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जातीय जनगणना पर संसद में केंद्र के जवाब से JDU नाराज, दिनेश चंद्र यादव ने की पुनर्विचार की मांग

जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव (JDU MP Dinesh Chandra Yadav) ने जातीय जनगणना पर संसद में केंद्र सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जब सभी दल और राज्य इसके पक्ष में हैं तो सरकार को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. यह सभी के हित में है, लिहाजा फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है.

जातीय जनगणना पर केंद्र से जेडीयू नाराज
जातीय जनगणना पर केंद्र से जेडीयू नाराज
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Published : Dec 1, 2021, 6:22 PM IST

नई दिल्ली/पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत (Politics on Caste Census in Bihar) फिर से गरमाने लगी है. विपक्ष के बाद अब बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी अपनी नाराजगी जताई है. मधेपुरा से जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव (JDU MP Dinesh Chandra Yadav) ने कहा कि संसद में जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार का जो जवाब आया है, उससे हम लोग नाराज हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम लोग समझौता नहीं कर सकते हैं. केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना पर तेजस्वी की नीतीश से मांग, 'इसी सत्र में निर्णय ले बिहार सरकार'

जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में कई ऐसे काम हुए हैं, जो पिछले 70 साल में नहीं हुए थे. नोटबंदी, जीएसटी, ट्रिपल तलाक पर कानून, धारा 370 हटी और राम मंदिर बन रहा है. ऐसे में जातीय जनगणना कराने में केंद्र सरकार को क्या दिक्कत है? यह करने से केंद्र सरकार पर कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर अपने फैसले पर विचार नहीं करती है और इसको नहीं कराती है तो बिहार में बिहार सरकार इसको खुद से अपने खर्च पर कराने पर विचार कर सकती है.

देखें रिपोर्ट

सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ और अन्य दलों के साथ बैठक भी कर सकते हैं. जातीय जनगणना होगी तो कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम को बनाने में मदद मिलेगी. सरकारी योजनाओं का लाभ सभी कमजोर लोगों को मिलेगा.

ये भी पढ़ें:ETV भारत के सवाल पर बोले CM नीतीश- खुद ही कराना होगा जातीय जनगणना, तो हम करेंगे विचार

वहीं, दिनेश चंद्र यादव ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर वह हम लोगों को नसीहत ना दें. जरूरी नहीं कि नेता प्रतिपक्ष जो भी मांग करें, उसको हम लोग तुरंत पूरा कर दें. सरकार अपने हिसाब से सभी चीजों को देख रही है, जल्द ही इस बारे में कोई फैसला जरूर लेगी.

बता दें केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि केंद्र ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अलावा जाति आधारित गणना नहीं की है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही. प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार ने जाति आधारित जनगणना के लिए कोई योजना या नीति बनाई है?

वहीं इसके बाद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी केंद्र सरकार व नीतीश पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लिखित तौर पर संसद में कह दिया है कि जातीय जनगणना नहीं कराएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री को इसको बिहार में खुद से अपने खर्च पर कराना चाहिए. यह भी मांग की है कि सीएम नीतीश इस बात का ऐलान करें विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही. याद दिलाएं कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और इस को जल्द कराने की भी मांग की थी.

नई दिल्ली/पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत (Politics on Caste Census in Bihar) फिर से गरमाने लगी है. विपक्ष के बाद अब बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी अपनी नाराजगी जताई है. मधेपुरा से जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव (JDU MP Dinesh Chandra Yadav) ने कहा कि संसद में जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार का जो जवाब आया है, उससे हम लोग नाराज हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम लोग समझौता नहीं कर सकते हैं. केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

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जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में कई ऐसे काम हुए हैं, जो पिछले 70 साल में नहीं हुए थे. नोटबंदी, जीएसटी, ट्रिपल तलाक पर कानून, धारा 370 हटी और राम मंदिर बन रहा है. ऐसे में जातीय जनगणना कराने में केंद्र सरकार को क्या दिक्कत है? यह करने से केंद्र सरकार पर कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर अपने फैसले पर विचार नहीं करती है और इसको नहीं कराती है तो बिहार में बिहार सरकार इसको खुद से अपने खर्च पर कराने पर विचार कर सकती है.

देखें रिपोर्ट

सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ और अन्य दलों के साथ बैठक भी कर सकते हैं. जातीय जनगणना होगी तो कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम को बनाने में मदद मिलेगी. सरकारी योजनाओं का लाभ सभी कमजोर लोगों को मिलेगा.

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वहीं, दिनेश चंद्र यादव ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर वह हम लोगों को नसीहत ना दें. जरूरी नहीं कि नेता प्रतिपक्ष जो भी मांग करें, उसको हम लोग तुरंत पूरा कर दें. सरकार अपने हिसाब से सभी चीजों को देख रही है, जल्द ही इस बारे में कोई फैसला जरूर लेगी.

बता दें केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि केंद्र ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अलावा जाति आधारित गणना नहीं की है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही. प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार ने जाति आधारित जनगणना के लिए कोई योजना या नीति बनाई है?

वहीं इसके बाद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी केंद्र सरकार व नीतीश पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लिखित तौर पर संसद में कह दिया है कि जातीय जनगणना नहीं कराएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री को इसको बिहार में खुद से अपने खर्च पर कराना चाहिए. यह भी मांग की है कि सीएम नीतीश इस बात का ऐलान करें विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही. याद दिलाएं कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और इस को जल्द कराने की भी मांग की थी.

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