ETV Bharat / city

ये '11-19' ध्वस्त कर देंगे तेजस्वी का 'MY' समीकरण, चाचा के प्लान से हैरान भतीजा!

author img

By

Published : Oct 8, 2020, 6:15 PM IST

बिहार चुनाव के लिए जेडीयू ने अपने 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. खास बात ये है कि इस लिस्ट के जरिए नीतीश कुमार ने 'MY' समीकरण को खास तवज्जो दी है. यही वजह है कि पार्टी ने लगभग ढाई दर्जन सीटों पर मुस्लिम-यादव प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है.

jdu focus on muslim yadav candidate
नीतीश, तेजस्वी

पटना: बिहार में होने वाले चुनावों में जाति एक बहुत बड़ा फैक्टर रहा है. यही वजह है कि इस चुनाव मे भी सभी पार्टियों ने टिकट बंटवारे के दौरान जातिगत वोटों का ख्याल रखा है. नीतीश कुमार ने भी सीटों के बंटवारे के दौरान अपने कोर वोट बैंक पर फोकस किया है. जेडीयू ने आरजेडी के 'MY' समीकरण को ध्वस्त करने की पूरी कोशिश की है. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार ने ढाई दर्जन से ज्यादा मुस्लिम-यादव उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

आरजेडी से आए लोगों को तवज्जो

सीटों के बंटवारे के दौरान जेडीयू ने आरजेडी के प्रभाव वाले इलाकों में वैसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिससे वोटों का बिखराव हो. इसके साथ ही आरजेडी से आए लोगों को भी नीतीश कुमार ने तवज्जो दिया है. बुधवार जारी किए गए अपने 115 उम्मीदवारों की सूची में नीतीश कुमार ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. चाहे वे सवर्ण हों, अति-पिछड़ों हों या फिर अल्पसंख्यक.

ये भी पढ़ें: टिकट नहीं मिलने पर बोले गुप्तेश्वर पांडे- जुबान के पक्के हैं नीतीश कुमार, मुझे धोखा नहीं दिया

11-19 का फैक्टर

माना जाता है कि आरजेडी 'MY' पर फोकस करता है. लेकिन इस बार नीतीश ने भी इसी के सहारे तेजस्वी को मात देने की योजना बनाई है. इस चुनाव में जेडीयू ने 11 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जबकि 19 सीटों पर यादव उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, यानी कुल मिलाकर जेडीयू ने 30 मुस्लिम-यादवों को टिकट दिया है.

ये भी पढ़ें: पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन भी LJP ने नहीं जारी की प्रत्याशियों की सूची, बढ़ रहा आक्रोश

सवर्णों को भी साधने की कोशिश

यादव और मुस्लिम के अलावा नीतीश कुमार से सवर्णों को भी साधने की कोशिश की है. इसके लिए उन्होंने 19 सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारे हैं. इसमें 2 ब्राह्मण, 7 राजपूत और 8 भूमिहार हैं. पिछले कुछ समय से बिहार में अगड़ी जाति के लोग नीतीश के कुछ फैसलों से नाराज चल थे. ऐसा माना जा रहा कि नीतीश के इस कदम से उनमें नाराजगी थोड़ी कम होगी.

पटना: बिहार में होने वाले चुनावों में जाति एक बहुत बड़ा फैक्टर रहा है. यही वजह है कि इस चुनाव मे भी सभी पार्टियों ने टिकट बंटवारे के दौरान जातिगत वोटों का ख्याल रखा है. नीतीश कुमार ने भी सीटों के बंटवारे के दौरान अपने कोर वोट बैंक पर फोकस किया है. जेडीयू ने आरजेडी के 'MY' समीकरण को ध्वस्त करने की पूरी कोशिश की है. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार ने ढाई दर्जन से ज्यादा मुस्लिम-यादव उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

आरजेडी से आए लोगों को तवज्जो

सीटों के बंटवारे के दौरान जेडीयू ने आरजेडी के प्रभाव वाले इलाकों में वैसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिससे वोटों का बिखराव हो. इसके साथ ही आरजेडी से आए लोगों को भी नीतीश कुमार ने तवज्जो दिया है. बुधवार जारी किए गए अपने 115 उम्मीदवारों की सूची में नीतीश कुमार ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. चाहे वे सवर्ण हों, अति-पिछड़ों हों या फिर अल्पसंख्यक.

ये भी पढ़ें: टिकट नहीं मिलने पर बोले गुप्तेश्वर पांडे- जुबान के पक्के हैं नीतीश कुमार, मुझे धोखा नहीं दिया

11-19 का फैक्टर

माना जाता है कि आरजेडी 'MY' पर फोकस करता है. लेकिन इस बार नीतीश ने भी इसी के सहारे तेजस्वी को मात देने की योजना बनाई है. इस चुनाव में जेडीयू ने 11 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जबकि 19 सीटों पर यादव उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, यानी कुल मिलाकर जेडीयू ने 30 मुस्लिम-यादवों को टिकट दिया है.

ये भी पढ़ें: पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन भी LJP ने नहीं जारी की प्रत्याशियों की सूची, बढ़ रहा आक्रोश

सवर्णों को भी साधने की कोशिश

यादव और मुस्लिम के अलावा नीतीश कुमार से सवर्णों को भी साधने की कोशिश की है. इसके लिए उन्होंने 19 सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारे हैं. इसमें 2 ब्राह्मण, 7 राजपूत और 8 भूमिहार हैं. पिछले कुछ समय से बिहार में अगड़ी जाति के लोग नीतीश के कुछ फैसलों से नाराज चल थे. ऐसा माना जा रहा कि नीतीश के इस कदम से उनमें नाराजगी थोड़ी कम होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.