पटना: बिहार के कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों और इलाज कर रहे डॉक्टरोंं और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से गुहार लगाई है. गुरुवार को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने ये मसला उठाया. बैठक में बिहार ने मांग की है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए लैब की संख्या बढ़ाई जाए. इसके अलावा काम कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा किट की उपलब्धि पर भी सवाल उठाए.
बिहार में वायरस की जांच लैब की संख्या में बढ़ोतरी की मांग
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि डॉक्टरों के सुरक्षा किट बनाने वाली कई कंपनियों में काम बढ़ाए गए हैं. लेकिन, कितने किट मिल पाएंगे यह भी बताना मुश्किल है. बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण बढ़ते आंकड़ों पर भी चिंता जाहिर की गई. उप सचिव ने बिहार में इस वायरस की जांच लैब की संख्या में कमी पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कई और जांच घरों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए भी भारत सरकार से मदद मांगी गई है. वर्तमान में बिहार में RMRI और IGIMS में जांच हो रहे हैं. लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ी तो या जांच घर नाकाफी साबित होंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से दिए 100 करोड़ रुपए
वहीं बैठक में राज्य से बाहर रहने वाले बिहारियों का मसला भी उठा. भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों के उप सचिव को निर्देश जारी किया. उन्होंने कहा कि जहां भी अन्य राज्य के लोग हैं उन्हें सारी बुनियादी सुविधा मुहैया कराई जाए. पटना में फंसे हुए लोगों के लिए कम्युनिटी किचन शुरू किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए दिए हैं.