पटना: आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (Today International Labor Day) है. यह दिन मेहनतकश मजदूरों के लिए समर्पित है. राजधानी पटना में मई दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग ने दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में अनुदान वितरण समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश मिश्रा (Minister of Labor Resources Department Jivesh Mishra) थे. कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने दीप प्रज्वलित कर की. इस अवसर पर राज्य के प्रमुख कल-कारखानाओं में उत्कृष्ट कार्य कर रहे श्रमिकों को उनके नियोजकों के द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया.
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अनुदान वितरण समारोह: इसके साथ ही विभागीय योजनाओं के अंतर्गत 100 से अधिक लाभार्थियों को मंत्री के द्वारा अनुदान प्रदान किया गया. विभिन्न योजनाएं तथा विवाह के लिए वित्तीय सहायता नकद पुरस्कार मृत्यु लाभ इत्यादि योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्रदान किया गया. इस मौके पर विभागीय मंत्री ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग के द्वारा हर साल अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है लेकिन कोरोना संक्रमण काल के कारण 2 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का आयोजन किया जा रहा है. श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों को विभाग के द्वारा सम्मानित किया गया है.
'जो श्रमिक अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हैं, उनको आज विभाग के द्वारा सम्मानित किया जा रहा है. लगभग 180 से ज्यादा श्रमिक जो उत्कृष्ट कार्य किए हैं, उनको सम्मानित किया गया. मजदूरों की चिंता देश के यशस्वी प्रधानमंत्री करते रहते हैं. श्रमिकों की इबादत प्रधानमंत्री की है, श्रम की पूजा की है. आने वाले समय में श्रमिकों के हित में एक बड़ी लकीर खींचने वाले हैं. बिहार की सरकार भी श्रमिकों की चिंता करती है. बिहार सरकार लगातार श्रमिकों के हित के लिए कार्य कर रही है.' - जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री
श्रमिकों को किया गया सम्मानित: वहीं, उनसे बिहारी मजदूरों के पलायन पर सवाल किए जाने के बाद पलायन को लेकर के उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक देश मेरा है. इस देश में अपने रोजी रोजगार के लिए धन उपार्जन के लिए बिहार के या देश के कोई भी श्रमिक किसी राज्य में जाकर के काम कर सकते हैं. उनको पलायन शब्द से संबोधित ना किया जाए. उन्होंने कहा कि देश एक है देश मेरा है, इसलिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जाने का हक मेरा है और अपने हुनर की बदौलत काम करना मेरा हक है.
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