नई दिल्ली/पटना : बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. हालांकि बीच-बीच में जेडीयू और बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर वार करने से नहीं चूकते हैं. अब हाल की बात करें तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल काफी आक्रामक हैं. सरकार के काम काज के साथ-साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा पर वार करते नजर आ रहे हैं. इससे उलट दिल्ली में जो नजारा दिखा वह साफ बताता है कि पीएम मोदी सहयोगी जेडीयू को किस तरह तरजीह देते हैं.
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ललन सिंह को मिली आगे की कुर्सी : मौका था एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (NDA Presidential Candidate Draupadi Murmu) के नामांकन का. बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे. लेकिन जब बारी आयी पहली पंक्ति में बैठने की, तो कई नेताओं को पीछे की कुर्सी देकर पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को आगे बुलाया. पीएम मोदी ने कहा, 'ललन जी, इधर आइए.' आगे की पंक्ति में पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और ललन सिंह मौजूद थे.
ललन सिंह बने प्रस्तावक : इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस पीछे और बगल की सीटों पर बैठे हुए थे. यहां यह बताना भी जरूरी है कि ललन सिंह द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक भी बने. ललन सिंह के अलावा जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू, चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, आलोक कुमार सुमन और दिलेश्वर कामत भी प्रस्तावक में शामिल रहे.
जेडीयू ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन : कुल मिलाकर देखा जाए तो पीएम मोदी ने ललन सिंह को आगे की पंक्ति में बिठाकर बड़ा संदेश दे दिया. यहां यह बताना भी जरूरी है कि जब रात में बीजेपी की ओर से एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का नाम आगे किया गया तो सुबह होते ही जेडीयू ने समर्थन किया था. ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हैं इसलिए पार्टी द्रौपदी मुर्मू के साथ है.