पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है. मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है. लेकिन, मांग के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इस बीच खबर है कि राजधानी के 15 अस्पतालों में एक से तीन घंटे का ही ऑक्सीजन बचा है.
NMCH अधीक्षक ने DM को लिखा था पत्र
एनएमसीएच के अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने रविवार को पटना के जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर निर्बाध तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग की थी. अधीक्षक ने अपने पत्र में कहा था कि अस्पताल में प्रतिदिन 1000 सिलेंडर की खपत है. लेकिन सिलेंडरों की आपूर्ति में लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति सुधर नहीं पाई है. अस्पताल प्रबंधन अपनी तरफ से जुगाड़ से दो-तीन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि जो एडमिट मरीज हैं उन्हें ऑक्सीजन दी जा सके. नया मरीज एडमिट नहीं ले रहे हैं. इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी बताकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर रहे हैं.
तारा नर्सिंग होम में अस्पताल प्रबंधन द्वारा विभिन्न जगहों से 3 सिलेंडर की आपूर्ति की गई है. रिजर्व स्टॉक भी खत्म हो चला था.. अस्पताल प्रबंधन रिजर्व में चार ऑक्सीजन सिलेंडर रखता है. आखरी सिलेंडर जब लगा था, उसी दौरान अस्पताल में 3 सिलेंडर अस्पताल के कर्मी विभिन्न जगह से लेकर पहुंचे. अस्पताल को अभी के समय 45 सिलेंडर की आवश्यकता है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन सुबह से जद्दोजहद में है.
इन अस्पतालों में सिर्फ आधे घंटे से 2 घंटे तक का बचा है ऑक्सीजन
- पार्क सर्जिकल हॉस्पिटल
- रॉयल हॉस्पिटल
- अरविंद हॉस्पिटल
- सिद्धार्थ हॉस्पिटल
- समय हॉस्पिटल
- सीएनएस हॉस्पिटल
- हिमालय हॉस्पिटल
- कैपिटल हॉस्पिटल
- श्याम हॉस्पिटल
- निदान हॉस्पिटल
- तारा हॉस्पिटल
- श्री राज हॉस्पिटल
- रेनबो हॉस्पिटल
- सत्यव्रत हॉस्पिटल
- आनंदिता हॉस्पिटल
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ऑक्सीजन की समस्या की जानकारी अधीक्षक ने जिलाधिकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र के माध्यम से दी थी. बता दें कि पटना स्थित एनएमसीएच कोविड डेडिकेटेड अस्पताल है. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए यहां 400 बेड की सुविधा दी गई है. लेकिन ऑक्सीजन समेत अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी की वजह से डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने में परेशानी हो रही है.
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मुझे पदमुक्त कर दो, आभारी रहूंगा : अधीक्षक
इससे पहले पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज (एनएमसीएच) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को एक पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने खुद को पदमुक्त करने की गुहार लगाई थी. डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि एनएमसीएच में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है, जिससे कोरोना मरीजों की जान खतरे में बनी रहती है. ऑक्सीजन की कमी से अगर कोई घटना हुई तो उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा दिया जाएगा. पत्र में डॉक्टर सिंह ने प्रत्यय अमृत से गुहार लगाई है कि उन्हें चिकित्सा अधीक्षक के पद से मुक्त कर दिया जाए जिसके लिए वह आजीवन उनके आभारी रहेंगे.