पटना: बिहार सरकार द्वारा महिला पुलिसकर्मी के बच्चों के लिए सभी बिहार सशस्त्र पुलिस बल (Bihar Police) की इकाई में क्रैच होम यानि सिशु पालना घर खोलने की योजना बनाई जा रही है. राजधानी पटना स्थित बिहार सशस्त्र वाहिनी की पांचवीं बटालियन में इसकी शुरुआत कर दी गई है. महिला पुलिस अपनी ड्यूटी का निर्वहन सही ढंग से कर सके और उन्हें किसी तरह की समस्या उत्पन्न ना हो इसके लिए यह सुविधा दी जाएगी.
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'पुलिस बल में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार देश में पहला राज्य बना है, जहां पर पुलिस फोर्स में ज्यादा संख्या में महिलाएं उपलब्ध हैं. आने वाले दिनों में भी इसमें और बढ़ोतरी होगी. महिला कर्मियों के लिए बच्चों की देखभाल करना भी बड़ी जिम्मेदारी है. इस परेशानी को समझते हुए सभी जिला और बीएमपी में यह व्यवस्था की जा रही है. दरअसल शिशु गृह बनाने के पीछे का मकसद है कि ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मी अपने बच्चों को यहां रख सकती हैं. शिशु गृह में बच्चों की पूरी देखभाल और उनके खेलने की व्यवस्था की गई है.' -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
महिला पुलिस कर्मियों के बच्चे के शिशु गृह में बच्चों के खेलने के साथ ही उनकी प्रारंभिक या यूं कहें शुरुआती शिक्षा से जुड़ी सामग्री की व्यवस्था की जाएगी. बच्चों की देखभाल के लिए कुछ महिला सिपाहियों की भी इसमें शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी. इसकी शुरुआत पटना से कर दी गई है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार आने वाले समय में इन बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की भी योजना बनाई जाएगी.
दरअसल, बिहार पुलिस में पहली बार महिला जवानों समेत सभी स्तर के पुलिसकर्मियों और बच्चों की देखभाल के लिए ऐसे शिशु गृह व्यापक स्तर पर खोलने जा रही है. राजधानी पटना में नन्हे सितारे नामक इस तरह के पहले शिशु गृह की शुरुआत पटना स्थित bmp5 में की गई है, जिसमें 4 महिला सिपाहियों को शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी भी लगाई गई है. बता दें कि पुलिस बहाली में 35 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. जिस वजह से बिहार पुलिस में लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. फिलहाल पुलिस विभाग में कुल पुलिस बल की 25 प्रतिशत हो गई है. नेशनल एवरेज की बात करें तो बिहार पुलिस में महिलाओं की तादाद दोगुनी हो गई है.
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