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चिराग ने बढ़ाई चाचा और भाई की टेंशन, मोर्चा संभालने बिहार आ रहे प्रिंस राज - चिराग ने बढ़ाई चाचा और भाई की टेंशन

एलजेपी (LJP) में टूट के बाद चिराग पासवान लगातार बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने अपने इस अभियान को आशीर्वाद यात्रा का नाम दिया है. इसमें उन्हें व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है. भारी भीड़ जुट रही है. इससे पारस गुट की टेंशन बढ़ गयी है. पढ़ें विशेष रिपोर्ट...

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Published : Aug 1, 2021, 11:05 AM IST

Updated : Aug 1, 2021, 11:25 AM IST

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में बगावत के बाद पार्टी दो फाड़ हो गयी. जमुई से सांसद चिराग पासवान (Jamui MP Chirag Paswan) के चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने पांच सांसदों को अपने पाले में कर लिया. अपने गुट को असली एलजेपी बताया और अब वे केंद्र में मंत्री भी बन चुके हैं.

ये भी पढ़ें: आशीर्वाद यात्रा-4 पर बोले चिराग- 'नहीं बनना अपने मुंह मियां मिट्ठू, जनता का प्यार हमारे साथ'

ये भी पढ़ें: 'कोरोना प्रोटोकॉल के साथ खुले विष्णुपद मंदिर, दूसरे राज्य के खुल सकते हैं टैंपल तो बिहार में क्यों नहीं'

पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे देश के बड़े राजनीतिज्ञ दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बेटे चिराग पासवान को एक प्रकार से अलग-थलग करने का प्रयास किया गया. लेकिन चिराग ने हथियार डालने के बजाय मैदान में उतरना ही बेहतर समझा. और इसी से चाचा पशुपति कुमार पारस और सांसद चचेरे भाई प्रिंस राज की टेंशन बढ़ गयी है.

दरअसल, पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान को जनता के बीच जाना ही श्रेयकर लगा. इसके लिए उन्होंने आशीर्वाद यात्रा पर जाने का निर्णय लिया. आशीर्वाद यात्रा के प्रथम चरण में चिराग अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे थे. वहां पर उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला था. यात्रा में भारी भीड़ जुटी थी. इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर, बेगूसराय और खगड़िया का दौरा किया था.

दूसरे चरण में वे 16, 17 और 18 जुलाई को कटिहार, पूर्णिया और अररिया में पहुंचे थे. वहां भी उन्हें जोरदार जनसमर्थन मिला था. इस यात्रा से पहले चिराग 23 जुलाई को बेतिया में शराबकांड के पीड़ितों से भी मिलने पहुंचे थे. यह उनकी आशीर्वाद यात्रा का हिस्सा नहीं था. अब चौथे चरण की शुरुआत आज वे सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से कर रहे हैं. अब देखना है कि सीएम के क्षेत्र में वे लोगों के बीच अपनी किस बात को प्रमुखता से रखते हैं.

भले ही एलजेपी के कई बड़े चेहरे अब चिराग पासवान के साथ नहीं हैं. उनके खुद के चाचा और सांसद भाई पार्टी को तोड़कर अलग गुट बना चुके हैं लेकिन अब तक के आशीर्वाद यात्रा से चिराग को मिले जनसमर्थन से चाचा और भाई समेत उस गुट के नेता टेंशन में हैं. अब वे इसकी काट खोजने में लगे हैं.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एलजेपी के दो फाड़ होने के बाद से पूरे परिदृश्य से गायब रहने वाले प्रिंस राज को चिराग के मुकाबले मैदान में उतारने का प्लान बनाया गाय है. प्रिंस की पटना यात्रा और बैठक को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज आज दिल्ली से पटना पहुंचेंगे.

पार्टी में टूट के बाद प्रिंस राज (Samastipur MP Prince Paswan) पहली बार जनता के सामने होंगे. कहने के लिए तो वे पटना में पारस गुट के लोजपा और दलित सेना की बैठक करेंगे लेकिन वास्तव में टार्गेट चिराग हैं. प्रिंस राज पारस गुट वाली एलजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. इसी बहाने पारस गुट युवा चिराग के मुकाबले दूसरे युवा प्रिंस को बिहार की सड़कों पर उतारकर अपने जन समर्थन का थाह लेना लेना चाहता है.

यहां बता दें कि पशुपति कुमार पारस भी बिहार के जिलों का दौरा करेंगे. बताया गया था कि 15 अगस्त के बाद केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस बिहार के दौरे पर आएंगे और राज्य के विभिन्न जिलों में उनका कार्यक्रम होगा. वे जिलों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे. उनसे सलाह लेकर संगठन को मजबूत करेंगे. इसे भी चिराग से मुकाबले की कवायद के तौर ही देखा जा रहा है.

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में बगावत के बाद पार्टी दो फाड़ हो गयी. जमुई से सांसद चिराग पासवान (Jamui MP Chirag Paswan) के चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने पांच सांसदों को अपने पाले में कर लिया. अपने गुट को असली एलजेपी बताया और अब वे केंद्र में मंत्री भी बन चुके हैं.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे देश के बड़े राजनीतिज्ञ दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बेटे चिराग पासवान को एक प्रकार से अलग-थलग करने का प्रयास किया गया. लेकिन चिराग ने हथियार डालने के बजाय मैदान में उतरना ही बेहतर समझा. और इसी से चाचा पशुपति कुमार पारस और सांसद चचेरे भाई प्रिंस राज की टेंशन बढ़ गयी है.

दरअसल, पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान को जनता के बीच जाना ही श्रेयकर लगा. इसके लिए उन्होंने आशीर्वाद यात्रा पर जाने का निर्णय लिया. आशीर्वाद यात्रा के प्रथम चरण में चिराग अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे थे. वहां पर उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला था. यात्रा में भारी भीड़ जुटी थी. इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर, बेगूसराय और खगड़िया का दौरा किया था.

दूसरे चरण में वे 16, 17 और 18 जुलाई को कटिहार, पूर्णिया और अररिया में पहुंचे थे. वहां भी उन्हें जोरदार जनसमर्थन मिला था. इस यात्रा से पहले चिराग 23 जुलाई को बेतिया में शराबकांड के पीड़ितों से भी मिलने पहुंचे थे. यह उनकी आशीर्वाद यात्रा का हिस्सा नहीं था. अब चौथे चरण की शुरुआत आज वे सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से कर रहे हैं. अब देखना है कि सीएम के क्षेत्र में वे लोगों के बीच अपनी किस बात को प्रमुखता से रखते हैं.

भले ही एलजेपी के कई बड़े चेहरे अब चिराग पासवान के साथ नहीं हैं. उनके खुद के चाचा और सांसद भाई पार्टी को तोड़कर अलग गुट बना चुके हैं लेकिन अब तक के आशीर्वाद यात्रा से चिराग को मिले जनसमर्थन से चाचा और भाई समेत उस गुट के नेता टेंशन में हैं. अब वे इसकी काट खोजने में लगे हैं.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एलजेपी के दो फाड़ होने के बाद से पूरे परिदृश्य से गायब रहने वाले प्रिंस राज को चिराग के मुकाबले मैदान में उतारने का प्लान बनाया गाय है. प्रिंस की पटना यात्रा और बैठक को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज आज दिल्ली से पटना पहुंचेंगे.

पार्टी में टूट के बाद प्रिंस राज (Samastipur MP Prince Paswan) पहली बार जनता के सामने होंगे. कहने के लिए तो वे पटना में पारस गुट के लोजपा और दलित सेना की बैठक करेंगे लेकिन वास्तव में टार्गेट चिराग हैं. प्रिंस राज पारस गुट वाली एलजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. इसी बहाने पारस गुट युवा चिराग के मुकाबले दूसरे युवा प्रिंस को बिहार की सड़कों पर उतारकर अपने जन समर्थन का थाह लेना लेना चाहता है.

यहां बता दें कि पशुपति कुमार पारस भी बिहार के जिलों का दौरा करेंगे. बताया गया था कि 15 अगस्त के बाद केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस बिहार के दौरे पर आएंगे और राज्य के विभिन्न जिलों में उनका कार्यक्रम होगा. वे जिलों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे. उनसे सलाह लेकर संगठन को मजबूत करेंगे. इसे भी चिराग से मुकाबले की कवायद के तौर ही देखा जा रहा है.

Last Updated : Aug 1, 2021, 11:25 AM IST
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