पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अपने फैसलों से राजनीतिक पंडितों को चौंकाते रहे हैं. उहापोह वाली राजनीतिक परिस्थिति में जब मुख्यमंत्री राजगीर जाते हैं तो उनकी ओर से अहम फैसले की सुगबुगाहट होने लगती है. अतीत में भी सीएम नीतीश कुमार ने ऐसा करके दिखाया है. फिलहाल जदयू में राजनीतिक संकट (Political crisis in JDU) की स्थिति है. इसी बीच नीतीश कुमार राजगीर यात्रा पर जा रहे हैं.
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लेते हैं चौंकाने वाले फैसले: नीतीश कुमार राजगीर प्रवास के दौरान अहम फैसले लेते रहे हैं. अतीत में भी बड़े फैसले लेकर नीतीश कुमार ने राजनीतिक पंडितों को चौकाया है. साल 2013 में नीतीश कुमार प्रवास के लिए राजगीर गए थे और अपने फैसले से सबको चौंका दिया था. नीतीश कुमार ने एनडीए कोटे के तमाम मंत्रियों को एक ही झटके में बर्खास्त कर दिया था और भाजपा का दामन छोड़ दिया था. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने मिलकर महागठबंधन को आकार दिया था.
राजगीर में तोड़ा था महागठबंधन: साल 2017 में भी नीतीश कुमार स्वास्थ्य लाभ के लिए राजगीर गए. जब वह राजगीर गए तो उनके फैसले ने एक बार फिर सबको चौंका दिया था. नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ने का निर्णय लिया और एक बार फिर वे भाजपा के साथ हो लिए. भाजपा के सहयोग से एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. अब जबकि आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच विवाद गहरा गया है, वैसी स्थिति में नीतीश कुमार राजगीर प्रवास पर जा रहे हैं. संभव है कि इस बार भी नीतीश कुमार अपने फैसले से सबको चौंका दें. राज्यसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
"राजगीर से मुख्यमंत्री का जुड़ाव है और जब भी वह अशांत महसूस करते हैं, तब वह राजगीर यात्रा पर जाते हैं. खास तौर पर प्रवास के दौरान नीतीश कुमार वहां मंथन करते हैं और अपने फैसले से सबको चौंका देते हैं. हाल के कुछ वर्षों में दो-तीन मौकों पर नीतीश कुमार ने अपने फैसले से सबको चौंकाया है. अगर इस बार भी कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो आश्चर्य की बात नहीं होगी"- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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