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अनुमंडलीय अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र पर विभागीय कार्रवाई के आदेश

अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र हरि को कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शहर के एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते समय रंगे हाथ पकड़ा था. जिसके बाद लोक शिकायत निवारण ने जांच में प्रैक्टिस करने की पुष्टि की और कार्रवाई के आदेश दिए.

पटना
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Published : Jun 20, 2021, 12:54 PM IST

पटना: मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र हरि पर प्रथम अपीलीय आयुक्त ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. दरअसल यह मामला 2 मार्च 2020 का है. जहां अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र हरि को कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शहर के एक निजी अस्पताल में (Private Hospital Patna) प्रैक्टिस करते समय रंगे हाथ पकड़ा था. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर के चेहरे पर स्याही लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

ये भी पढ़ें: बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह निलंबित, होगी विभागीय कार्रवाई

डॉक्टर ने दर्ज करवाई प्राथमिकी
इस घटना के बाद डॉक्टर ने सरकारी कार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में मृत्युंजय और प्रिंस सोनी को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान में मुकुल और आशा किरण को आरोपित बनाया था. जिसके बाद इस मामले को लेकर प्रथम अपील परिवादी मुकुल शर्मा ने 13 जनवरी को लोक शिकायत निवारण में अपील दाखिल की थी.

अपील में डॉकटर पर लगे आरोप
डॉक्टर हरिश्चंद्र हरि को ड्यूटी के दौरान निजी प्रेक्टिस करने, मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज करने के लिए प्रेरित करने और सरकारी कार्य के खिलाफ काम करने का आरोप लगया गया था. इसके अलावा विरोध करने पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का भी आरोप लगाया था.

ये भी पढ़ें: चित्रकूट जेल हत्याकांड: जेलर और जेल अधीक्षक सस्पेंड, विभागीय कार्रवाई के भी आदेश

डॉकटर पर लगे आरोप हुए सत्यापित
बहरहाल, लोक शिकायत निवारण के आदेश पर अनुमंडल पदाधिकारी ने दिनांक 14-06-2021 के प्रतिवेदन में आरोपित डॉक्टर द्वारा 1:00 बजे के बाद निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने की पुष्टि की गई है. उसके बाद प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने हरिश्चंद्र को दोषी मानते हुए खेद जताया है और विभागीय कार्रवाई करने के लिए जिला अधिकारी को आदेश दिया है.

पटना: मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र हरि पर प्रथम अपीलीय आयुक्त ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. दरअसल यह मामला 2 मार्च 2020 का है. जहां अनुमंडल अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरिश्चंद्र हरि को कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शहर के एक निजी अस्पताल में (Private Hospital Patna) प्रैक्टिस करते समय रंगे हाथ पकड़ा था. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर के चेहरे पर स्याही लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

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डॉक्टर ने दर्ज करवाई प्राथमिकी
इस घटना के बाद डॉक्टर ने सरकारी कार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में मृत्युंजय और प्रिंस सोनी को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान में मुकुल और आशा किरण को आरोपित बनाया था. जिसके बाद इस मामले को लेकर प्रथम अपील परिवादी मुकुल शर्मा ने 13 जनवरी को लोक शिकायत निवारण में अपील दाखिल की थी.

अपील में डॉकटर पर लगे आरोप
डॉक्टर हरिश्चंद्र हरि को ड्यूटी के दौरान निजी प्रेक्टिस करने, मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज करने के लिए प्रेरित करने और सरकारी कार्य के खिलाफ काम करने का आरोप लगया गया था. इसके अलावा विरोध करने पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का भी आरोप लगाया था.

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डॉकटर पर लगे आरोप हुए सत्यापित
बहरहाल, लोक शिकायत निवारण के आदेश पर अनुमंडल पदाधिकारी ने दिनांक 14-06-2021 के प्रतिवेदन में आरोपित डॉक्टर द्वारा 1:00 बजे के बाद निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने की पुष्टि की गई है. उसके बाद प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने हरिश्चंद्र को दोषी मानते हुए खेद जताया है और विभागीय कार्रवाई करने के लिए जिला अधिकारी को आदेश दिया है.

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