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दैनिक रेल यात्रियों को यात्रा करने में हो रही परेशानी, ट्रेनों का किराया बढ़ा लेकिन परेशानी जस की तस - problems of railway passengers

कोरोना काल के दौरान देश में ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाया जाने लगा. वहीं इन ट्रेनों का किराया भी पहले की तुलना में बढ़ा दिया गया. किराया बढ़ने से दैनिक यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. यात्रियों का कहना है कि किराया बढ़ा लेकिन उनकी परेशानी जस की तस बनी हुई है. पढ़ें पूरी खबर.

रेल यात्री परेशान
रेल यात्री परेशान
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Published : Sep 7, 2021, 7:19 PM IST

पटना: ट्रेनों के किराए में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. जिसके चलते दैनिक रेल यात्रियों (Daily Train Passengers) की चिंता बढ़ गयी है. कोरोना काल के कारण सिर्फ स्पेशल ट्रेनों (Special Trains) को चलाया जा रहा है. वहीं अब धीरे-धीरे कम दूरी के ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. ट्रेनों का किराया बढ़ जाने के कारण दैनिक यात्री परेशान हैं. दैनिक यात्रियों का कहना है कि यात्रा के दौरान कई तरह की समस्याएं हो रही है. जिसे सुधार करना जरूरी है.

ये भी पढ़ें:रेलवे कर्मचारियों को मिलेगी गंदगी से मुक्ति, जर्जर क्वार्टर को तोड़कर बनाया जाएगा मल्टी स्टोरेज भवन

गया-पटना और पटना से आरा बक्सर रुट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन की स्थिति ऐसी है कि उसमें सीट पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. भीड़ के कारण लोगों को खड़ा होकर यात्रा करना पड़ता है. वहीं कुछ यात्री ऐसे हैं जिनको मजबूरन गेट पर लटक कर यात्रा करना पड़ रहा है. इस रूट पर हजारों यात्री रोजाना राजधानी पटना में काम करने के लिए पहुंचते हैं और फिर शाम में काम करने के बाद वापस अपने घर लौट जाते हैं.

देखें ये वीडियो

लोकन ट्रेन से रेलवे को लाखों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन इस रेल मार्ग पर यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिलने से यात्री काफी नाराज हैं. कोरोना काल के बाद जिस हिसाब से किराया बढ़ा दिया गया है उस हिसाब से दैनिक यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल रही है. रेल यात्री दीपक कुमार ने बताया कि जिस तरह से पैसेंजर ट्रेनों का किराया दोगुना कर दिया गया है. उस हिसाब से ट्रेनों में सुविधा नदारद दिख रही है.

उन्होंने कहा कि ट्रेनों में भीड़ के कारण यात्री मजबूरन गेट पर लटक कर यात्रा करते हैं और ट्रेनों की संख्या कम होने से समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. वही दैनिक रेल यात्री राजू ने बताया कि रेल किराया दोगुना हो गया है. उन्होंने कहा पहले जहां 25 रुपये में सफर करते थे वहां अब सीधे 50 रुपये देना पड़ रहा है. रेल यात्री ने कहा कि सरकार को बढ़े किराया को लेकर सोचना चाहिए.

उन्होंने बताया कि वह दैनिक यात्री हैं. वो रोजाना बक्सर से पटना काम पर आते हैं और फिर शाम को वापस लौटते हैं. रेल यात्री राजू ने कहा कि कभी-कभी ट्रेन छूट भी जाती है. जिससे उन्हें परेशानी होती है. बात दें कि एक तरफ रेलवे प्रशासन कोविड-19 के नियमों को पालन कराने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर पैसेंजर ट्रेनों में मास्क तो दूर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना रेल यात्रियों के लिए मुश्किल हो जाता है.

कई रूटों पर अभी ट्रेनों की संख्या कम है जिस कारण से रेल यात्री एक ही ट्रेन में गेट पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर दिख रहे हैं. गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड की ओर से पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन में तब्दील करके चलाया जा रहा है. जिस कारण से पैसेंजर ट्रेन का किराया पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गया है. जिससे रेल यात्रियों को परेशानी हो रही है.

ये भी पढ़ें:सोमवार को बिहार में इन 13 ट्रेनों का परिचालन रहेगा रद्द, देखें लिस्ट

पटना: ट्रेनों के किराए में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. जिसके चलते दैनिक रेल यात्रियों (Daily Train Passengers) की चिंता बढ़ गयी है. कोरोना काल के कारण सिर्फ स्पेशल ट्रेनों (Special Trains) को चलाया जा रहा है. वहीं अब धीरे-धीरे कम दूरी के ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. ट्रेनों का किराया बढ़ जाने के कारण दैनिक यात्री परेशान हैं. दैनिक यात्रियों का कहना है कि यात्रा के दौरान कई तरह की समस्याएं हो रही है. जिसे सुधार करना जरूरी है.

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गया-पटना और पटना से आरा बक्सर रुट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन की स्थिति ऐसी है कि उसमें सीट पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. भीड़ के कारण लोगों को खड़ा होकर यात्रा करना पड़ता है. वहीं कुछ यात्री ऐसे हैं जिनको मजबूरन गेट पर लटक कर यात्रा करना पड़ रहा है. इस रूट पर हजारों यात्री रोजाना राजधानी पटना में काम करने के लिए पहुंचते हैं और फिर शाम में काम करने के बाद वापस अपने घर लौट जाते हैं.

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लोकन ट्रेन से रेलवे को लाखों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन इस रेल मार्ग पर यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिलने से यात्री काफी नाराज हैं. कोरोना काल के बाद जिस हिसाब से किराया बढ़ा दिया गया है उस हिसाब से दैनिक यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल रही है. रेल यात्री दीपक कुमार ने बताया कि जिस तरह से पैसेंजर ट्रेनों का किराया दोगुना कर दिया गया है. उस हिसाब से ट्रेनों में सुविधा नदारद दिख रही है.

उन्होंने कहा कि ट्रेनों में भीड़ के कारण यात्री मजबूरन गेट पर लटक कर यात्रा करते हैं और ट्रेनों की संख्या कम होने से समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. वही दैनिक रेल यात्री राजू ने बताया कि रेल किराया दोगुना हो गया है. उन्होंने कहा पहले जहां 25 रुपये में सफर करते थे वहां अब सीधे 50 रुपये देना पड़ रहा है. रेल यात्री ने कहा कि सरकार को बढ़े किराया को लेकर सोचना चाहिए.

उन्होंने बताया कि वह दैनिक यात्री हैं. वो रोजाना बक्सर से पटना काम पर आते हैं और फिर शाम को वापस लौटते हैं. रेल यात्री राजू ने कहा कि कभी-कभी ट्रेन छूट भी जाती है. जिससे उन्हें परेशानी होती है. बात दें कि एक तरफ रेलवे प्रशासन कोविड-19 के नियमों को पालन कराने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर पैसेंजर ट्रेनों में मास्क तो दूर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना रेल यात्रियों के लिए मुश्किल हो जाता है.

कई रूटों पर अभी ट्रेनों की संख्या कम है जिस कारण से रेल यात्री एक ही ट्रेन में गेट पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर दिख रहे हैं. गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड की ओर से पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन में तब्दील करके चलाया जा रहा है. जिस कारण से पैसेंजर ट्रेन का किराया पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गया है. जिससे रेल यात्रियों को परेशानी हो रही है.

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