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अमित शाह को मांझी का जवाब- नीतीश कुमार ने भाईचारा कायम रखने के लिए BJP से नाता तोड़ा - ETV BHarat

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को जेपी के जयंती के मौके पर सिताब दियारा (Amit Shah In Saran) पहुंचे और नीतीश कुमार और लालू यादव पर आरोप लगाया कि यह लोग सत्ता के लिए जे पी के विचारधारा से समझौता किए, कांग्रेस की गोद में जाकर सत्ता हासिल किए. अमित शाह के भाषण के बाद उनके बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी शुरू हो गई है. जीतन राम मांझी ने कहा कि सभी लोग आज अपनी सुविधा के अनुसार बातें कह रहे हैं. आज वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि वह कल क्यों नीतीश कुमार को समर्थन कर रहे थे.

Manjhi
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Published : Oct 11, 2022, 3:46 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 4:20 PM IST

पटना : ये तो सब जानता है, राजनीति संभावनाओं का खेल है. जिस पार्टी को जब कभी अपनी भलाई की संभवना दिखती है, वह उसके साथ हो जाती है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने इसपर मुहर लगा दी है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah On Nitish Lalu) ने सारण में नीतीश कुमार पर हमला बोला तो जीतन राम मांझी ने इसका जवाब दिया.

ये भी पढ़ें - JP के बहाने लालू-नीतीश पर निशाना: अमित शाह बोले- कांग्रेस की गोद में बैठे हैं बिहार के सत्‍ताधारी

''राजनीति में समझौता होते रहता है. बीजेपी भी कभी नीतीश कुमार के साथ गई थी, कभी लालू यादव का साथ दिया था. लालू प्रसाद भी कभी कांग्रेस के धुर विरोधी थे. आज देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खतरा है जो भाजपा करती है. भाईचारा संकट में है, नीतीश कुमार ने प्रदेश में भाईचारा कायम रखने के लिए भाजपा से नाता तोड़ा है.''- जीतन राम मांझी, हम प्रमुख

'महापुरुषों को सम्मान देने के नाम पर राजनीति सही नहीं' : जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि सभी लोग आज अपनी सुविधा के अनुसार बातें कह रहे हैं. आज वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि वह कल क्यों नीतीश कुमार को समर्थन कर रहे थे. यह सत्ता का खेल है यह राजनीति है. जहां तक जयंती मनाने का और सम्मान देने का सवाल है तो यह हम सभी का कर्तव्य है कि अपने महापुरुषों की जयंती पर उन्हें याद करें और सम्मान दें. महापुरुषों को सम्मान देने के लिए अगर अमित शाह आए हैं तो अच्छी बात है लेकिन यदि वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो यह बेईमानी है.

2024 और 2025 के चुनाव में परिणाम दिखेगा : आज देश में सबसे बड़ा खतरा सांप्रदायिकता का है. भगवाकरण की ओर भाजपा के लोग हिंदुस्तान को ले जाना चाहते हैं. शेड्यूल कास्ट के आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं. इन खतरा को देखकर आज नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ मिले हैं. यह समाज के हित में मिले हैं और इनका मिलना जायज है. इसका परिणाम 2024 और 2025 के चुनाव में साफ देखने को मिलेगा. जनता समझ रही है कि बिहार में अच्छा कदम उठाया गया है.

अमित शाह का लालू-नीतीश पर निशाना: सिताब दियारा में अमित शाह ने कहा कि हमने एक नारा सुना था 'अंधेरे में एक प्रकाश, जय प्रकाश...जय प्रकाश'. जेपी ने सत्ता का कभी मोह नहीं किया लेकिन लालू यादव-नीतीश कुमार वहीं कर रहे हैं. शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता के लिए 5-5 बार पाला बदल देते हैं. ऐसे लोगों को जनता सबक सिखाएगी.

नीतीश से बड़ा चेहरा कोई नहीं : जदयू की विधायक और बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल ने कहा कि बिहार में कोई भी कहीं भी आ सकता है, यहां आने जाने वालों के लिए कोई रोक-टोक नहीं है. पूरे देश में कहीं भी कोई आ और जा सकता है और इस पर कोई कटाक्ष नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक अमित शाह के बयान का सवाल है तो वह यही कहेंगी कि जेपी ने किस दौर में काम किया और उस समय उनके साथ कौन था सभी जानते हैं. आज जेपी के विचारधारा पर चलने वाले समाजवादी नेताओं में देश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ा चेहरा कोई नहीं है.


पटना : ये तो सब जानता है, राजनीति संभावनाओं का खेल है. जिस पार्टी को जब कभी अपनी भलाई की संभवना दिखती है, वह उसके साथ हो जाती है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने इसपर मुहर लगा दी है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah On Nitish Lalu) ने सारण में नीतीश कुमार पर हमला बोला तो जीतन राम मांझी ने इसका जवाब दिया.

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''राजनीति में समझौता होते रहता है. बीजेपी भी कभी नीतीश कुमार के साथ गई थी, कभी लालू यादव का साथ दिया था. लालू प्रसाद भी कभी कांग्रेस के धुर विरोधी थे. आज देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खतरा है जो भाजपा करती है. भाईचारा संकट में है, नीतीश कुमार ने प्रदेश में भाईचारा कायम रखने के लिए भाजपा से नाता तोड़ा है.''- जीतन राम मांझी, हम प्रमुख

'महापुरुषों को सम्मान देने के नाम पर राजनीति सही नहीं' : जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि सभी लोग आज अपनी सुविधा के अनुसार बातें कह रहे हैं. आज वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि वह कल क्यों नीतीश कुमार को समर्थन कर रहे थे. यह सत्ता का खेल है यह राजनीति है. जहां तक जयंती मनाने का और सम्मान देने का सवाल है तो यह हम सभी का कर्तव्य है कि अपने महापुरुषों की जयंती पर उन्हें याद करें और सम्मान दें. महापुरुषों को सम्मान देने के लिए अगर अमित शाह आए हैं तो अच्छी बात है लेकिन यदि वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं तो यह बेईमानी है.

2024 और 2025 के चुनाव में परिणाम दिखेगा : आज देश में सबसे बड़ा खतरा सांप्रदायिकता का है. भगवाकरण की ओर भाजपा के लोग हिंदुस्तान को ले जाना चाहते हैं. शेड्यूल कास्ट के आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं. इन खतरा को देखकर आज नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ मिले हैं. यह समाज के हित में मिले हैं और इनका मिलना जायज है. इसका परिणाम 2024 और 2025 के चुनाव में साफ देखने को मिलेगा. जनता समझ रही है कि बिहार में अच्छा कदम उठाया गया है.

अमित शाह का लालू-नीतीश पर निशाना: सिताब दियारा में अमित शाह ने कहा कि हमने एक नारा सुना था 'अंधेरे में एक प्रकाश, जय प्रकाश...जय प्रकाश'. जेपी ने सत्ता का कभी मोह नहीं किया लेकिन लालू यादव-नीतीश कुमार वहीं कर रहे हैं. शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता के लिए 5-5 बार पाला बदल देते हैं. ऐसे लोगों को जनता सबक सिखाएगी.

नीतीश से बड़ा चेहरा कोई नहीं : जदयू की विधायक और बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल ने कहा कि बिहार में कोई भी कहीं भी आ सकता है, यहां आने जाने वालों के लिए कोई रोक-टोक नहीं है. पूरे देश में कहीं भी कोई आ और जा सकता है और इस पर कोई कटाक्ष नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक अमित शाह के बयान का सवाल है तो वह यही कहेंगी कि जेपी ने किस दौर में काम किया और उस समय उनके साथ कौन था सभी जानते हैं. आज जेपी के विचारधारा पर चलने वाले समाजवादी नेताओं में देश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ा चेहरा कोई नहीं है.


Last Updated : Oct 11, 2022, 4:20 PM IST
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