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बोले जीवेश मिश्रा- बिहार में 19 लाख रोजगार का लक्ष्य जरूर होगा पूरा

श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resources Minister Jivesh Mishra) ने दावा किया है कि जिस तेजी से बिहार में युवाओं को रोजगार (Employment to Youth in Bihar) उपलब्ध कराया जा रहा है, हमें भरोसा है कि 5 साल में 19 लाख रोजगार का वादा पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में आईटी पार्क (IT Park in Bihar) और डाटा सेंटर बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

जीवेश मिश्रा से खास बातचीत
जीवेश मिश्रा से खास बातचीत
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Published : Dec 14, 2021, 5:34 PM IST

पटना: बिहार में ई श्रमिक पोर्टल (E Shramik Portal in Bihar) के माध्यम से अबतक 1 करोड़ 23 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन हो चुका है. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resources Minister Jivesh Mishra) ने कहा कि हमारा लक्ष्य 3 करोड़ 49 लाख का है, जो 31 दिसंबर तक पूरा करने के लिए बिहार का श्रम संसाधन विभाग (Labor Resource Department of Bihar) प्रयासरत है.

ये भी पढ़ें: स्पेशल स्टेटस पर BJP-JDU में ठनी! बोले जीवेश मिश्रा- बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग जायज नहीं

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि थंब इंप्रेशन के लिए काफी कर्मचारी पंचायत चुनाव में लगे हुए थे, इस कारण से निबंधन में थोड़ी समस्या आई है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि अभी तक प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के में 1 करोड़ 23 लाख मजदूरों का ही निबंधन हो पाया है. ई श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को पूरी तरीके से लाभ मिलेगा.

मंत्री जीवेश मिश्रा से खास बातचीत

श्रम मंत्री ने कहा कि बिहार श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करने में चौथे पायदान पर है. ई श्रमिक पोर्टल पर आंगनवाड़ी समूह की दीदी, आशा कार्यकर्ता, जीविका के लोगों को भी शामिल करना है. आने वाले 15 दिनों में काफी तेजी के साथ ई श्रमिक पोर्टल पर बिहार के उन तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जल्द से जल्द जोड़ने के लिए काम होगा.

ये भी पढ़ें: ई-श्रमिक पोर्टल से बिहार के श्रमिकों को होगा फायदा: श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा

बिहार में युवाओं को रोजगार (Employment to Youth in Bihar) देने के सवाल पर जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार में रोजगार पर बात नहीं काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है. ढाई लाख सरकारी नौकरी दी जा रही है, जिसमें शिक्षा विभाग में सवा लाख नियोजन भी शामिल है. इसके अलावे स्वास्थ्य विभाग की ओर से 50 हजार नौकरी दी जा रही है.

"कोई ऐसा विभाग नहीं है, जिसमें 2000 से लेकर 5000 तक नौकरी नहीं निकली हो. सरकार 1 साल के अंदर ढाई लाख नौकरी सरकारी क्षेत्रों में देने जा रही है. पिछले दो वर्षों में 2,58000 नौकरी प्राइवेट क्षेत्र में दी गई है. लोग बेवजह अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना काल में नौकरी गई है. डोर स्टेप डिलीवरी में लोगों को बड़े पैमाने पर नौकरी मिली है"- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री, बिहार

श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने 19 लाख रोजगार की बात की थी, लेकिन 1 वर्ष में साढ़े तीन लाख से लेकर 4 लाख के लगभग का लक्ष्य प्राप्त कर लिए है. उन्होंने कहा कि हम लोग सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. रोजगार पैदा करने के लिए स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से भी लोगों को ट्रेंड कर रहे हैं. हम लोगों का जो लक्ष्य 19 लाख रखा गया है, उसको पार भी कर सकते हैं.

श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ आईटी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले जीवेश मिश्रा से जब बिहार में आईटी पार्क (IT Park in Bihar) और आईटी हब को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पटना में दो आईटी टावर और बिहटा में एक आईटी पार्क के लिए पीपीपी मोड में कार्य शुरू हो गया है. राजगीर में 110 एकड़ भूमि पर आईटी सिटी बनाने के लिए भी सरकार की योजना है. नियमावली बन जाने के बाद उस पर भी कार्य शुरू हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: बिहार के IT विभाग की फाइलें अब धूल नहीं फाकेंगी, पेपरलेस E-Office से होंगे सारे काम

मंत्री ने दावा किया कि आईटी टावर बनाने के लिए कदम बढ़ा दिए गए हैं. हालांकि पीपीपी मोड में काम करने में द्विपक्षीय बात होती है. किस प्रकार के लोगों आएंगे और कितना निवेश करेंगे. राज्य सरकार से जब सहमति बन जाती है तब उनको आने का न्योता देते हैं. उसके बाद उस काम को अमलीजामा पहनाया जाएगा, लेकिन यह जो प्रक्रिया है उसमें थोड़ा समय लगेगा. यकीन मानिए बिहार अगले 5 वर्षो में आईटी के क्षेत्र में एक नया माइलस्टोन खड़ा करने वाला है.

वहीं डाटा सेंटर को लेकर उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर में सरकारी विभाग के डाटा रखे जाएंगे. साथ ही निजी कंपनी भी अपने डाटा को वहां पर सुरक्षित रख सकते हैं. इस डाटा सेंटर में किसी भी विभाग के डाटा को कभी भी आसानी से जानकारी प्राप्त किया जा सकता है. इस दिशा में भी विभाग प्रयास कर रहा है. जल्द से जल्द डाटा सेंटर को भी पटना के बिस्कोमान भवन में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई राज्यों से बेहतर डेटा सेंटर बिहार का होगा. अगले वर्ष जून माह तक पूरा कराने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे अमेजॉन फ्लिपकार्ट और कई जैसी बड़ी कंपनियां हैं. जो अपने डाटा को सुरक्षित कई अन्य राज्यों में रखने का काम करते हैं, उनको भी निमंत्रण देने का काम करेंगे.

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पटना: बिहार में ई श्रमिक पोर्टल (E Shramik Portal in Bihar) के माध्यम से अबतक 1 करोड़ 23 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन हो चुका है. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resources Minister Jivesh Mishra) ने कहा कि हमारा लक्ष्य 3 करोड़ 49 लाख का है, जो 31 दिसंबर तक पूरा करने के लिए बिहार का श्रम संसाधन विभाग (Labor Resource Department of Bihar) प्रयासरत है.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि थंब इंप्रेशन के लिए काफी कर्मचारी पंचायत चुनाव में लगे हुए थे, इस कारण से निबंधन में थोड़ी समस्या आई है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि अभी तक प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के में 1 करोड़ 23 लाख मजदूरों का ही निबंधन हो पाया है. ई श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को पूरी तरीके से लाभ मिलेगा.

मंत्री जीवेश मिश्रा से खास बातचीत

श्रम मंत्री ने कहा कि बिहार श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करने में चौथे पायदान पर है. ई श्रमिक पोर्टल पर आंगनवाड़ी समूह की दीदी, आशा कार्यकर्ता, जीविका के लोगों को भी शामिल करना है. आने वाले 15 दिनों में काफी तेजी के साथ ई श्रमिक पोर्टल पर बिहार के उन तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जल्द से जल्द जोड़ने के लिए काम होगा.

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बिहार में युवाओं को रोजगार (Employment to Youth in Bihar) देने के सवाल पर जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार में रोजगार पर बात नहीं काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है. ढाई लाख सरकारी नौकरी दी जा रही है, जिसमें शिक्षा विभाग में सवा लाख नियोजन भी शामिल है. इसके अलावे स्वास्थ्य विभाग की ओर से 50 हजार नौकरी दी जा रही है.

"कोई ऐसा विभाग नहीं है, जिसमें 2000 से लेकर 5000 तक नौकरी नहीं निकली हो. सरकार 1 साल के अंदर ढाई लाख नौकरी सरकारी क्षेत्रों में देने जा रही है. पिछले दो वर्षों में 2,58000 नौकरी प्राइवेट क्षेत्र में दी गई है. लोग बेवजह अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना काल में नौकरी गई है. डोर स्टेप डिलीवरी में लोगों को बड़े पैमाने पर नौकरी मिली है"- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री, बिहार

श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने 19 लाख रोजगार की बात की थी, लेकिन 1 वर्ष में साढ़े तीन लाख से लेकर 4 लाख के लगभग का लक्ष्य प्राप्त कर लिए है. उन्होंने कहा कि हम लोग सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. रोजगार पैदा करने के लिए स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से भी लोगों को ट्रेंड कर रहे हैं. हम लोगों का जो लक्ष्य 19 लाख रखा गया है, उसको पार भी कर सकते हैं.

श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ आईटी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले जीवेश मिश्रा से जब बिहार में आईटी पार्क (IT Park in Bihar) और आईटी हब को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पटना में दो आईटी टावर और बिहटा में एक आईटी पार्क के लिए पीपीपी मोड में कार्य शुरू हो गया है. राजगीर में 110 एकड़ भूमि पर आईटी सिटी बनाने के लिए भी सरकार की योजना है. नियमावली बन जाने के बाद उस पर भी कार्य शुरू हो जाएगा.

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मंत्री ने दावा किया कि आईटी टावर बनाने के लिए कदम बढ़ा दिए गए हैं. हालांकि पीपीपी मोड में काम करने में द्विपक्षीय बात होती है. किस प्रकार के लोगों आएंगे और कितना निवेश करेंगे. राज्य सरकार से जब सहमति बन जाती है तब उनको आने का न्योता देते हैं. उसके बाद उस काम को अमलीजामा पहनाया जाएगा, लेकिन यह जो प्रक्रिया है उसमें थोड़ा समय लगेगा. यकीन मानिए बिहार अगले 5 वर्षो में आईटी के क्षेत्र में एक नया माइलस्टोन खड़ा करने वाला है.

वहीं डाटा सेंटर को लेकर उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर में सरकारी विभाग के डाटा रखे जाएंगे. साथ ही निजी कंपनी भी अपने डाटा को वहां पर सुरक्षित रख सकते हैं. इस डाटा सेंटर में किसी भी विभाग के डाटा को कभी भी आसानी से जानकारी प्राप्त किया जा सकता है. इस दिशा में भी विभाग प्रयास कर रहा है. जल्द से जल्द डाटा सेंटर को भी पटना के बिस्कोमान भवन में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई राज्यों से बेहतर डेटा सेंटर बिहार का होगा. अगले वर्ष जून माह तक पूरा कराने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे अमेजॉन फ्लिपकार्ट और कई जैसी बड़ी कंपनियां हैं. जो अपने डाटा को सुरक्षित कई अन्य राज्यों में रखने का काम करते हैं, उनको भी निमंत्रण देने का काम करेंगे.

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