पटना: देश के बाकी राज्यों की तरह ही बिहार में भी बेरोजगारी बड़ी चुनौती है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader Of Opposition Tejashwi Yadav) 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' पर निकलने वाले हैं. इस दौरान वे प्रदेश का दौरा करेंगे और सरकार की नाकामियों को जन-जन तक पहुंचाएंगे. हालांकि इस यात्रा को लेकर सत्ता पक्ष ने उन पर तंज कसा है.
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दरअसल, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने जहां 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा किया था तो वहीं, एनडीए ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. अब नेता प्रतिपक्ष लगातार यही पूछ रहे हैं कि सरकार ने अबतक कितने लोगों को रोजगार दिया है. क्यों बेरोजगारी के मामले में बिहार चौथे स्थान पर है. बिहार में अभी 15 फीसदी के आसपास बेरोजगारी दर है.
तेजस्वी यादव की प्रस्तावित यात्रा पर जेडीयू ने सवाल खड़े किए हैं. प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि तेजस्वी यादव इसके पहले तीन यात्रा पर निकले थे, लेकिन एक भी यात्रा उनकी यात्रा पूरी नहीं हुई. उन्होंने यात्रा को अधूरा छोड़ दिया. इस बार कम से कम वह बिहार की चौहद्दी को समझ लें.
"तेजस्वी यादव इसके पहले तीन बार यात्रा पर निकले थे, लेकिन एक बार भी उनकी यात्रा पूरी नहीं हुई. उन्होंने यात्रा को अधूरा छोड़ दिया. इस बार कम से कम वह बिहार की चौहद्दी को समझ लें"- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू
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वहीं, आरजेडी ने जेडीयू के आरोपों पर पलटवार किया है. प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि जेडीयू को यह बताना चाहिए कि नीतीश कुमार कौन सा सुधार करना चाहते हैं. पहले तो उन्होंने अपने अधिकारियों और नेताओं को नहीं सुधारा और अब आम लोगों को सुधारने की बात कैसे करते हैं. शराबबंदी को लेकर पार्टी के अंदर ही गहरे मतभेद हैं.
"जेडीयू को यह बताना चाहिए कि नीतीश कुमार कौन सा सुधार करना चाहते हैं. पहले तो उन्होंने अपने अधिकारियों और नेताओं को सुधारा नहीं, लेकिन आम लोगों को सुधारने की बात करते हैं. शराबबंदी कानून पर ही तो जेडीयू में गहरे मतभेद हैं"- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
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