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बाढ़ के हालात पर सदन में बोले CM- हर संभव मदद को तैयार है सरकार - refugees

मुख्यमंत्री ने कहा 12 जिलों के 78 प्रखंड वार्ड से ग्रस्त हैं और अभी तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से 537 ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं यह संख्या बढ़ भी सकती है.

सदन में बोलते सीएम नीतीश
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Published : Jul 16, 2019, 1:25 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 3:26 PM IST

पटना: प्रदेश में आई प्रलयंकारी बाढ़ पर सीएम नीतीश ने सदन में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कोसी नदी के जलस्तर में पिछले 15 सालों का सबसे ज्यादा जलस्तर देखने को मिला है. नेपाल में अचानक हुइ भारी बारिश से फ्लैश फ्लड जैसे हालात बने. उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बचाव और राहत कार्य तेज करने का निर्देश दे दिए गए है. बाढ़ की इस आपदा में सभी को संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत है.

'900 से अधिक की संख्या में मानव बल की तैनाती'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बागमती नदी में आई बाढ़ से शिवहर सीतामढ़ी सहित आसपास के जिलों के लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए 125 वोट को लगाया गया है और 900 से अधिक की संख्या में मानव बल लगे हुए हैं.

'NDRF-SDRF की 26 टुकड़ियां तैनात'
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टुकड़ियों को तैनात किया गया है. इओसी का गठन किया गया है. 199 राहत शिविरों में 1लाख से ज्यादा शरणार्थी मौजूद है. इनके लिए हर जरुरू कदम उठाए जा रहे हैं. 350 सामुदायिक किचन बनाए गए हैं, दवाईयों की व्यवस्था, साफ -सफाइ रखने के निर्देश दिए गए हैं. पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है.

सदन में बोलते सीएम नीतीश

'नेपाल में औसत वर्षापात की जगह 300 मिमी वर्षा'
मुख्यमंत्री ने कहा 12 जिलों के 78 प्रखंड वार्ड से ग्रस्त हैं और अभी तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से 537 ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं यह संख्या बढ़ भी सकती है. पानी कम होते ही सड़कों को जल्द बनाने का आदेश दे दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा पिछले तीन-चार दिनों में नेपाल के तराई क्षेत्रों में 50 मिलीमीटर औसत वर्षापात की जगह 300 मिलीमीटर वर्षापात हुई है.

'हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ गंभीर'
हालांकि सीएम ने इस बीच अपनी सरकार की पीठ भी थपथपाई. उन्होंने कहा कि राहत और बचाव के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ गंभीर है. दूसरी सरकारों से बेहतर राहत उपलब्ध कराई और यब बात बाढ़ पीड़ित जनता जानती है. सहायता राशि उनके खाते में सीधे ट्रांसफर होगी.

'आपदा में संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत'
सीएम ने कहा कि बाढ़ एक कुदरती देन है. 2017 और 2019 दोनों बार हमने निरिक्षण किया है. पहले बारिश नहीं होती और अचानक से तेज बारिश हो जाती है. फ्लैश फ्लड जैसे हालात बन जाते हैं. ऐसी परिस्थिती में बचाव करने की आपकी क्षमता से ज्यादा जलस्तर में बढ़ोतरी हो जाती है. फिर भी पहले से ही सरकार सचेत है. बाढ़ के अलावा सूखे से निपटने के लिए सजगता के साथ हम तैयार है. बाढ़ की इस आपदा में संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत है.

पटना: प्रदेश में आई प्रलयंकारी बाढ़ पर सीएम नीतीश ने सदन में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कोसी नदी के जलस्तर में पिछले 15 सालों का सबसे ज्यादा जलस्तर देखने को मिला है. नेपाल में अचानक हुइ भारी बारिश से फ्लैश फ्लड जैसे हालात बने. उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बचाव और राहत कार्य तेज करने का निर्देश दे दिए गए है. बाढ़ की इस आपदा में सभी को संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत है.

'900 से अधिक की संख्या में मानव बल की तैनाती'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बागमती नदी में आई बाढ़ से शिवहर सीतामढ़ी सहित आसपास के जिलों के लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए 125 वोट को लगाया गया है और 900 से अधिक की संख्या में मानव बल लगे हुए हैं.

'NDRF-SDRF की 26 टुकड़ियां तैनात'
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टुकड़ियों को तैनात किया गया है. इओसी का गठन किया गया है. 199 राहत शिविरों में 1लाख से ज्यादा शरणार्थी मौजूद है. इनके लिए हर जरुरू कदम उठाए जा रहे हैं. 350 सामुदायिक किचन बनाए गए हैं, दवाईयों की व्यवस्था, साफ -सफाइ रखने के निर्देश दिए गए हैं. पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है.

सदन में बोलते सीएम नीतीश

'नेपाल में औसत वर्षापात की जगह 300 मिमी वर्षा'
मुख्यमंत्री ने कहा 12 जिलों के 78 प्रखंड वार्ड से ग्रस्त हैं और अभी तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से 537 ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं यह संख्या बढ़ भी सकती है. पानी कम होते ही सड़कों को जल्द बनाने का आदेश दे दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा पिछले तीन-चार दिनों में नेपाल के तराई क्षेत्रों में 50 मिलीमीटर औसत वर्षापात की जगह 300 मिलीमीटर वर्षापात हुई है.

'हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ गंभीर'
हालांकि सीएम ने इस बीच अपनी सरकार की पीठ भी थपथपाई. उन्होंने कहा कि राहत और बचाव के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ गंभीर है. दूसरी सरकारों से बेहतर राहत उपलब्ध कराई और यब बात बाढ़ पीड़ित जनता जानती है. सहायता राशि उनके खाते में सीधे ट्रांसफर होगी.

'आपदा में संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत'
सीएम ने कहा कि बाढ़ एक कुदरती देन है. 2017 और 2019 दोनों बार हमने निरिक्षण किया है. पहले बारिश नहीं होती और अचानक से तेज बारिश हो जाती है. फ्लैश फ्लड जैसे हालात बन जाते हैं. ऐसी परिस्थिती में बचाव करने की आपकी क्षमता से ज्यादा जलस्तर में बढ़ोतरी हो जाती है. फिर भी पहले से ही सरकार सचेत है. बाढ़ के अलावा सूखे से निपटने के लिए सजगता के साथ हम तैयार है. बाढ़ की इस आपदा में संवेदना के साथ मिलकर काम करने की जरुरत है.

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Last Updated : Jul 16, 2019, 3:26 PM IST
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