पटना: केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार उत्तर भारतीयों की योग्यता पर सवाल उठाने के कारण केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि सहयोगी दलों के भी निशाने पर हैं. बिहार में प्रमुख सहयोगी पार्टी जदयू इस मामले में आगे बढ़ती दिख रही है. एक तरफ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी संतोष गंगवार के बयान को गैर जिम्मेदाराना बयान बता रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन कह रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री के बयान को गलत नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है.
बयान पर बिहार में सियासत शुरू
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने उत्तर भारतीयों की योग्यता पर सवाल उठाने के कारण मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं. बीते दिनों संतोष गंगवार ने देश में मंदी और नौकरी के सवाल पर कहा था कि उत्तर भारत में जो कंपनियां भर्ती के लिए आती हैं. उनके काम के अनुसार गुणवत्ता वाले लोग नहीं मिल पाते हैं. हालांकि बाद में सफाई देते हुए, उन्होंने कहा कि मैंने उत्तर भारतीयों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है. लेकिन पहले जो उन्होंने बयान दिया उस पर बिहार में भी सियासत शुरू हो चुकी है.
मंत्री के बचाव में उतरे जदयू प्रवक्ता
संतोष गंगवार के बयान पर जहां विपक्ष निशाना साध रहा है. तो वहीं जदयू के लोग भी संतोष गंगवार को ज्ञान वर्धन की सलाह दे रहे हैं. हालांकि जदयू प्रवक्ता केंद्रीय मंत्री के बचाव में भी दिख रहे हैं. संतोष गंगवार को लेकर जदयू बंटी दिख रही है. जहां भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी संतोष गंगवार को ज्ञान वर्धन की सलाह दे रहे हैं. उनके बयान को गैर जिम्मेदाराना बता रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि संतोष गंगवार को आईएस, इंजीनियर और डॉक्टर की लिस्ट भी उठाकर देख लेनी चाहिए.
वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि गंगवार के बयान को गलत नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है. पिछले 40 साल का उनका राजनीतिक जीवन है लेकिन कभी भी विवाद में नहीं फंसे हैं. राजीव रंजन का यह भी कहना है कि उनके बयान पर हाय तौबा मचाने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार कौशल मिशन कार्यक्रम को लेकर कुछ कह रही है तो उसे सकारात्मक ढंग से ही लेने की जरूरत है.