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बिहार में करीब 1000 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई लंबित, पुलिस मुख्यालय ने 31 मार्च तक निपटारे का दिया निर्देश

बिहार में पुलिस कर्मियों पर लंबित मामलों का निपटारा (disposal of pending departmental action on Bihar police personnel) शीघ्र करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय ने दिया है. बिहार पुलिस में करीब 1000 पुलिस कर्मियों पर विभिन्न आरोपों में मामले लंबित हैं. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि मामले लंबित होने के चलते पुलिस कर्मियों को प्रमोशन में बाधा आती है. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार पुलिस मुख्यालय
बिहार पुलिस मुख्यालय
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Published : Feb 21, 2022, 12:45 PM IST

पटना: बिहार पुलिस महकमे में 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर मामले लंबित पड़े हुए हैं. इनमें से 10% मामले गंभीर हैं जिन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) द्वारा छानबीन में पता चला है कि इनमें से कुछ मामले ऐसे भी हैं जो पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से चल रहे हैं. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने इन मामलों का निपटारा (departmental action on Bihar police personnel) करने के लिए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को 31 मार्च तक का टार्गेट दिया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) का मानना है कि लंबित पड़े मामले की वजह से पुलिस कर्मियों के प्रमोशन में बाधा पहुंचती है. जांच के उपरांत ही तय हो पाएगा कि पुलिसकर्मी निर्दोष हैं या दोषी हैं. दोषी पर कड़ी से कड़ी सजा होगी. निर्दोष पुलिसकर्मी को वापस ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. इन पुलिसकर्मियों के मामलों का अगर जल्द से जल्द निपटारा किया जाए तो उनसे कुछ पुलिसकर्मी जो निर्दोष होंगे, उन्हें वापस ड्यूटी पर भी लगाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: होली के पहले शराब माफिया एक्टिव.. अलर्ट मोड पर काम कर रही बिहार पुलिस

दरअसल, पुलिस मुख्यालय द्वारा छानबीन में पता चला है कि इंस्पेक्टर और दारोगा रैंक के करीब 100 पदाधिकारियों पर भी मामला लंबित है. इन कर्मियों पर शराब बंदी कानून के अलावा अन्य कई मामलों में लापरवाही बरतने के आरोप में विभागीय कार्रवाई चल रही है. समय पर विभागीय कार्रवाई कर निपटारा नहीं होने की वजह से ये मामले कई महीनों से लंबित हैं. बिहार में पुलिस महकमे में बड़ी संख्या में विभिन्न स्तरों के कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई लंबित पड़ी हुई है. कुछ कार्रवाई तो वर्षों से लंबित हैं. इस वजह से पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को 31 मार्च तक लंबित पड़े मामलों का निपटारा कर समुचित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार

दरअसल, पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देश में कहा गया है कि जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई करनी है या दंड देना है, उसे जल्द पूरा करके इसका निपटारा किया जाए. इसके अलावे आने वाले समय में भी पुलिसकर्मी पर कोई मामला आता है तो उसका भी निपटारा 90 दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया गया है.

ये भी पढ़ें: बिहार के 4% थानों में महिला थानाध्यक्ष, ट्रेनिंग के बाद सभी थानों में तैनात होंगी महिला पुलिसकर्मी: ADG

आपको बता दें कि सिपाही और हवलदार रैंक के कर्मियों पर कार्रवाई करने या सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार एसपी रैंक के अधिकारी को होता है. इसी तरह जमादार दारोगा पर कार्रवाई करने का अधिकार डीआईजी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी पर ही कार्रवाई करने का अधिकार डीजीपी को होता है. डीएसपी और उसके ऊपर के अधिकारियों पर कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार या यूं कहें बिहार के मुख्यमंत्री के पास है.

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पटना: बिहार पुलिस महकमे में 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर मामले लंबित पड़े हुए हैं. इनमें से 10% मामले गंभीर हैं जिन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) द्वारा छानबीन में पता चला है कि इनमें से कुछ मामले ऐसे भी हैं जो पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से चल रहे हैं. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने इन मामलों का निपटारा (departmental action on Bihar police personnel) करने के लिए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को 31 मार्च तक का टार्गेट दिया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) का मानना है कि लंबित पड़े मामले की वजह से पुलिस कर्मियों के प्रमोशन में बाधा पहुंचती है. जांच के उपरांत ही तय हो पाएगा कि पुलिसकर्मी निर्दोष हैं या दोषी हैं. दोषी पर कड़ी से कड़ी सजा होगी. निर्दोष पुलिसकर्मी को वापस ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. इन पुलिसकर्मियों के मामलों का अगर जल्द से जल्द निपटारा किया जाए तो उनसे कुछ पुलिसकर्मी जो निर्दोष होंगे, उन्हें वापस ड्यूटी पर भी लगाया जाएगा.

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दरअसल, पुलिस मुख्यालय द्वारा छानबीन में पता चला है कि इंस्पेक्टर और दारोगा रैंक के करीब 100 पदाधिकारियों पर भी मामला लंबित है. इन कर्मियों पर शराब बंदी कानून के अलावा अन्य कई मामलों में लापरवाही बरतने के आरोप में विभागीय कार्रवाई चल रही है. समय पर विभागीय कार्रवाई कर निपटारा नहीं होने की वजह से ये मामले कई महीनों से लंबित हैं. बिहार में पुलिस महकमे में बड़ी संख्या में विभिन्न स्तरों के कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई लंबित पड़ी हुई है. कुछ कार्रवाई तो वर्षों से लंबित हैं. इस वजह से पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को 31 मार्च तक लंबित पड़े मामलों का निपटारा कर समुचित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार

दरअसल, पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देश में कहा गया है कि जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई करनी है या दंड देना है, उसे जल्द पूरा करके इसका निपटारा किया जाए. इसके अलावे आने वाले समय में भी पुलिसकर्मी पर कोई मामला आता है तो उसका भी निपटारा 90 दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया गया है.

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आपको बता दें कि सिपाही और हवलदार रैंक के कर्मियों पर कार्रवाई करने या सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार एसपी रैंक के अधिकारी को होता है. इसी तरह जमादार दारोगा पर कार्रवाई करने का अधिकार डीआईजी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी पर ही कार्रवाई करने का अधिकार डीजीपी को होता है. डीएसपी और उसके ऊपर के अधिकारियों पर कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार या यूं कहें बिहार के मुख्यमंत्री के पास है.

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