तरह पार्टी में शीर्ष पद न दिए जाने का गुस्सा करार दिया. उन्होंने कहा कि ''तेजस्वी की तरह, लालू के सबसे बड़े बेटे तेज प्रताप राजद नेताओं से सम्मान चाहते हैं, लेकिन वे लालू जी और तेजस्वी को सम्मान देते हैं. तेज प्रताप को तभी सम्मान मिलेगा जब वो पार्टी के लिए असहज वातावरण पैदा करने के बजाय खुद को एक परिपक्व और गंभीर नेता बना लें. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने से कार्यकर्ताओं में भी गलत संदेश जाता है क्योंकि तेज प्रताप लालू के बेटे होने का फायदा उठाते हैं.''

डॉक्टर संजय कुमार ने आगे कहा कि ''तेज प्रताप के दिल में दर्द है कि बड़ा बेटा होते हुए भी वह राजद के उत्तराधिकारी नहीं हैं. यही कारण है कि मीडिया में बने रहने के लिए वो इस तरह का बयान देते रहते हैं, लेकिन वह यह समझने में विफल रहते हैं कि मीडिया भी राजद के नेताओं की तरह उनको सीरियसली नहीं लेती है.

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Last Updated : Apr 14, 2022, 6:47 PM IST
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