पटना: बिहार में कुलपतियों के भ्रष्टाचार का (Corruption case of Vice Chancellors in Bihar ) मामला चर्चा में है. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर निगरानी के छापे में मिले कैश और अवैध संपत्ति के बाद यह मामला और तूल पकड़ रहा है. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह पर भी लगातार आरोप लग रहे हैं. एक के बाद एक कई कुलपतियों पर लग रहे आरोप के बाद नीतीश सरकार की ओर से राजभवन पर जांच से लेकर कुलपतियों पर कार्रवाई का लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात हो चुकी है. बीते शनिवार यानि 27 नवंबर को शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने राज्यपाल से मुलाकात की है. उन्हें फागू चौहान ने जांच का आश्वासन भी दिया है. बता दें कि पिछले डेढ़ दशक से कई कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के मामले लगातार उजागर हुए हैं. कुछ पर कार्रवाई भी हुई है.
फिलहाल मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह मामले में कार्रवाई नहीं होने से सरकार लगातार राजभवन पर दबाव बना रही है. मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति ने राजभवन पर कई तरह का आरोप लगाया था और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था तो वहीं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह को बेस्ट कुलपति का अवार्ड दिए जाने पर भी विवाद है.
विवाद को लेकर शिक्षा विभाग ने चांसलर अवार्ड का ही बहिष्कार कर दिया था. बिहार सरकार की ओर से लगातार राजभवन पर कुलपतियों के भ्रष्टाचार को लेकर जांच करने का दबाव बनाया जा रहा है. पहले मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और फिर अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से दिए गए पत्र को भी मुख्यमंत्री ने राजभवन को भेज दिया था और 27 नवंबर को शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की है. पूरे मामले में जांच की मांग की है.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार कुमार चौधरी पहले भी भ्रष्ट कुलपतियों को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. राजभवन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ ने राज्यपाल सचिवालय के सचिव को पत्र लिखकर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर कार्रवाई की सिफारिश भी की है. बिहार सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय को दी गई राशि का हिसाब किताब भी मांगा है.
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कुलपतियों पर मनमाने ढंग से विश्वविद्यालयों में कॉपी- किताब की खरीद से लेकर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. पहले मुख्यमंत्री की मुलाकात और 27 नवंबर को शिक्षा मंत्री के मुलाकात के बाद अब कई तरह के कयास लग रहे हैं. हालांकि राजभवन के तरफ से दोनों मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात ही बताया गया है. मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के नए कुलपति के नाम पर भी फैसला हुआ था और नियुक्ति हुई थी.
लेकिन शिक्षा मंत्री लगातार जिस प्रकार से बयान दे रहे हैं साफ है सरकार की तरफ से राजभवन पर मगध विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति पर कार्रवाई का दबाव है. शिक्षा मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि सरकार के तरफ से जो भी कदम होगा वह उठाया जा रहा है. ऐसे में बिहार के विश्वविद्यालयों को लेकर राज्यपाल और नीतीश सरकार के बीच तकरार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं.
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