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बिहार में फिर हेराफेरी! कोरोना के 77 मामले, लेकिन 773 कोरोना बेड हैं ऑक्यूपाइड

कोरोना काल में फिर एक नया कारनामा सामने आया है. बिहार में कोरोना बेड (Corona bed in Bihar) को लेकर पोर्टल पर जो दिख रहा है, वो हकीकत नहीं है. बिहार में 77 कोरोना मरीज हैं, लेकिन 773 कोरोना बेड ऑक्यूपाइड हैं. सरकार के आंकड़ों से ही इस बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. पढ़ें रिपोर्ट..

कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी
कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी
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Published : Dec 22, 2021, 3:45 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के आंकड़ों में हेराफेरी का मामला कम नहीं हो रहा है. कभी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम पर वैक्सीनेशन और कोरोना जांच का सर्टिफिकेट निकाल दिया जाता है, तो कभी वैक्सीनेशन और मरीजों के आंकड़ों में हेराफेरी कर दी जाती है. ताजा मामला राज्य स्वास्थ्य समिति (State Health Committee) की वेबसाइट से जुड़ा हुआ है, जहां कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी (Fraud in Corona dedicated bed) हुई है.

ये भी पढ़ें- पटना में कोरोना के 3 नए मरीज मिले, CS ने लोगों से कोविड गाइड लाइन के पालन की अपील की

राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर कोविड-19 के 23,005 उपलब्ध बेडों पर 773 बेड ऑक्यूपाइड बताए जा रहे हैं. इसमें भी आईसीयू के 1589 बेड में 79 बेड ऑक्यूपाइड बताए जा रहे हैं. जबकि प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी होने वाले आंकड़ों को देखें तो पिछले 24 घंटे में 5 नए मामले सामने आए हैं और 9 मरीज ठीक हुए हैं.

कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी

वर्तमान समय में एक्टिव मरीजों की संख्या 77 (77 Corona patients in Bihar) है, जिसमें 10% मरीज संक्रमण के लक्षण के साथ हैं. यानी कि 70 मरीज एसिंप्टोमेटिक होने की वजह से होम आइसोलेशन में हैं. 7 मरीजों का ही चिकित्सीय देखरेख में इलाज चल रहा है. जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कोरोना के आईसीयू बेड पर ही 79 मरीज मौजूद है और कोरोना मरीजों के लिए 1510 बेड आईसीयू के खाली हैं.

ये भी पढ़ें- पटना में 2500 फॉरेन ट्रैवल हिस्ट्री वाले लोगों में 600 का हुआ सैंपल टेस्ट

राज्य स्वास्थ्य समिति की वेबसाइट के मुताबिक कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध 23,005 बेड में 773 फुल हैं और 22,232 खाली हैं. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ही बता पाएगा की कोरोना मरीजों से जुड़ा हुआ कौन सा आंकड़ा सही है. राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर जो आंकड़ा दिख रहा है वो सही है या फिर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की तरफ से प्रतिदिन ट्विटर पर जो आंकड़ा जारी किया जा रहा है, वो सही है. अगर राज्य स्वास्थ्य समिति का आंकड़ा गलत है तो प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जा रही है और इसका सुधार क्यों नहीं हो रहा है यह भी एक गंभीर प्रश्न है.

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पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के आंकड़ों में हेराफेरी का मामला कम नहीं हो रहा है. कभी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम पर वैक्सीनेशन और कोरोना जांच का सर्टिफिकेट निकाल दिया जाता है, तो कभी वैक्सीनेशन और मरीजों के आंकड़ों में हेराफेरी कर दी जाती है. ताजा मामला राज्य स्वास्थ्य समिति (State Health Committee) की वेबसाइट से जुड़ा हुआ है, जहां कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी (Fraud in Corona dedicated bed) हुई है.

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राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर कोविड-19 के 23,005 उपलब्ध बेडों पर 773 बेड ऑक्यूपाइड बताए जा रहे हैं. इसमें भी आईसीयू के 1589 बेड में 79 बेड ऑक्यूपाइड बताए जा रहे हैं. जबकि प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी होने वाले आंकड़ों को देखें तो पिछले 24 घंटे में 5 नए मामले सामने आए हैं और 9 मरीज ठीक हुए हैं.

कोरोना के डेडिकेटेड बेड में हेराफेरी

वर्तमान समय में एक्टिव मरीजों की संख्या 77 (77 Corona patients in Bihar) है, जिसमें 10% मरीज संक्रमण के लक्षण के साथ हैं. यानी कि 70 मरीज एसिंप्टोमेटिक होने की वजह से होम आइसोलेशन में हैं. 7 मरीजों का ही चिकित्सीय देखरेख में इलाज चल रहा है. जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कोरोना के आईसीयू बेड पर ही 79 मरीज मौजूद है और कोरोना मरीजों के लिए 1510 बेड आईसीयू के खाली हैं.

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राज्य स्वास्थ्य समिति की वेबसाइट के मुताबिक कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध 23,005 बेड में 773 फुल हैं और 22,232 खाली हैं. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ही बता पाएगा की कोरोना मरीजों से जुड़ा हुआ कौन सा आंकड़ा सही है. राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर जो आंकड़ा दिख रहा है वो सही है या फिर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की तरफ से प्रतिदिन ट्विटर पर जो आंकड़ा जारी किया जा रहा है, वो सही है. अगर राज्य स्वास्थ्य समिति का आंकड़ा गलत है तो प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जा रही है और इसका सुधार क्यों नहीं हो रहा है यह भी एक गंभीर प्रश्न है.

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