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राजगीर में तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व, CM नीतीश बोले- मेरे दादा, पिता के बाद बड़े भाई भी वैद्य

बिहार के राजगीर में तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व ( Ayurveda Festival In Rajgir ) का आयोजन किया गया है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस पर्व में देशभर के 1500 से अधिक चिकित्सकों एवं छात्रों ने भाग लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Three Day Ayurveda Festival
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Published : Dec 12, 2021, 7:10 AM IST

Updated : Dec 12, 2021, 7:22 AM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व 2021 ( Three Day Ayurveda Festival ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में मुझे दूसरी बार शामिल होने का मौका मिला है. वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी से मेरा लगभग 14 साल पुराना संबंध है. देवेन्द्र त्रिगुणा जी के पिता भी देश के बड़े वैद्य थे. वे इलाज करने विदेशों में भी जाते थे. आप सभी आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, यह बहुत खुशी की बात है.

नीतीश ने कहा कि आप लोगों ने चार जगहों पर इस प्रकार के कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है और अपने पहले कार्यक्रम के लिए राजगीर का चयन किया है. इससे मुझे बेहद खुशी हो रही है. राजगीर एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक भूमि है. भगवान बुद्ध यहां आते थे तो उनको देखने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक भी यहां आते थे. राजगीर एक अंतर्राष्ट्रीय स्थल है, जिसे ध्यान में रखकर यहां इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया.

ये भी पढ़ें- उपमुख्यमंत्री की दो टूक- 'बख्शे नहीं जाएंगे व्यवसाईयों को तंग करने वाले अधिकारी'

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दादाजी भी वैद्य थे. हमारे पिताजी भी वैद्य रहे हैं. मेरे बड़े भाई भी वैद्य हैं इसलिए मुझे आयुर्वेद के बारे में बहुत कुछ जानने और समझने का मौका मिला है लेकिन मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राजनीति में चला आया. उन्होंने कहा कि वर्ष 1926 में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल की स्थापना हुई थी. उस समय मेरे पिताजी ने वहां से पढ़ाई की थी. मेरे पिताजी चिकित्सकों के एप्वाइंमेंट कमिटी में भी थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 नवंबर को राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल की स्थिति देखने के बाद हमने इसके विस्तार का निर्णय लिया. उसकी व्यवस्था को बेहतर करना हमलोगों का दायित्व है. राजकीय तिब्बी कॉलेज को शिफ्ट किया जायेगा, जिसके लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज कैंपस के बगल में 10 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया है. डेढ़ से दो साल में भवन का निर्माण होने के बाद इसे नये कैंपस में शिफ्ट कर दिया जायेगा.

ये भी पढ़ें: मामा साधु पर भड़कीं रोहिणी, कहा- 'कंस आज भी समाज में मौजूद है, इन्होंने साबित कर दिया'

राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल और राजकीय तिब्बी कॉलेज के बीच की सड़क को ध्यान में रखते हुए दोनों भवनों को आवागमन के लिए ऊपर से जोड़ा जायेगा ताकि सड़क मार्ग अवरुद्ध न हो. इस प्रकार राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का न सिर्फ विस्तार होगा बल्कि यह देखने में काफी सुंदर भी लगेगा. इसके अलावा अन्य जगहों पर बंद पड़े आयुर्वेदिक कॉलेजों को शुरू किया जायेगा.

राजकीय राय बहादुर टुनकी साह होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय मुजफ्फरपुर, महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान दरभंगा एवं राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय तथा चिकित्सालय बेगूसराय के विस्तार एवं विकास के लिए कैबिनेट से 838 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है. अन्य जरुरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस पर काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल पटना के साथ-साथ भागलपुर के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का भी जीर्णोद्धार किया जायेगा. इसके लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी.
ये भी पढ़ें- बिहार में पुरानी चिकित्सीय पद्धति के विस्तार पर जोर, CM नीतीश कुमार ने किया मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में पंच पर्वत है. बचपन से मेरा यहां आना-जाना लगा रहा है. पिताजी ने बताया था कि यहां जड़ी बूटियों का अपार भंडार है. राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय अस्पताल पटना में भी हमने देखा कि राजगीर से ही औषधियां तैयार करने के लिए जड़ी बूटियों को लाया गया है. यहां के पंच पर्वत पर चिरौंजी, गिलोय, संजीवनी जैसी अनेक प्रकार की महत्वपूर्ण जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं. अभी जो लोग जानकार हैं वे अपने-अपने तरीके से यहां से जड़ी बूटियां लेकर जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हमने तय कर दिया है कि यहां जितने औषधीय पौधे हैं उनका आकलन करके उनका ठीक ढंग से रखरखाव सुनिश्चित किया जाय. जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ने आयुर्वेद पर्व में अनेक राज्यों से लोग पहुंचे हैं, इन्हें राजगीर के वेणुवन, जू सफारी, नेचर सफारी, ग्लास स्काई वॉक जैसे अन्य प्रमुख स्थलों का भ्रमण कराने का प्रबंध करें. उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में हम यहां आकर 7 दिनों तक रहे थे. उस दौरान हमने एक-एक चीज को जाकर देखने के बाद कई फैसले लिए, उसके अनुसार यहां पर विकास का काम किया गया. उन्होंने कहा कि जू सफारी में शेर, बाघ, तेंदुआ और हिरण खुले में विचरण करेंगे और पर्यटक गाड़ी मैं बैठकर उन्हें नजदीक से देख सकेंगे. यह बिहार का पहला जू सफारी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर से सभी धर्मों का संबंध रहा है. भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति से पहले और बाद में यहां आकर निवास किया था. भगवान महावीर से भी इस धरती का रिश्ता है. यहां पर्वतों पर काफी संख्या में जैन मंदिर हैं. महान सूफी संत मकदूम साहब को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई. उस जगह पर मकदूम कुंड है. गुरुनानक देव जी महाराज भी यहां आये थे, उस जगह पर शीतल कुंड अवस्थित है. शीतल कुंड को छोड़कर अन्य सभी गर्म कुंड हैं. प्रत्येक 3 साल में यहां मलमास का मेला लगता है.

मान्यता है कि पूरे एक माह तक यहां 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं. यह शासन का भी केंद्र रहा है. उन्होंने कहा कि नेचुरोपैथी को भी पूरे तौर पर बढ़ावा देना चाहिए. साउथ अफ्रिका से आने के बाद गांधी जी ने ही नेचुरोपैथी की शुरुआत कराई थी. गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के बाद भागलपुर में तपोवर्द्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना हुई थी. इसके विस्तार के लिए राज्य सरकार की तरफ से 50 करोड़ रूपये से ज्यादा की मदद उपलब्ध करायी गई है.

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प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है. आयुर्वेद के साथ-साथ नेचुरोपैथी को बढ़ावा देने के लिए काम करना आवश्यक है. हम चाहते हैं कि राजगीर में भी नेचुरोपैथी का एक संस्थान स्थापित हो. इससे नेचुरोपैथ को प्रमोट करने का मौका मिलेगा. राज्य सरकार की तरफ से आप लोगों को हरसंभव सहयोग दिया जायेगा. आपके जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उस दिशा में गंभीरता से निर्णय लेना हम सबका दायित्व है. इसके लिए हमारी प्रतिबद्धता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. इसके प्रति लोगों में सजगता, जागरुकता जरुरी है. कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना जरुरी है. हमलोगों के यहां पूरी तैयारी है. कोरोना को लेकर पूरे तौर पर सभी लोग सतर्क हैं. इसको लेकर आप लोग भी अपने-अपने सुझाव दीजिए.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व 2021 ( Three Day Ayurveda Festival ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में मुझे दूसरी बार शामिल होने का मौका मिला है. वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी से मेरा लगभग 14 साल पुराना संबंध है. देवेन्द्र त्रिगुणा जी के पिता भी देश के बड़े वैद्य थे. वे इलाज करने विदेशों में भी जाते थे. आप सभी आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, यह बहुत खुशी की बात है.

नीतीश ने कहा कि आप लोगों ने चार जगहों पर इस प्रकार के कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है और अपने पहले कार्यक्रम के लिए राजगीर का चयन किया है. इससे मुझे बेहद खुशी हो रही है. राजगीर एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक भूमि है. भगवान बुद्ध यहां आते थे तो उनको देखने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक भी यहां आते थे. राजगीर एक अंतर्राष्ट्रीय स्थल है, जिसे ध्यान में रखकर यहां इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दादाजी भी वैद्य थे. हमारे पिताजी भी वैद्य रहे हैं. मेरे बड़े भाई भी वैद्य हैं इसलिए मुझे आयुर्वेद के बारे में बहुत कुछ जानने और समझने का मौका मिला है लेकिन मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राजनीति में चला आया. उन्होंने कहा कि वर्ष 1926 में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल की स्थापना हुई थी. उस समय मेरे पिताजी ने वहां से पढ़ाई की थी. मेरे पिताजी चिकित्सकों के एप्वाइंमेंट कमिटी में भी थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 नवंबर को राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल की स्थिति देखने के बाद हमने इसके विस्तार का निर्णय लिया. उसकी व्यवस्था को बेहतर करना हमलोगों का दायित्व है. राजकीय तिब्बी कॉलेज को शिफ्ट किया जायेगा, जिसके लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज कैंपस के बगल में 10 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया है. डेढ़ से दो साल में भवन का निर्माण होने के बाद इसे नये कैंपस में शिफ्ट कर दिया जायेगा.

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राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल और राजकीय तिब्बी कॉलेज के बीच की सड़क को ध्यान में रखते हुए दोनों भवनों को आवागमन के लिए ऊपर से जोड़ा जायेगा ताकि सड़क मार्ग अवरुद्ध न हो. इस प्रकार राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का न सिर्फ विस्तार होगा बल्कि यह देखने में काफी सुंदर भी लगेगा. इसके अलावा अन्य जगहों पर बंद पड़े आयुर्वेदिक कॉलेजों को शुरू किया जायेगा.

राजकीय राय बहादुर टुनकी साह होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय मुजफ्फरपुर, महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान दरभंगा एवं राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय तथा चिकित्सालय बेगूसराय के विस्तार एवं विकास के लिए कैबिनेट से 838 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है. अन्य जरुरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस पर काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल पटना के साथ-साथ भागलपुर के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का भी जीर्णोद्धार किया जायेगा. इसके लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी.
ये भी पढ़ें- बिहार में पुरानी चिकित्सीय पद्धति के विस्तार पर जोर, CM नीतीश कुमार ने किया मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में पंच पर्वत है. बचपन से मेरा यहां आना-जाना लगा रहा है. पिताजी ने बताया था कि यहां जड़ी बूटियों का अपार भंडार है. राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय अस्पताल पटना में भी हमने देखा कि राजगीर से ही औषधियां तैयार करने के लिए जड़ी बूटियों को लाया गया है. यहां के पंच पर्वत पर चिरौंजी, गिलोय, संजीवनी जैसी अनेक प्रकार की महत्वपूर्ण जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं. अभी जो लोग जानकार हैं वे अपने-अपने तरीके से यहां से जड़ी बूटियां लेकर जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हमने तय कर दिया है कि यहां जितने औषधीय पौधे हैं उनका आकलन करके उनका ठीक ढंग से रखरखाव सुनिश्चित किया जाय. जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ने आयुर्वेद पर्व में अनेक राज्यों से लोग पहुंचे हैं, इन्हें राजगीर के वेणुवन, जू सफारी, नेचर सफारी, ग्लास स्काई वॉक जैसे अन्य प्रमुख स्थलों का भ्रमण कराने का प्रबंध करें. उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में हम यहां आकर 7 दिनों तक रहे थे. उस दौरान हमने एक-एक चीज को जाकर देखने के बाद कई फैसले लिए, उसके अनुसार यहां पर विकास का काम किया गया. उन्होंने कहा कि जू सफारी में शेर, बाघ, तेंदुआ और हिरण खुले में विचरण करेंगे और पर्यटक गाड़ी मैं बैठकर उन्हें नजदीक से देख सकेंगे. यह बिहार का पहला जू सफारी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर से सभी धर्मों का संबंध रहा है. भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति से पहले और बाद में यहां आकर निवास किया था. भगवान महावीर से भी इस धरती का रिश्ता है. यहां पर्वतों पर काफी संख्या में जैन मंदिर हैं. महान सूफी संत मकदूम साहब को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई. उस जगह पर मकदूम कुंड है. गुरुनानक देव जी महाराज भी यहां आये थे, उस जगह पर शीतल कुंड अवस्थित है. शीतल कुंड को छोड़कर अन्य सभी गर्म कुंड हैं. प्रत्येक 3 साल में यहां मलमास का मेला लगता है.

मान्यता है कि पूरे एक माह तक यहां 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं. यह शासन का भी केंद्र रहा है. उन्होंने कहा कि नेचुरोपैथी को भी पूरे तौर पर बढ़ावा देना चाहिए. साउथ अफ्रिका से आने के बाद गांधी जी ने ही नेचुरोपैथी की शुरुआत कराई थी. गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के बाद भागलपुर में तपोवर्द्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना हुई थी. इसके विस्तार के लिए राज्य सरकार की तरफ से 50 करोड़ रूपये से ज्यादा की मदद उपलब्ध करायी गई है.

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प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है. आयुर्वेद के साथ-साथ नेचुरोपैथी को बढ़ावा देने के लिए काम करना आवश्यक है. हम चाहते हैं कि राजगीर में भी नेचुरोपैथी का एक संस्थान स्थापित हो. इससे नेचुरोपैथ को प्रमोट करने का मौका मिलेगा. राज्य सरकार की तरफ से आप लोगों को हरसंभव सहयोग दिया जायेगा. आपके जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उस दिशा में गंभीरता से निर्णय लेना हम सबका दायित्व है. इसके लिए हमारी प्रतिबद्धता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. इसके प्रति लोगों में सजगता, जागरुकता जरुरी है. कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना जरुरी है. हमलोगों के यहां पूरी तैयारी है. कोरोना को लेकर पूरे तौर पर सभी लोग सतर्क हैं. इसको लेकर आप लोग भी अपने-अपने सुझाव दीजिए.

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Last Updated : Dec 12, 2021, 7:22 AM IST
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