पटना: हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) ने काफी तबाही मचायी है. सूबे के 27 जिलों में लोग बाढ़ से प्रभावित (Flood Affected) हुए हैं. इस साल अब तक तीन बार लोग बाढ़ की आपदा झेल चुके हैं. जून के शुरुआत से ही उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ से लोगों का जूझना पड़ा. उसके बाद अगस्त में, फिर सितंबर में भी बाढ़ से बिहार के बड़े हिस्से के लोग प्रभावित हुए.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने सभी मंत्रियों और जिलों के आला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे दिन बाढ़ से नुकसान का आकलन किया. इस बैठक के बाद पहली बार राज्य के सभी मंत्रियों को भी मैदान में उतार दिया गया.
बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. सभी पार्टियों की नजर इस बार के पंचायत चुनाव पर है. भले ही बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Bihar) दलीय आधार पर नहीं होते लेकिन सभी दल चाहते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में उनके नेता और कार्यकर्ता त्रिस्तरीय पंचायत में जनप्रतिनिधि बनें.
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मुख्यमंत्री ने एक तो बाढ़ से बिहार को जो नुकसान हुआ है, उसका सही आकलन करने के लिए 14-15 को मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में भेजा है. साथ ही इससे गांव के लोगों को एक मैसेज देने की कोशिश की है कि सरकार हर तरह से कदम उठा रही है. उन्हें जो भी नुकसान हुआ है, सरकार उसकी भरपाई करेगी. एक तरह से गांव के लोगों की सहानुभूति लेने की कोशिश भी इसके माध्यम से की गई है.
जल संसाधन मंत्री संजय झा (Water Resources Minister Sanjay Jha) का कहना है कि केंद्रीय टीम आकर देख चुकी है. सब कुछ सामने है. बिहार सरकार ने कितने लोगों की मदद की है, कितना नुकसान हुआ है. संजय झा ने कहा कि जल संसाधन विभाग ने 1400 करोड़ से अधिक का बाढ़ से जो नुकसान हुआ है, उसका विवरण केंद्र को भेजा है. अन्य विभागों ने भी नुकसान को लेकर जो प्रारंभिक आकलन है, उसे भेजा है. केंद्र को मदद करनी चाहिए.
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ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shravan Kumar) का कहना है कि लोगों से हम लोग जाकर मिले हैं. सरकार के आपदा में किए गए कार्यों से लोग संतुष्ट हैं. खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी (Food Supplies Minister Madan Sahni) का कहना है मंत्रियों के दौरे से पंचायत चुनाव का कोई लेना देना नहीं है. केंद्र सरकार से भी मदद मिलती ही है.
मंत्री भले ही कह रहे हैं कि पंचायत चुनाव से इस दौरे को जोड़कर नहीं देखना चाहिए. लेकिन यह तय है कि नीतीश कुमार की नजर पंचायत चुनाव पर जरूर है. विधान परिषद की 24 सीटों के भाग्य का फैसला पंचायत चुनाव से जीत कर आने वाले जनप्रतिनिधि ही करेंगे.
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इसके साथ ही केंद्र से अधिक से अधिक मदद मिले, इसकी भी कोशिश नीतीश कुमार की ओर से होती रही है. अभी प्रारंभिक आकलन केंद्रीय टीम को सौंपा गया है. केंद्रीय टीम ने दौरा भी किया है. अब मंत्रियों के दौरे के बाद बिहार सरकार अपनी ओर से केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी.
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