पटना: स्वच्छ भारत अभियान के तहत राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद (Efforts to make Patna Smart City) की जा रही है. इसी कड़ी में आम इंसान के लिए पहली बार पटना में ई टॉयलेट (e Toilet in Patna) सार्वजनिक स्थल पर बनाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के तहत शहर के 21 सार्वजनिक स्थानों पर कुल 42 ई-टॉयलेट बनाया जा रहा है. जिन सार्वजनिक स्थल पर ये टॉयलेट बनेगा वहां पर दो टॉयलेट पुरुष और महिला के लिए बनाए जाएंगे. पटना में कुल 4 करोड़ 30 लाख के खर्च पर 42 टॉयलेट का निर्माण किया जा रहा है. कुछ स्थलों पर इसका निर्माण कार्य चल रहा है. पूरी तरह से कंप्लीट होने के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी.
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ई टॉयलेट कैसे करेगा काम?: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के तहत ई टॉयलेट यानी कि स्मार्ट टॉयलेट का निर्माण किया जा रहा है. इसमें घुसते ही लोगों को ₹2 का सिक्का डालना होगा, जिससे इसका गेट ऑटोमेटिक खुल जाएगा और जैसे ही ई टॉयलेट में प्रवेश करेंगे और वहां की लाइट खुद ब खुद जल जाएगी और सीलिंग फैन स्टार्ट हो जाएगा. अक्सर देखा जाता है कि सार्वजनिक स्थल पर टॉयलेट्स काफी गंदा होता है, जिस वजह से लोग उसका उपयोग करने में परहेज करते हैं. लोग शौच करने के बाद पानी डालना या फ्लश करना मुनासिब नहीं समझते हैं. जिस वजह से यहां पर ऑटोमेटिक प्लस सिस्टम लगाया गया है जो कि हर 3 मिनट पर डेढ़ लीटर पानी से फ्लश करेगा.
ई टॉयलेट में आधुनिक उपकरण: दरअसल, ई-टॉयलेट में कई तरह के आधुनिक उपकरण लगे होते हैं. इसके अंदर कई तरह की सुविधाएं शामिल होती है. इसमें सिक्का डालने पर इसके गेट खुलते हैं और खुद ही लाइट जल जाती है या टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को ऑडियो के जरिए जरूरी निर्देश भी दिए जाते हैं. 3 मिनट के इस्तेमाल के बाद यह खुद ही डेढ़ लीटर पानी फ्लश करता है और ज्यादा देर होने पर 4.5 लीटर पानी का उपयोग करता है.
सार्वजनिक स्थलों पर मिलेगी सुविधा: माना जा रहा है कि पटना के कई सार्वजनिक स्थलों पर इसको लगाने के बाद लोगों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान होगी और उन्हें असुविधा महसूस नहीं होंगी. बता दें कि इसी ई-टॉयलेट में ऑटोमेटिक फ्लश, ऑटोमेटिक सीलिंग फैन, ऑटोमेटिक लाइट के साथ-साथ अन्य तरह के उपकरण लगाए गए हैं. इसमें खासकर ऑटोमेटिक बैटरी बैकअप की भी व्यवस्था की गई है. दोनों ई-टॉयलेट के बीच में टॉयलेट की टंकी जो सोख्ता के रूप में बनाई जा रही है, जिसके भरने के बाद आसानी से उसे खाली किया जा सकेगा.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पीआरओ हर्षिता सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि लोगों की सहूलियत के लिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है. जल्द ही राजधानी पटना के सभी स्थलों पर यह बनकर तैयार हो जाएगा. शुरुआती दौर में यह निशुल्क रहेगा. पूरे लागत का 65% रुपए स्मार्ट सिटी के तहत इस पर खर्च किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे 5 साल तक उद्घाटन होने के बाद यह बिल्कुल निशुल्क रहेगा. हालांकि, 5 साल के बाद महज ₹2 की लागत से लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. पैसे लेने का मकसद है कि लोगों को यह लगना चाहिए कि वह फ्री का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं
''राजधानी पटना के 16 सार्वजनिक स्थलों पर कुल 42 ई-टॉयलेट का निर्माण (42 e toilets at 21 public places in Patna) किया जा रहा है. पूरा मेंटेनेंस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा, जिसमें बिजली बिल से लेकर सभी मेंटेनेंस की चीज है. जिसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के द्वारा ही किया जाएगा. हर पांच यूज़ के बाद खुद ब खुद पूरे टॉयलेट ऑटोमेटिक साफ हो जाएगा, जिससे आम लोगों को किसी तरह की बदबू या गंदगी नहीं देखने को मिलेगी.''- हर्षिता सिंह, पीआरओ, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
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