पटना: राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को चुनाव (Presidential Election 2022) होना है. चुनाव के लिए बिहार विधानसभा में विशेष व्यवस्था की (President Election In India) गई है. 13 जुलाई को ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मिस्टर बैलट बॉक्स एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 415 से दिल्ली से पटना आ गया था. बैलट बॉक्स को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में बिहार विधानसभा परिसर स्थित स्ट्रांग रूम में सील करके रखा गया है और स्ट्रांग रूम के पास चौबीसों घंटे मजिस्ट्रेट की तैनाती है. बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को भी लगाया गया है. 18 जुलाई को वोटिंग के बाद मत पेटी को दिल्ली भेज दिया जाएगा. बिहार विधानसभा के प्रभारी सचिव पवन कुमार पांडे की निगरानी में बिहार में चुनाव हो रहा है और 21 जुलाई को दिल्ली में वोटों की गिनती की जाएगी.
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18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव : 17 जुलाई सुबह से चुनाव आयोग के अधिकारी चुनाव तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने NDA की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन किया है लेकिन खुद मुख्यमंत्री राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे, क्योंकि इसमें एमएलसी वोट नहीं डालते हैं और मुख्यमंत्री बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. मुख्यमंत्री के साथ बिहार के कई दिग्गज भी चुनाव में वोट नहीं डालेंगे, उसमें राबड़ी देवी भी शामिल हैं. बिहार विधानसभा में बिहार के सभी 243 विधायकों के वोटिंग की व्यवस्था की गई है.
CM नहीं डाल पाएंगे वोट : विधानसभा में विशेष कैमरा भी लगाया गया है, जिसकी निगरानी में सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक वोटिंग होगा. सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं. विधानसभा के गेट के अंदर एक बैनर भी लगाया गया है. जिसमें विधायकों को मोबाइल फोन और पेन लेकर नहीं आने की सलाह दी गई है. राष्ट्रपति चुनाव में जहां एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हैे. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से बिहार के यशवंत सिन्हा मैदान में हैं. द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा बिहार का दौरा कर चुके हैं. जहां द्रौपदी मुर्मू का समर्थन एनडीए के सभी घटक दल कर रहे हैं. तो वही यशवंत सिन्हा का समर्थन महागठबंधन के सभी घटक दल कर रहे हैं.
द्रौपदी मुर्मू की जीत पक्की : बिहार में विधायकों और लोकसभा राज्यसभा के सांसदों की वोट की बात करें तो विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के मुकाबले एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू (NDA Presidential Candidate Draupadi Murmu) को दोगुना से भी अधिक वोट मिलना तय है. राष्ट्रपति चुनाव में बिहार में 243 विधायक हैं और एक विधायक का वोट वैल्यू 173 है. इस हिसाब से देखें तो 243 विधायकों का वोट वैल्यू 42039 है. वहीं राज्यसभा और लोकसभा के एक सांसद का वोट वैल्यू 700 है. बिहार में कुल 56 सांसद हैं. उसके हिसाब से कुल वोट वैल्यू 39200 है. लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा तीनों मिलाकर बिहार में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोट 81230 हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में NDA की मजबूत स्थिति : वोट के हिसाब से NDA मजबूत स्थिति में है. जदयू , बीजेपी, हम और रालोजपा का वोट मिला कर कुल वोट 55398 है. वही महागठबंधन का कुल वोट यदि एआईएमआईएम के 1 विधायकों को भी जोड़ दें तो 24968 हो जाता है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए इस बार अलग-अलग रंग के मतपत्रों की व्यवस्था की गई है. विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा तो वही सांसदों के लिए हरे रंग का. मतपत्र में 2 कॉलम भी होगा. राष्ट्रपति चुनाव में विधायक और दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं. इसलिए विधान पार्षदों को मौका नहीं मिलेगा.
विधानसभा में केवल विधायक ही वोट डालेंगे : विधानसभा में केवल विधायक ही वोट डालेंगे. ऐसे में बिहार के 75 एमएलसी को वोटिंग का मौका नहीं मिलेगा और इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने के बाद भी वोट नहीं डाल सकेंगे. क्योंकि मुख्यमंत्री विधानसभा के नहीं विधान परिषद के सदस्य हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी विधान परिषद की सदस्य हैं. इसलिए राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगी. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, विधान परिषद के सदस्य हैं. इसलिए राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे. बिहार सरकार के कई मंत्री विधान परिषद के सदस्य हैं. इसमें भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, बीजेपी मंत्री जनक राम शामिल हैं जो राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे.