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कोरोना ने बिगाड़ी बच्चों की सेहत, विटामिन C की कमी से इन बीमारियों की चपेट में आ रहे मासूम

कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से बच्चों की जिंदगी काफी हद तक बदल गई है. बच्चों की सेहत पर कोरोना का बुरा असर (Impact of Corona on Children) पड़ा है. विटामिन सी की कमी के साथ नाटापन और एनीमिया जैसे कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. कोरोना से बच्चों पर हुए दुष्प्रभाव को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार में बच्चों पर कोरोना का असर
बिहार में बच्चों पर कोरोना का असर
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Published : Feb 24, 2022, 10:37 PM IST

पटना: बिहार में बच्चों पर कोरोना का असर काफी देखने को मिल रहा है. कोरोना काल के दौरान बच्चों में विटामिन सी की कमी के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जो बच्चे पहले से नाटापन और एनीमिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं उन पर कोरोना संक्रमण काफी भारी पड़ा है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के कारण बच्चों पर हुए दुष्प्रभाव को गंभीरता से लिया है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के 5 अतिरिक्त हेल्थ कंडीशन को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जोड़ा है.

ये भी पढ़ें- कोरोना महामारी की वजह से 63 फीसदी तक नेत्रदान में आई कमी

इसमें बच्चों में होने वाले बौनापन को दूर करना भी स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिकताओं में शुमार है. इसके अलावा अत्यधिक दुर्बलता, विटामिन सी की कमी और बच्चों में पाई जाने वाली टीबी और कुष्ठ रोग भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए आयुष चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है और इन चिकित्सकों को अन्य नई बीमारियों को भी पकड़ने की जानकारी दी जा रही है, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य लाभ में इजाफा हो.

कोरोना काल में बच्चों में बौनापन और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं. ऐसे में तीसरी लहर खत्म होने के बाद स्वास्थ विभाग ने मोबाइल टीम तैयार की (Health Department prepared mobile team) है जो टीम आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी विद्यालय में जाकर बच्चों के हेल्थ कंडीशन की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जांच करेंगे. पूर्व में 38 हेल्थ कंडीशन पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती थी और 5 अतिरिक्त हेल्थ कंडीशन को जोड़ने से इसकी संख्या 43 हो गई है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण 2 बैच में दिया जा रहा है जो 21 से 26 फरवरी तक पटना के राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सभागार में संचालित हो रहा है. यहां राज्य के हर जिले से दो-दो आयुष चिकित्सक और फिजियोथैरेपिस्ट भाग लेंगे जो सभी अपने जिलों में कार्यरत आयुष चिकित्सक और फिजियोथैरेपिस्ट को कई प्रकार की बीमारियों की पहचान और उसकी उचित देखभाल के लिए प्रशिक्षित करेंगे.

''प्रदेश में चलंत स्वास्थ्य चिकित्सा दल बच्चों की बीमारी का इलाज और जांच कर रहे हैं. बच्चों की सेहत को लेकर चल रही विभाग की तैयारी से बच्चों में संक्रमण का खतरा भी कम होगा और समय-समय पर बच्चों की हेल्थ चेकअप से हेल्थ सिस्टम भी बच्चों के हेल्थ को लेकर पूरी तरह अपडेट होगा.''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

''कोरोना किस समय बच्चे घरों में बंद हो गए और उनका फिजिकल वर्क आउट बंद हो गया. बच्चों का खेलकूद बंद हो गया. बच्चे विद्यालय जाना बंद कर दिए. ऐसे में फिजिकल वर्क आउट कम होने की वजह से बच्चों का शारीरिक डेवलपमेंट प्रभावित हुआ और बच्चों में बौनापन की समस्याएं भी आई और बच्चों के वजन संबंधी भी कई समस्याएं आई. कई बच्चे ओवरवेट हो गए तो कई बच्चों का एज और हाइट के अनुसार वेट नहीं बढ़ा.''- डॉ. निखिल चौधरी, वरिष्ठ चिकित्सक, आईजीआईएमएस पटना

ऑनलाइन क्लास होने की वजह से और दोस्तों से नहीं मिल पाने के कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. अब लंबे समय के बाद जब विद्यालय खुल गए हैं और खेलकूद के मैदान भी खुल गए हैं तो जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को खेलकूद के लिए प्रेरित करें और बच्चे जितना अधिक फिजिकल एक्सरसाइज करेंगे. विटामिन सी की बच्चों में कमी हो रही है उसे कई नेचुरल सोर्सेस से दूर किया जा सकता है. टमाटर, आंवला, संतरा इत्यादि पदार्थों का सेवन कर इसे दूर किया जा सकता है. वहीं, बच्चों में अगर नाटापन की समस्या आ रही है और अन्य हेल्थ संबंधी कुछ समस्याएं आ रही है तो जरूरी है कि शिशु रोग विशेषज्ञ से मिलें और जो कुछ भी भोजन में सब्सटिट्यूट ऐड करें उसका सेवन करें.

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पटना: बिहार में बच्चों पर कोरोना का असर काफी देखने को मिल रहा है. कोरोना काल के दौरान बच्चों में विटामिन सी की कमी के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जो बच्चे पहले से नाटापन और एनीमिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं उन पर कोरोना संक्रमण काफी भारी पड़ा है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के कारण बच्चों पर हुए दुष्प्रभाव को गंभीरता से लिया है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के 5 अतिरिक्त हेल्थ कंडीशन को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जोड़ा है.

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इसमें बच्चों में होने वाले बौनापन को दूर करना भी स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिकताओं में शुमार है. इसके अलावा अत्यधिक दुर्बलता, विटामिन सी की कमी और बच्चों में पाई जाने वाली टीबी और कुष्ठ रोग भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए आयुष चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है और इन चिकित्सकों को अन्य नई बीमारियों को भी पकड़ने की जानकारी दी जा रही है, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य लाभ में इजाफा हो.

कोरोना काल में बच्चों में बौनापन और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं. ऐसे में तीसरी लहर खत्म होने के बाद स्वास्थ विभाग ने मोबाइल टीम तैयार की (Health Department prepared mobile team) है जो टीम आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी विद्यालय में जाकर बच्चों के हेल्थ कंडीशन की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जांच करेंगे. पूर्व में 38 हेल्थ कंडीशन पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती थी और 5 अतिरिक्त हेल्थ कंडीशन को जोड़ने से इसकी संख्या 43 हो गई है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण 2 बैच में दिया जा रहा है जो 21 से 26 फरवरी तक पटना के राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सभागार में संचालित हो रहा है. यहां राज्य के हर जिले से दो-दो आयुष चिकित्सक और फिजियोथैरेपिस्ट भाग लेंगे जो सभी अपने जिलों में कार्यरत आयुष चिकित्सक और फिजियोथैरेपिस्ट को कई प्रकार की बीमारियों की पहचान और उसकी उचित देखभाल के लिए प्रशिक्षित करेंगे.

''प्रदेश में चलंत स्वास्थ्य चिकित्सा दल बच्चों की बीमारी का इलाज और जांच कर रहे हैं. बच्चों की सेहत को लेकर चल रही विभाग की तैयारी से बच्चों में संक्रमण का खतरा भी कम होगा और समय-समय पर बच्चों की हेल्थ चेकअप से हेल्थ सिस्टम भी बच्चों के हेल्थ को लेकर पूरी तरह अपडेट होगा.''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री

''कोरोना किस समय बच्चे घरों में बंद हो गए और उनका फिजिकल वर्क आउट बंद हो गया. बच्चों का खेलकूद बंद हो गया. बच्चे विद्यालय जाना बंद कर दिए. ऐसे में फिजिकल वर्क आउट कम होने की वजह से बच्चों का शारीरिक डेवलपमेंट प्रभावित हुआ और बच्चों में बौनापन की समस्याएं भी आई और बच्चों के वजन संबंधी भी कई समस्याएं आई. कई बच्चे ओवरवेट हो गए तो कई बच्चों का एज और हाइट के अनुसार वेट नहीं बढ़ा.''- डॉ. निखिल चौधरी, वरिष्ठ चिकित्सक, आईजीआईएमएस पटना

ऑनलाइन क्लास होने की वजह से और दोस्तों से नहीं मिल पाने के कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. अब लंबे समय के बाद जब विद्यालय खुल गए हैं और खेलकूद के मैदान भी खुल गए हैं तो जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को खेलकूद के लिए प्रेरित करें और बच्चे जितना अधिक फिजिकल एक्सरसाइज करेंगे. विटामिन सी की बच्चों में कमी हो रही है उसे कई नेचुरल सोर्सेस से दूर किया जा सकता है. टमाटर, आंवला, संतरा इत्यादि पदार्थों का सेवन कर इसे दूर किया जा सकता है. वहीं, बच्चों में अगर नाटापन की समस्या आ रही है और अन्य हेल्थ संबंधी कुछ समस्याएं आ रही है तो जरूरी है कि शिशु रोग विशेषज्ञ से मिलें और जो कुछ भी भोजन में सब्सटिट्यूट ऐड करें उसका सेवन करें.

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